जीवन प्रबंधन का ग्रंथ है ‘रामायण और रामचरितमानस
Basti News - बस्ती। महिला महाविद्यालय, बस्ती में उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से अनुदानित कल्चरल क्लब

बस्ती। महिला महाविद्यालय, बस्ती में उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से अनुदानित कल्चरल क्लब ‘स्पृहा, यूजीसी, एमएमटीडीसीएचआरडीसी जोधपुर, राजस्थान तथा प्राचीन इतिहास, पुरातत्व एवं संस्कृति विभाग, महिला महाविद्यालय बस्ती की ओर से आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ बुधवार को हुआ। भारतीय ज्ञान परंपरा: रामायण और रामचरितमानस के विशेष संदर्भ में संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है। संयोजक डॉ. रुचि श्रीवास्तव, आयोजन सचिव प्रो. सुनीता तिवारी एवं संयुक्त आयोजन सचिव डॉ. नूतन यादव व डॉ. सुधा त्रिपाठी मौजूद रहीं। संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि कवि एवं साहित्यकार रामायण धर द्विवेदी, मुख्य वक्ता हड़प्पा संग्रह राष्ट्रीय संग्रहालय नई दिल्ली के पूर्व प्रमुख डॉ. डीपी शर्मा, वक्ता कवि एवं साहित्यकार गोपेश्वर त्रिपाठी, विशिष्ट अतिथि प्रो. अभय प्रताप सिंह, प्राचार्य एपीएन पीजी कॉलेज, विशिष्ट अतिथि प्रो. रीना पाठक प्राचार्या, पं. शिवहर्ष किसान पीजी कॉलेज, बस्ती एवं महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो. सुनीता तिवारी ने मां सरस्वती की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पण एवं दीप जलाकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो. सुनीता तिवारी ने अतिथियों का स्वागत सम्मान स्मृति चिह्न प्रदान करते हुए किया। कहा कि महाविद्यालय में निरंतर हो रहे कार्यक्रमों से महाविद्यालय परिवार का मनोबल बढ़ता है। इस अवसर पर अभिलेख सार संग्रह का विमोचन किया गया। मुख्य वक्ता डॉ. डीपी शर्मा ने राम वनगमन मार्ग का पुरातात्विक विश्लेषण करते हुए बीबी लाल के श्रृंगवेरपुर, हस्तिनापुर (मेरठ) एवं बिठूर (कानपुर) के अध्ययन को प्रस्तुत किया। विशिष्ट अतिथि गोपेश्वर त्रिपाठी ने राम-लक्ष्मण प्रसंग (लंका विजय के पश्चात) के माध्यम से राम के व्यक्तित्व के राष्ट्र पक्ष को प्रस्तुत किया। विशिष्ट अतिथि प्रो. रीना पाठक ने सनातन धर्म के ऐतिहासिक परिदृश्य में तुलसीदास की भूमिका को प्रस्तुत करते हुए, रामचरितमानस में समाहित पुरुषार्थ का विशद विवेचन किया। मुख्य अतिथि रामायण धर द्विवेदी ने रामायण और रामचरितमानस के महत्व को प्रस्तुत करते हुए कहा कि जीवन प्रबंधन का ग्रंथ है ‘रामायण और रामचरितमानस, यह ऊर्जा का केंद्र है। आभार ज्ञापन समाजशास्त्री डॉ. रघुवर पांडेय ने दिया। विषय प्रवर्तन डॉ. रुचि श्रीवास्तव एवं मंच का संचालन डॉ. नूतन यादव ने किया। स्मृतियों को पुरातन छात्राओं ने किया साझा महिला पीजी कॉलेज में पुरातन छात्रा समागम आयोजित किया गया जिसमें प्रमुख रूप से डॉ. कंचन त्रिपाठी, समाज सेविका प्रीति श्रीवास्तव, डॉ. सौम्य पाल, डॉ. संध्या राय, मानवी सिंह, डॉ. पूजा गुप्ता, प्रियंका यादव ने अपने विद्यार्थी जीवन की स्मृतियों को साझा किया। कार्यक्रम की संयोजक और कार्यक्रम का संचालन डॉ. वीना सिंह ने किया। कुल 60 शोध पढ़े गए राष्ट्रीय संगोष्ठी के प्रथम दिवस के दो तकनीकी सत्रों में ऑनलाइन और ऑफलाइन कुल 60 शोध पत्र पढ़े गए। डॉ. सीमा सिंह, डॉ. रघुनाथ चौधरी, डॉ. रोहित सिंह, सूर्यकांत ओझा, सिंटू ओझा, डॉ. स्मिता सिंह, डॉ. सुहासिनी सिंह, डॉ. संतोष यदुवंशी, नेहा परवीन, डॉ. प्रियंका पांडेय, डॉ. कमलेश पांडेय, नेहा श्रीवास्तव, मोनी पांडेय, दुर्गेश गुप्ता, गिरिजानंद राव, अरुणमणि त्रिपाठी, सूर्या उपाध्याय, पूनम यादव, अनुराग शुक्ला सहित विभिन्न महाविद्यालयों के शिक्षक, शोध छात्र, पुरातन छात्राएं एवं महाविद्यालय की छात्राएं उपस्थित रहीं।
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