बोले बाराबंकी:सौर ऊर्जा पैनल लगवाने की प्रक्रिया और आसान हो
Barabanki News - बाराबंकी में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए जागरूकता शिविर लगाए जा रहे हैं, लेकिन यह पर्याप्त नहीं हैं। जिले में 16,000 किलोवाट से अधिक सौर संयंत्र स्थापित किए गए हैं, जिससे 150 मेगावाट बिजली की बचत...

बाराबंकी। जिले में सोलर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए उत्तर प्रदेश नवकरणीय ऊर्जा विकास अभिकरण की ओर से कुछ जागरूकता शिविर लगाए गए हैं, पर ये पर्याप्त नहीं हैं। वहीं कुछ निजी संस्थाएं ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे स्तर पर लोगों को तकनीकी सहायता दे रही हैं। लेकिन अब तक यह प्रयास सीमित ही हैं। जिले में सौर ऊर्जा की ओर धीरे-धीरे बढ़ते कदम एक सकारात्मक संकेत हैं, लेकिन इसकी गति और व्यापकता को बढ़ाने के लिए बड़े स्तर पर जन-जागरूकता अभियान, सरकारी सब्सिडी की प्रक्रिया को सरल बनाना और स्थानीय तकनीकी सहायता को सुलभ कराना बेहद जरूरी है। अगर इन पहलुओं पर ध्यान दिया जाए तो जिले के अधिकतर घर और कार्यालय आने वाले वर्षों में सौर ऊर्जा से रोशन हो सकते हैं।
डेढ़ सौ मेगावाट बिजली की हो रही बचत: गर्मियों के मौसम में बिजली की मांग लगातार बढ़ती जा रही है। जिले में इन दिनों 812 मेगावाट तक की बिजली की आवश्यकता है, जबकि खपत 700 मेगावाट से अधिक हो रही है। इस खपत को पूरा करने में सौर ऊर्जा का महत्वपूर्ण योगदान सामने आया है। अब तक जिले में 16 हजार किलोवाट से अधिक क्षमता के सोलर पावर संयंत्र लगाए जा चुके हैं, जिससे लगभग 150 मेगावाट बिजली की बचत हो रही है। प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना के तहत जिले में 15 हजार उपभोक्ताओं के यहां सोलर प्लांट लगाए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। नेडा के परियोजना अधिकारी के मुताबिक अब तक 39,991 आवेदन प्राप्त हो चुके हैं, जिनमें से 14,781 उपभोक्ताओं के आवेदन स्वीकृत हो चुके हैं। 1923 उपभोक्ताओं के घरों पर सोलर पैनल लगाए जा चुके हैं, और कार्य तेजी से जारी है। व्यावसायिक और कृषि क्षेत्र में भी हो रहा प्रयोग: पेट्रोल पंप, कोल्ड स्टोरेज और फैक्ट्रियों में लगभग 1000 किलोवाट के सोलर संयंत्र स्थापित हो चुके हैं। पीएम कुसुम-सी योजना के अंतर्गत 60 कृषकों के निजी नलकूपों पर सोलर प्लांट लगाए गए हैं। प्रोजेक्ट मोड और विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत जिले में बड़ी संख्या में सोलर स्ट्रीट लाइट्स लगाई गई हैं। इनमें 749 स्ट्रीट लाइट्स प्रोजेक्ट मोड में, 803 लाइट्स पं. दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण बाजार योजना, 600 लाइट्स बाबू जी कल्याण सिंह ग्राम उन्नति योजना, 305 लाइट्स मुख्यमंत्री समग्र ग्राम योजना, 2410 लाइट सोलर पावर प्लांट, सौभाग्य योजना, 44 स्ट्रीट व 8 हाईमास्ट मछुआ बहुल ग्रामों में, 17 हजार से अधिक स्ट्रीट और हाईमास्ट लाइट्स विधायक/सांसद निधियों से लगाई जा चुकी है। शिक्षण व चिकित्सालयों में भी सौर ऊर्जा का उपयोग: आश्रम पद्धति विद्यालय तीरगांव, सनौली, राजकीय पुस्तकालय, राजकीय आईटीआई, नगर पंचायत टिकैतनगर, 8 माध्यमिक विद्यालयों में सौर संयंत्र लगाए गए हैं। बेसिक शिक्षा विभाग के तहत 144 विद्यालयों में सोलर आरओ वाटर सिस्टम भी स्थापित किए गए हैं। राजकीय जिला महिला अस्पताल (250 किलोवाट) और पुरुष चिकित्सालय (100 किलोवाट) में रेस्को मोड के तहत सोलर प्लांट लगने का कार्य प्रगति पर है। पीएम सूर्य घर योजना की जानकारी से वंचित लोग:प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना के तहत केंद्र सरकार द्वारा शहरी और ग्रामीण घरों पर ग्रिड से जुड़ी सौर ऊर्जा प्रणाली लगाने पर आर्थिक सहायता दी जा रही है। लेकिन बाराबंकी जिले के अधिकतर लोगों को इस योजना की स्पष्ट जानकारी नहीं है। इसी तरह देवा क्षेत्र के कई दुकानदारों और ग्रामीणों ने बताया कि न तो उन्हें योजना की प्रक्रिया की जानकारी है और न ही किसी विभाग या पंचायत स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम हुआ है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि जिला प्रशासन ग्राम पंचायतों के स्तर पर शिविर आयोजित करे तो इसका व्यापक लाभ मिल सकता है। साथ ही स्थानीय युवा उद्यमियों को प्रशिक्षण देकर उन्हें सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने के कार्य से जोड़ा जा सकता है। शहरों में दिख रही तस्वीर बदली-बदली :शहर और आस-पास के कस्बों में अब कई घरों की छतों पर सोलर पैनल लगे देखे जा सकते हैं। लोगों का मानना है कि इससे न केवल बिजली बिल में राहत मिली है, बल्कि कटौती से भी छुटकारा मिला है। इसके विपरीत जिले के फतेहपुर, सुबेहा, सिरौलीगौसपुर, हरख, त्रिवेदीगंज और देवा जैसे ब्लॉकों में अब भी सौर ऊर्जा को लेकर लोगों में जागरूकता की कमी है। प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना के तहत सरकार घरों पर ग्रिड से जुड़ी सोलर प्रणाली लगवाने पर सब्सिडी देती है। लेकिन बाराबंकी के ज्यादातर लोगों को इस योजना की जानकारी ही नहीं है। कुछ निजी संस्थाएं छोटे स्तर पर गांवों में सौर ऊर्जा के प्रति जागरूकता फैलाने और इंस्टालेशन कराने का काम कर रही हैं। स्कूलों और ग्राम पंचायतों में सोलर प्लांट जरूरी:जिले में सौर ऊर्जा के क्षेत्र में तेजी से प्रगति हो रही है, लेकिन अभी भी परिषदीय स्कूलों और ग्राम पंचायतों में सोलर प्लांट लगाने की बहुत जरूरत है। इन स्थानों पर बिजली की अनियमित आपूर्ति कामकाज में बाधा डालती है, जिससे ग्रामीण विकास और शिक्षा प्रभावित होती है। शिक्षकों और अभिभावकों का कहना है कि परिषदीय स्कूलों में बिजली कटौती के कारण पढ़ाई प्रभावित होती है। सोलर प्लांट लगाने से स्कूलों में लाइट, पंखे और कंप्यूटर सुचारू रूप से चलाए जा सकते हैं। इससे बच्चों का पढ़ाई का माहौल बेहतर होगा और डिजिटल शिक्षा भी बढ़ेगी। ग्राम पंचायतों में बिजली कटौती और बिजली खर्च की समस्याएं आम हैं। सोलर प्लांट लगने से पंचायत कार्यालयों में बिजली की समस्या खत्म होगी, जिससे लोक सेवा कार्य बेहतर होंगे। अधिकारियों और पंचायतों में इस विषय में जागरूकता अभियान चलाकर इस दिशा में तेजी लाई जानी चाहिए। घरों पर सोलर प्लांट लगाने पर मिलती है सब्सिडी : केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना के तहत आम नागरिक अपने घर की छत पर सोलर प्लांट लगवाकर न केवल बिजली बचा सकते हैं, बल्कि इस पर 30 प्रतिशत तक की सब्सिडी भी प्राप्त कर सकते हैं। अगर हर घर की छत पर सोलर प्लांट लग जाए, तो बिजली बिल का बोझ काफी हद तक कम हो सकता है। महंगी बिजली और लगातार कटौती के दौर में सौर ऊर्जा एक स्थायी और किफायती समाधान बनकर सामने आई है। बोले लोग आज सोलर पैनल बहुत आवश्यक हो गया है। गांव में भी अब अधिकांश घरों में भी पैनल लग गए हैं। पैनल लगने से बिजली आवाजाही की अब कोई समस्या नहीं है। -शादाब पहले तो गांव में घंटों बिजली नहीं आती थी। अब सोलर लगवाने से रात में भी आराम से लाइट जलती है। ये तो बड़ी राहत है। सभी को पैनल लगवाना चाहिए। -मोहम्मद कैफ दुकान पर पैनल लगवा लिया हर समय बिजली मिलती है। रात में अगर दुकान खोले तो बिजली की कोई समस्या नही है। -परशुराम अब बिजली आए चाहे न आए, सोलर पैनल लगने से अब बिजली की समस्या से छुटकारा मिल जाएगा। गर्मियों में भी काफी राहत होगी। लोगो को सोलर पैनल लगवाना चाहिए। -फैजुद्दीन अब तो स्कूल व ब्लॉक में सोलर से पंखा और कंप्यूटर भी चलता है। गर्मी में पढ़ाई करना आसान हो गया है। और कार्यालय में आने वाले फरियादियों को भी सुविधा मिलती है। -आसिफ सोलर पैनल एक बार लगवाने में खर्चा जरूर होता है, लेकिन बाद में यह सालों तक बिना बिजली बिल के काम करता है। रख-रखाव भी आसान होता है। -रवि नाग चौरसिया आज सोलर पैनल सभी के लिए बहुत ज़रूरी हो गया है। सोलर पैनल लगने से बिजली की बचत होगी है और लोगो को बिजली की कटौती से छुटकारा मिल जाएगा। -नीरज लाला सोलर पैनल के सहारे दुकान में बिजली जलाते है। सरकार भी इसे बढ़ावा दे रही है, और पैनल लगाने के लिए कई योजनाओ का प्रचार प्रसार कर रही है। -त्रिभुवन ग्रामीण क्षेत्रों में समूह बनाकर सोलर लैम्प बनाने के लिए प्रशिक्षण शिविर लगाना चाहिए। जिससे युवाओं को रोजगार भी मिलेगा और कमाई भी हो जाएगी। -हफीजुद्दीन गांव की गलियों में सोलर द्वारा स्ट्रीट लाइट लगवाई जाए। जिससे बिजली का झंझट ही खत्म हो जाए। और शाम को सड़कों पर रोशनी रहे। -मोहम्मद रकीब सोलर ऊर्जा पर्यावरण के लिए भी अच्छी है। इससे प्रदूषण नहीं होता, और हमें साफ हवा और बेहतर स्वास्थ्य मिल सकता है। -धर्मेद्र पुरी अब कई दुकानो में फ्रीज और पंखा सोलर पैनल से चलतें हैं। बिजली का बिल भी कम आता है। यह छोटे व्यापारियों के लिए भी लाभकारी है जो उनकी बचत भी करता है। -मुबारक बोले जिम्मेदार:नेडा के पीडी टीकाराम का इस बारे में कहना है कि जिले में 16 हजार किलोवाट से अधिक क्षमता के सोलर पावर संयंत्र लगाए जा चुके हैं, जिससे लगभग 150 मेगावाट बिजली की बचत हो रही है। प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना के तहत जिले में 15 हजार उपभोक्ताओं के यहां सोलर प्लांट लगाए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। अब तक 14,781 उपभोक्ताओं के आवेदन स्वीकृत हो चुके हैं।
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