शरीर के साथ मन का विकास भी करता है योग
Bareily News - - रुहेलखंड विश्वविद्यालय में ‘विरासत से विकास-योग की भूमिका पर परिचर्चा -डायरेक्टर रिसर्च प्रो.

दीप तिवारी 02बीएलवाई44- रुहेलखंड विश्वविद्यालय में योग पर कार्यक्रम में मौजूद लोग बरेली, वरिष्ठ संवाददाता। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर रुहेलखंड विश्वविद्यालय के शिक्षा एवं सहबद्ध विज्ञान संकाय सभागार में सोमवार को ‘विरासत से विकास-योग की भूमिका विषय पर परिचर्चा हुई। इस दौरान मुख्य वक्ता के रूप में गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय से प्रो.सुरेंद्र कुमार और विशिष्ट अतिथि विश्वविद्यालय के डायरेक्टर रिसर्च प्रो. आलोक श्रीवास्तव ने योग के विभिन्न वैज्ञानिक पहलुओं पर प्रकाश डाला। परिचर्चा में कुलपति प्रो. केपी सिंह ने कहा कि योग न सिर्फ व्यक्ति के शरीर पर प्रभाव डालता है, बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक रूप से भी उसका विकास करता है।
यही वजह है कि आज पूरी दुनिया योग अपना रही है। मुख्य वक्ता प्रो. सुरेंद्र कुमार ने संबोधन में योग के आरंभ से लेकर वर्तमान वैश्विक परिदृश्य में इसके बढ़ते महत्व और योग की विस्तृत यात्रा पर गहन प्रकाश डाला। प्रो. आलोक श्रीवास्तव ने कहा कि योग का आधार पूरी तरह वैज्ञानिक है। आसन, प्राणायाम, ध्यान आदि हमारे शरीर के नर्वस सिस्टम पर गहरा प्रभाव डालते हैं। प्राणायाम और ध्यान हमारे मस्तिष्क पर सकारात्मक प्रभाव डालते हैं। ये बातें वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित हो चुकी है। कई बड़े जर्नल्स में यह बात प्रकाशित हो चुकी है। कार्यक्रम की संयोजक शिक्षा एवं सहबद्ध विज्ञान संकाय की संकायाध्यक्ष प्रो. सुमित्रा कुकरेती रहीं। इस दौरान प्रो. एके सिंह समेत विश्वविद्यालय के विभिन्न संकायों के शिक्षक, शिक्षिकाएं, रिसर्च स्कॉलर, योग विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. सेतवान, असिस्टेंट प्रोफेसर प्रियंका शाक्य, हिमांशु जायसवाल, तपन वर्मा सहित नॉन टीचिंग स्टाफ के सदस्य समेत तमाम योग प्रेमी मौजूद रहे।
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