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बोले बाराबंकी:सड़क बना स्टैण्ड,जाम से रेंगते रहते हैं वाहन

Barabanki News - बाराबंकी शहर में पार्किंग की समस्या विकराल बन गई है। सड़कों पर खड़े वाहनों के कारण जाम की स्थिति बनी रहती है। प्रशासन ने कुछ पार्किंग स्थल बनाए हैं, लेकिन लोग उन्हें इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं। इससे...

Newswrap हिन्दुस्तान, बाराबंकीTue, 15 April 2025 05:44 PM
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बोले बाराबंकी:सड़क बना स्टैण्ड,जाम से रेंगते रहते हैं वाहन

बाराबंकी। शहर में आने वाले मुख्य पुराने राजमार्ग के दोनों ओर बसे बाराबंकी शहर में पार्किंग एक विकराल समस्या बनी हुई है। सड़कों पर वाहनों के होने से बस से लेकर टेम्पो और फिर निजी वाहनों पर सवार लोग जाम से जूझते रहते हैं। पार्किंग का स्थाई समाधान न होने के कारण सड़कों पर खड़े हजारों दोपहिया व चार पहिया वाहन ने यातायात व्यवस्था को भी चौपट कर रखा है। प्रशासन ने पुराने राजमार्ग के किनारे दो पार्किंग स्थल तो बनाया गया है मगर उसमें शहर में दो-चार घंटे के लिए आने वाले दूर बने पार्किंग में वाहन खड़ा करना मुनासिब नहीं समझते हैं। विजय उद्यान पार्क से लेकर जिला पंचायत तक स्थिति विकराल: बाराबंकी शहर में पुराने राजमार्ग पर आते ही डीएम आवास से ही जाम जैसे हालात मिलते हैं। तहसील नवाबगंज के सामने भी वाहन पार्क रहते हैं मगर वहां गार्ड तैनात होने के कारण वाहनों को वह व्यवस्थित कराते रहते हैं। मगर इसके आगे बढ़ने के बाद कलेक्ट्रेट मोड के आगे विजय उद्यान पार्क से ही हालत बद्तर नजर आने लगते हैं। विजय उद्यान पार्क के सामने अतिक्रमण करके ठेले आदि सड़कों तक लगे हैं। इसके बाद बाटी-चोखा आदि खाने वालों के वाहन खड़े रहते हैं। वहीं बगल में स्थित पीडब्लूडी गेस्ट हाउस जाने वाले मार्ग पर चार पहिया वाहन सड़क के दोनों ओर खड़े रहते हैं। इसके बाद दीवानी कचहरी के हालात तो और अधिक बद्तर हैं। यहां आने वाले सैकड़ों वकील और वादकारियों के दोपहिया वाहन सड़क तक खड़े रहते हैं। यह हालत रजिस्ट्री कार्यालय से लेकर जिला पंचायत तक रहती है। यहां पहले दोपहिया वाहन और उसके बाद बैनामा कराने आए भूमि मालिक व खरीदार अपने लग्जरी वाहन सड़कों पर ही शान से पार्क कर चले जाते हैं। नतीजा खामियाजा उक्त मार्ग से गुजरने वाले बस पर सवार यात्री व चार पहिया व दोपहिया वाहन चालक भुगतते हैं। सुबह से शाम तक उक्त मार्ग पर पार्किंग न होने से जाम लगा रहता है।

दूर बनाई दोनों पार्किंग हो रही बेमकसद: प्रशासन द्वारा नवाबगंज तहसील के सामने खाली पड़ी सरकारी भूमि पर पार्किंग बनाया गया है। वहीं आफिसर्स क्लब के बगल में भी एक पार्किंग बनाई गई है। मगर उक्त पार्किंग स्थल पर सिर्फ सरकारी दफ्तरों में काम करने वाले अधिकारी व कर्मचारी ही अपने वाहन खड़े करते हैं। ऐसे लोग पहले डीआरडीए में वाहन खड़ी करते थे। जिस पर सख्ती की गई तो वह लोग अपने वाहन पार्किंग स्थल पर खड़ी करते हैं। कर्मचारी व अधिकारी सुबह आते हैं और फिर शाम को पार्किंग से वाहन लेकर घर चले जाते हैं मगर वहां पर बाइक आदि दोपहिया वाहन कोई खड़ा करने नहीं जाता है। कचहरी आने वाले अधिवक्ता अधिकांश वहीं अपनी बाइक खड़ी करते हैं। इसके अलावा दो-चार घंटे के लिए कचहरी आए वादकारियों को भी दूर जाकर बाइक खड़ा करना रास नहीं आता है और वह अपने वाहन भी कचहरी व रजिस्ट्री कार्यालय के सामने खड़ा करते हैं। जिसके कारण पार्किंग की समस्या जस की तस बनी हुई है। पार्किंग की व्यवस्था बाजारों में भी नहीं है। नेबलेट से लेकर छाया चौराहे तक ही नहीं, घोसियाने तक दुकानों के आगे सैकड़ों की संख्या में दोपहिया व चार पहिया वाहन खड़े रहते हैं। जिसमें अधिकांश ग्राहक ही होते हैं। जिसके कारण बड़े वाहनों के आ जाने पर अक्सर जाम लगता है। नगर पालिका से अक्सर ट्रक आदि निकलने पर समस्या बढ़ जाती है। इसी प्रकार नेबलेट से धनोखर होते हुए सट्टी बाजार तक भी पार्किंग की कोई व्यवस्था न होने से सड़के संकरी होती जा रही है।

रात में हादसा हुआ तो एम्बुलेंस न पहुंच पाए

करोड़ों की कोठी मगर वाहन सभी सड़क पर। जिसका कारण एक-एक घर में तीन-चार वाहनों का होना। नतीजा अधिकांश वाहन घरों के सामने सड़क पर। पूरी रात से लेकर सुबह तक वाहन सड़कों पर ही खडे़ रहते हैं। कुछ ऐसी ही स्थिति आवास विकास कालोनी, लाजपत नगर, लक्ष्मण बिहार कालोनी, सिविल लाइन्स, लखपेड़ाबाग आदि अधिकांश कालोनियों में शाम के बाद एक-एक करके सड़कों पर चार पहिया वाहन आकर खड़े होने लगते हैं। यह वाहन सुबह तक खड़े रहते हैं। हालत यह है कि रात को अगर किसी वाहन को घर में बीमार को लेकर इमरजेंसी में अस्पताल जाना हो तो वह अपना वाहन नहीं निकाल सकता। क्योंकि आगे-पीछे अन्य वाहन कतार से खड़े रहते हैं। इतना ही नहीं 25 फिट के मार्ग के दोनों ओर कार, लग्जरी वाहन खड़े हो जाते हैं। इसके बाद इतना स्थान नहीं होता है कि एक कार निकल सके। लोगों ने कहा कि अगर रात में कहीं आग लग जाए तो फायर ब्रिगेड की गाड़ियां न पहुंच पाएं। वहीं रात को इमरजेंसी में एम्बुलेंस भी घर के सामने नहीं पहुंच पाएगी। कारों को घरों के अंदर खड़ी करने वाले लोगों का कहना है कि मोहल्ले में रात को कोई मेहमान नहीं आता, सभी कहते हैं कि उसकी गाड़ी पहुंच ही नहीं पाएगी। लोगों ने कहा कि सुबह तो कई बार स्कूली वैन, बोलेरो तक नहीं आ पाती है। जिसके कारण उन लोगों को मुख्य सड़क पर लाकर छोड़ना पड़ता है। सभी ने कहा कि ऐसे में प्रशासन को चाहिए कि ऐसे वाहनों के खिलाफ कार्रवाई की जाए जो पूरी रात को घर के बाहर खड़ी रहती है।

बोले जिम्मेदार

एसडीएम सदर आनंद तिवारी ने कहा कि लगातार पर्व व त्यौहारों में शांति व्यवस्था के कारण पुलिस व प्रशासन व्यस्त था। जल्द ही अधिशासी अधिकारी व पुलिस विभाग की टीम बनाकर खाली स्थान चिन्हित होंगे जहां पर पार्किंग की व्यवस्था शहर के मध्य में कराई जा सके। इसके अलावा अतिक्रमण के लिए भी अभियान चलाया जाएगा।

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