उनके पाप का घड़ा भर गया, डरने वाले अब... , राजा भैया पर भानवी के नए आरोप, मोदी-शाह से यह अपील
बाहुबली राजा भैया पर उनकी पत्नी भानवी सिंह ने गवाहों को धमकाने डराने का आरोप लगाया है। भानवी सिंह ने अपनी हत्या की आशंका जताते हुए पीएम मोदी और अमित शाह से मामले की सीबीआई जांच की भी अपील की है।

यूपी के कुंडा से बाहुबली विधायक और जनसत्ता दल के अध्यक्ष राजा भैया पर उनकी पत्नी भानवी सिंह ने गवाहों को धमकाने और डराने का आरोप लगाया है। भानवी सिंह ने इस बार पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराने की अपील भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से की है। भानवी सिंह ने पहली बार अपनी मेडिकल रिपोर्ट को एक्स पर साझा करते हुए कहा कि गवाहों को डराया धमकाया जा सकता है लेकिन सबूतों और सच्चाई को कैसे झुठलाया जा सकता है। भानवी सिंह ने दावा किया कि राजा भैया अब जेल जाने से बुरी तरह डर रहे हैं। इसलिए ही लोगों को डराने का काम कर रहे हैं।
भानवी ने कहा कि सत्य और न्याय की राह कठिन होती है, लेकिन जीत उन्हीं की होती है जो डटे रहते हैं। मैं अपनों के आचरण से अंदर से टूट जाऊँ लेकिन मेरी न्याय की उम्मीद नहीं टूटी है। कहा कि कई उदाहरण है जब गवाह बाहुबल के आगे झुक गए। धनबल के आगे मुकर गए। पद और करियर की लालसा में लोगों ने ग़लतबयानी की। लेकिन साक्ष्य सब पर भारी पड़ा। मुझे उम्मीद है न्याय जरूर होगा। राजा भैया पर बड़ा हमला करते हुए कहा कि उनके अन्याय और पाप का घड़ा भर चुका है। जो लोग डरा रहे हैं दरअसल वे न्याय से डर रहे हैं उन्हें डर है कि न्याय हुआ तो उन्हें जेल भी जाना होगा और सच्चाई पूरी दुनिया देखेगी। ईश्वर सब देख रहे हैं।
भानवी सिंह ने कहा कि कोर्ट या पुलिस का प्रोटेक्शन जब तक नहीं होगा ऐसे व्यक्ति के खिलाफ कौन सच बोल पाएगा। कोई न बोल पाये। हर कोई डर जाये लेकिन मेरे साथ हुआ उत्पीड़न आज भी बोल रहा है। मेरी टूटी हुई हड्डियां जो ग़लत जुड़ गईं वो सच बोल रही हैं। एम्स की रिपोर्ट और अन्य मेडिकल रिपोर्ट्स सचाई चीख-चीख कर बयान कर रही हैं। इसलिए मैं 498A मामले में 2015 की मेडिकल रिपोर्ट और AIIMS की 2024 की रिपोर्ट साझा कर रही हूं। इन्हें किसी गवाही की जरूरत नहीं है। मेरे फेफड़ों की स्थायी क्षति को प्रमाणित करती हुई रिपोर्ट देखकर शायद उनका भी जमीर जाग जाये जो धन और करियर के दबाव में अन्याय का साथ देने को मजबूर हैं।
लखनऊ में गवाहों को प्रभावशाली लोगों ने धमकाया
भानवी ने कहा कि यह सब इसलिए लिख रही हूँ क्योंकि कल जब दिल्ली पुलिस जांच के लिए लखनऊ गई तो मेरे गवाहों को काफिलों में आए प्रभावशाली लोगों ने इस कदर धमकाया कि वे डर के चलते पीछे हट गए। सवाल लाजिमी है अगर गवाह ही डर जाएं, तो मुझे न्याय कैसे मिलेगा? लेकिन मैंने कई केस को देखा समझा है। न्याय इतना अंधा नहीं है। पुलिस , कोर्ट जरूर देखेगी कि वह गवाही किन लोगों से और किसके ख़िलाफ़ लेना चाहती है। क्या गवाहों को कोई संरक्षण मिला है। वे आज गवाही देंगे कल उनकी हत्या भी हो सकती है यह डर स्वाभाविक है। जब मैं इतना डरी हूँ। तो गवाहों का डर लाजिमी है। ये धमकियाँ सिर्फ मुझे चुप कराने की नहीं, बल्कि सच्चाई और न्याय की प्रक्रिया को कुचलने की कोशिश हैं। सवाल बस एक है कि क्या एक महिला की पीड़ा सत्ता और शक्ति के आगे यूँ ही दबा दी जाएगी?
मर जाऊं तो मेरा पोस्टमार्टम जरूर कराया जाए
मैं अपनी मेडिकल रिपोर्ट यहाँ साझा कर रही हूँ। अगर कल को ये रिपोर्ट भी नष्ट करने का प्रयास हो और मुझे मारकर मामला ख़त्म करने का प्रयास हो तो इसे साक्ष्य मानकर कार्रवाई की जाये। मेरे मरने के बाद भी मेरा पोस्टमार्टम जरूर किया जाए। जिससे कोई सच छिपा न सके। और हां अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी और गृहमंत्री अमित शाह जी इसकी सीबीआई जांच करवा दें तो बहुत से ऐसे भेद खुलेंगे जो न्याय के लिए और जनहित में भी जरूरी हैं।
पीड़ित को मुजरिम बनाने की उनमें ताकत
भानवी ने कहा कि किसी ने मुझे शुरू में ही कहा था आप जिससे लड़ने जा रही हैं यह व्यक्ति कैसा है आपको पता है? मैंने कहा था मुझसे बेहतर कौन जानता है मेरे पति हैं। उनमें बहुत ताक़त है साक्ष्य को प्रभावित कर सकते हैं। गवाहों को तोड़ सकते हैं। पीड़ित को ही मुजरिम बनवा दें यह ताक़त भी उनमें है। यही सब तो इतने सालों में मैंने देखा है। फिर सवाल हुआ कि इतना सब जानती हो तो लड़ना क्यों चाहती हो समझौता कर लो। मैंने कहा लड़ना कभी नहीं चाहती थी बस जब अन्याय और उत्पीड़न की पराकाष्ठा हो गई तो न्याय की आस में उठ खड़ी हुई। मैं समझौता किससे करूँ उनके अवैध रिश्तों से, समझौता किससे करूँ उनके भय और आतंक से या समझौता करूँ अपने जमीर से।
अवैध रिश्ता हर तरफ से भारी पड़ रहा था
भानवी ने कहा कि मुझे पीटा गया। मेरी हड्डियां टूटीं। मेरे फेफड़ों में ज़ख्म हुए। मैं सब बर्दास्त कर लेती अगर एक उम्मीद होती कि शायद ये सुधर जाएँगे। लेकिन उत्पीड़न बढ़ता गया और जान पर बन आई। बच्चों को लेकर क्या क्या सहना पड़ा। बोलना मजबूरी हो गई। अवैध रिश्ता मेरे सब्र पर हर तरह से भारी पड़ रहा था। मुझे किसी ने कहा बच्चे भी टूट जायेंगे तो क्या करोगी? मैंने कहा कुछ नहीं करूँगी बच्चों के लिए ही सबकुछ कर रही थी अगर मुझे कमजोर करने से बच्चे मजबूत होंगे तो मैं बहुत खुश होऊँगी । लेकिन न्याय की जिस राह को मैंने चुना है उससे नहीं डिगूँगी। मुझे अंदर से बुरी तरह मार दिया है अगर मैं ज़िंदा नहीं भी रहूँगी तो क्या हुआ? दुनिया कहेगी कुछ भी एक ऐसे व्यक्ति से सचाई के लिए लड़ी जिससे हर कोई डरता था। उत्पीड़न को मजबूर लड़कियों का अन्याय से लड़ने का हौसला बढ़ेगा।
जो डर मुझे दिखाया गया आज वही हो रहा है
भानवी ने कहा कि जो डर लोगों ने मुझे दिखाया था आज वही हो रहा है। गवाह धमकाए जा रहे हैं। ग़लत गवाही दिलवाई जा रही है। धनबल और बाहुबल के आतंक से उन सभी को डराया धमकाया जा रहा है जो सच जानते हैं बोल सकते हैं। लोग मुकर रहे हैं , जो नहीं मुकरे हैं हो सकता है आने वाले दिनों में मुकर जाएं। मेरे साथ जब इतना उत्पीड़न हो सकता है तो जिन लोगों ने यह उत्पीड़न होते देखा है उनका डर लाजिमी है। भानवी ने अपनी बातों को पीएमओ, अमित शाह आफिस, अमित शाह, योगी आदित्यनाथ और राष्ट्रीय महिला आयोग को टैग किया है।