बोले बाराबंकी:जेब पर बोझ न बढ़ाएं, वही सिखाए जो बाद में काम आए
Barabanki News - बाराबंकी में गर्मी की छुट्टियों के दौरान परिषदीय विद्यालयों में समर कैंप चल रहे हैं, जो बच्चों के लिए ज्ञानवर्धक और रचनात्मक गतिविधियों का केंद्र बन गए हैं। योग, चित्रकला, नृत्य, खेलकूद जैसी...

बाराबंकी। गर्मी की छुट्टियों के बीच जिले के परिषदीय विद्यालयों में चल रहे समर कैंप बच्चों के लिए ज्ञानवर्धक और रचनात्मक गतिविधियों का केंद्र बन गए हैं। विकास खंड स्तर पर चयनित स्कूलों में यह कैंप बच्चों को किताबों के बोझ से इतर जीवन कौशल, रचनात्मक अभिव्यक्ति और संवाद क्षमता का प्रशिक्षण देने में जुटे हैं। शिक्षकों की देखरेख में बच्चों को विभिन्न विषयों की जानकारी रोचक तरीकों से दी जा रही है। इन कैंपों में बच्चों को योग, चित्रकला, नृत्य, कहानी लेखन, समूह गान, बाल संसद, खेलकूद, मिट्टी कार्य, पर्यावरण जागरूकता, स्वच्छता, दैनिक जीवन से जुड़े व्यवहारिक विषयों सहित कई आयामों पर गतिविधियां कराई जा रही हैं।
परिषदीय स्कूलों में इन समर कैंपों के लिए बच्चों से किसी तरह का शुल्क नहीं लिया जा रहा है। शिक्षकों द्वारा ही पूरे आयोजन को स्वैच्छिक रूप से संचालित किया जा रहा है। कुछ विद्यालयों में स्थानीय लोगों व अभिभावकों का भी सहयोग मिल रहा है। जिले के परिषदीय स्कूलों में चल रहे समर कैंप बच्चों को न केवल शिक्षा से जोड़ रहे हैं, बल्कि उन्हें आत्मविश्वास, संवाद कौशल और रचनात्मकता से भर रहे हैं। सरकारी प्रयासों और शिक्षकों की लगन से यह पहल ग्रामीण बच्चों के भविष्य निर्माण में एक महत्वपूर्ण कदम बनकर उभर रही हैं। यदि इस प्रयास को संसाधनों व प्रशिक्षण से और मजबूत किया जाए, तो समर कैंप बच्चों के लिए सीखने की एक स्थायी संस्कृति का रूप ले सकते हैं। निजी स्कूलों में महंगी फीस के चलते तमाम स्कूलों के बच्चे नहीं पहुंचते समर कैंप: गर्मी की छुट्टियों में बच्चों के सर्वांगीण विकास के उद्देश्य से निजी स्कूलों में संचालित समर कैंप अब अपनी मूल भावना से भटकते नजर आ रहे हैं। जिले के कई निजी विद्यालयों में समर कैंप के नाम पर हजारों रुपये की फीस वसूली जा रही है, जिससे मध्यमवर्गीय व निम्न आयवर्ग के बच्चों के लिए इसमें शामिल होना एक सपना बन गया है। शहर के प्रतिष्ठित निजी स्कूलों में समर कैंप की फीस दो हजार से लेकर पांच हजार रुपये तक है, जिसमें कई बार यूनिफॉर्म, किट और अतिरिक्त शुल्क भी शामिल होते हैं। कैंप में पेंटिंग, रोबोटिक्स, पब्लिक स्पीकिंग, डांस, कराटे, योग, कुकिंग आदि गतिविधियां कराई जा रही हैं, लेकिन इनका लाभ उन्हीं बच्चों को मिल पा रहा है जो अपेक्षाकृत सक्षम परिवारों से आते हैं। हालांकि, कुछ निजी स्कूल ऐसे भी हैं जिन्होंने समर कैंप को कम शुल्क या निशुल्क किया है। जिले में निजी स्कूलों के समर कैंप बच्चों की प्रतिभा निखारने के लिए सुनहरा अवसर हैं, लेकिन ऊंची फीस के चलते ये अवसर केवल सीमित वर्ग तक ही सिमट कर रह गए हैं। ज़रूरत है कि स्कूलों की नीतियों में बदलाव लाया जाए ताकि शिक्षा की यह रचनात्मक पहल सभी बच्चों तक समान रूप से पहुंचे, न कि आर्थिक आधार पर किसी को वंचित कर दे। कई स्कूलों में नहीं होते समर कैंप: जहां एक ओर कुछ सरकारी और निजी स्कूलों में समर कैंप के माध्यम से बच्चों को रचनात्मक गतिविधियों, संवाद कौशल और आत्मविश्वास बढ़ाने का अवसर मिल रहा है, वहीं जिले के अधिकांश स्कूल अभी भी इस दिशा में पिछड़े हुए हैं। तमाम विद्यालयों में गर्मी की छुट्टियों में सिर्फ स्कूल बंद कर देने की परंपरा जारी है, जिससे बच्चों का खाली समय मोबाइल, टीवी और निष्क्रियता में बीत रहा है। जिले के कई निजी और परिषदीय स्कूल ऐसे हैं जहां समर कैंप जैसी किसी भी गतिविधि का आयोजन नहीं किया जाता। जिले के सैकड़ों स्कूलों में अब भी समर कैंप का आयोजन नहीं हो रहा है, जिससे बच्चों को छुट्टियों में सीखने और व्यक्तित्व निखारने का अवसर नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में यह जरूरी हो गया है कि शिक्षा विभाग इस ओर संज्ञान ले और समर कैंप को जिले के हर स्कूल तक पहुंचाने के लिए योजनाबद्ध प्रयास करे। बच्चों के लिए यह न केवल छुट्टियों का सार्थक उपयोग होगा, बल्कि उनके आत्मविश्वास और सामाजिक कौशल का भी निर्माण करेगा। बोले लोग: स्कूलों में होने वाले समर कैम्प में बच्चे बहुत कुछ सीखते है। बच्चों को भी काफी मज़ा आता है। विभाग की यह बहुत अच्छी योजना है। - सूरज वर्मा गर्मी की छुट्टियों में समर कैंप छात्रों के लिए बहुत अच्छा होता है। इसमें छात्र छात्राओं को बहुत कुछ सीखने को मिलता है। बच्चे भी खुशी खुशी समर कैंप में आते हैं। - राजवीर सिंह हमारे स्कूल में समर कैम्प में बच्चो ने बहुत कुछ सीखा। रोजाना सुबह समय से स्कूल खुल जाता था और बच्चे भी बहुत भी स्कूल में डांस, योगा और ड्रॉइंग सहित चीजे सीखने को मिली है । - पवन कुमार स्कूल में समर कैंप में बच्चों को योग सिखाया जाता है। रोजाना सुबह सभी बच्चे योग करते हैं और इसके बाद बच्चों को समर कैंप के बारे में जागरूक किया जाता है। - संगीता विश्वकर्मा बच्चों को समर कैम्प में खेल खेल में मैथ व अन्य विषयों के बारे जानकारी दी जाती है। बच्चे भी बड़ी उत्सुकता के साथ समर कैंप में शामिल होकर मस्ती करते हैं। - ओमप्रकाश गर्मी के छुट्टियों में समर कैंप बच्चों के लिए काफी फायदेमंद होता है इसमें में बच्चे खेलते भी है और महत्वपूर्ण जानकारी भी लेते है। कैम्प को लेकर बच्चों में काफी उत्सुकता रहती। -सैफ उल्लाह अंसारी समर कैम्प में बच्चों को कई महत्वपूर्ण जानकारियां मिलती है। उन्हें रंगोली, आर्ट्स, पर्यावरण सहित अन्य कई मुद्दों के बारे में बताया जाता है। नई जानकारियां मिलने पर बच्चे काफी खुश होते है। -आंनद प्रताप सिंह मेरे बच्चे के स्कूल में समर कैंप चल रहा है। वे रोज़ कुछ नया सीख रहे हैं। यह बहुत अच्छी पहल है। कैम्प में बच्चों को बहुत महत्वपूर्ण जानकारियां मिलती है। -आकांक्षा वर्मा गांव के स्कूल में समर कैंप में आने वाले सभी बच्चों को खाने के लिए फल, बिस्कुट व अन्य सामान दिया जाता था। बच्चों का पूरा ध्यान रखा जाता था। - निधि सिंह गांव के स्कूल में समर कैंप की व्यवस्था बहुत अच्छी है। समर कैंप में बच्चे स्कूल जाते हैं। बहुत कुछ सीखते है। बच्चों को भी मज़ा आता है। -राजेश कुमार स्कूलों में शिक्षक अपने स्तर से बच्चों के लिए गतिविधियां कराते हैं और सभी बच्चों को योग, पीटी के साथ बहुत कुछ सीखने को मिलता है। - किरन विश्वकर्मा सरकार से निर्देश मिलते हैं। हम लोग भी उसी निर्देशों का पालन करते हैं और बच्चों की रुचि देखकर उनको उसी के बारे में बताते भी हैं और सिखातें भी हैं। बच्चे भी बहुत खुश रहते हैं। - सलोनी दुबे बोले जिम्मेदार: इस बारे में बीएसए संतोष देव पांडे का कहना है कि जिले के 843 उच्च प्राथमिक व कंपोजिट स्कूलों में जिले समर कैंप का आयोजन कराया गया है। 10 जून को कैंप की समाप्ति भी हो गई है। समर कैंप में 34842 बच्चों ने प्रतिभाग किया है। कैंप के माध्यम से बच्चों को तमाम प्रकार की नई जानकारियों को सीखने का अवसर प्राप्त हुआ है।
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