Bijnor s Roads in Ruins A Call for Urgent Repairs and Safety बोले बिजनौर : विकास की रफ्तार पर गड्ढों का ब्रेक, कब होगा सड़क निर्माण, Bijnor Hindi News - Hindustan
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बोले बिजनौर : विकास की रफ्तार पर गड्ढों का ब्रेक, कब होगा सड़क निर्माण

Bijnor News - बिजनौर में सड़कों की स्थिति बेहद खराब है। गड्ढों के कारण सड़कें दुर्घटनाओं का कारण बन रही हैं, जिससे लोग घायल हो रहे हैं और कई की जान जा चुकी है। ग्रामीणों को स्कूल जाने और चिकित्सा सुविधा पाने में...

Newswrap हिन्दुस्तान, बिजनौरThu, 8 May 2025 01:44 AM
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बोले बिजनौर : विकास की रफ्तार पर गड्ढों का ब्रेक, कब होगा सड़क निर्माण

विकास की चमचमाती तस्वीरें अक्सर एक्सप्रेसवे और हाईवे की रफ्तार से दिखाई जाती हैं, लेकिन जमीन पर हकीकत इससे कहीं अलग है। बिजनौर की अगर बात करें को शहर के साथ नजीबाबाद, धामपुर, कोतवाली देहात आदि स्थानों पर सड़कों की हालत देखकर यही कहा जा सकता है कि गड्ढों में सड़क है या सड़क में गड्ढे? आए दिन मार्गो पर हादसे होना आम बात हो गई है। सड़क दुर्घटनाओं में घायल होकर लोगों को लंबे समय तक बिस्तर पर पड़े रहना पड़ रहा है। सड़कों की बदहाली के चलते लोग हादसों में घायल होकर अपने जीवन की जमा पूंजी शरीर की टूटी हड्डियों को ठीक कराने में लगा रहे हैं।

कई बार हादसे में घायलों को अपने जीवन से हाथ धोना पड़ा जाता है। ऐसे हालत में उनके परिवारों के सामने रोने बिलखने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचता। जनपद बिजनौर के विकास में सड़क के गड्ढे बाधा बन रहे हैं। हालात ये हो गए हैं कि सड़कों का दर्द गहरे होते गड्ढों के साथ बढ़ता जा रहा है। शहर में तो पिछले दिनों गड्ढों को भरवाने का काम किया भी गया है लेकिन गांव-देहात और कनक्टिंग रोड की हालत बेहद जर्जर है। इसके अलावा धामपुर, नजीबाबाद, कोतवाली देहात के कई मुख्य मार्गों पर गड्ढों की भरमार है। अफजलगढ़ विकासखंड के गांव जाफ्तानगर की बात करें तो सड़के छलनी हुई पड़ी है। गांव जाफ्तानगर के राम बहादुर चौहान का कहना है कि गांव की मुख्य सड़क से दो किमी अंदर है, रात्रि में टूटे मार्ग पर चलने से हादसे का डर लगा रहता है। रॉकी कुमार का कहना है उनके गांव से आसपास के तीन गांव जुड़े हुए हैं। तीनों मार्गों की हालत खस्ताहाल है। चुनावों में दिखाई देते हैं जनप्रतिनिधि रूपचन्द्र सिंह का कहना है कि जाफ्तानगर को तीन गांव से जोड़ने वाले 10 किमी लंबे मार्ग पूरी तरह से खस्ता हाल हुआ पड़ा है। मार्ग में गहरे गहरे गड्ढे हो चुके हैं। जिन पर होकर गुजरना दुभर हो गया है। इस विषय में जनप्रतिनिधियों से बात करें तो भरोसा तो दिलाते हैं लेकिन दिखाई चुनावों में ही देते हैं। जंगली जानवरों के डर से कई बार वाहन चालक तेजी में वाहन चलाते हैं तो वह दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं। कई हादसों में ग्रामीण गंभीर घायल हो चुके हैं। रामनाथ का कहना है कि मार्ग पर कई दुपहिया वाहन चालक चोटिल हो चुके हैं। हादसे में घायल कई लोग गंभीर घायल हुए हैं। विभाग भी उदासीन ग्रामीणों की व्यथा जनप्रतिनिधि ही नहीं विभागीय अधिकारी भी नहीं सुनते। लोगों का कहना है कि जनपद में कई गांव आज भी केंद्र व प्रदेश सरकार की मुख्य सड़क से जोड़े जाने की योजना से वंचित है। कई सड़कों पर आज भी ग्रामीणों को हिचकोले खाकर चलने को मजबूर होना पड़ रहा है। लोनिवि से लेकर जनप्रतिनिधि तक उनकी कोई सुनने को तैयार नहीं है। हाईवे से पांच किमी दूर, स्कूल कैसे पहुंचे बच्चें ग्रामीणों से जब सड़क को लेकर चर्चा हुई तो उनका दर्द छलक आया। ग्रामीणों का कहना है कि गांव से हाईवे 5 किलोमीटर दूर है। गांव के आसपास कोई स्कूल नहीं है। जितने भी प्राइवेट स्कूल है वह काफी दूर है। बच्चों को स्कूल पहुंचने में काफी परेशानी होती है। सड़कों की बदहाली के चलते स्कूल स्वामी अपने वाहन गांव में नहीं भेजते हैं। अभिभावक ही सुबह सवेरे उठकर सर्दी, गर्मी, बरसात में अपने निजी बहन से बच्चों को स्कूलों तक पहुंचाते हैं। बच्चों के साइकिल से जाने में दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। मार्गो की बदहाली के चलते कई परिवार गांव छोड़कर मुख्य सड़कों के किनारे आकर रहने लगे। एप्रोच रोड धसने से बड़ा हादसा होने की आशंका क्षेत्र में पूर्वी गंगा मध्य नहर की एप्रोच रोड कई फीट नीचे जमीन में धंस गई है। मुख्य मार्ग होने के चलते छोटे-बड़े वाहनों का आवागमन अभी भी चल रहा है। ग्रामीणों को किसी बड़े हादसे की आशंका सता रही है। जलीलपुर क्षेत्र के गांव गन्नौर व मनौटा के बीच निकलने वाली पूर्वी गंगा मध्य नहर पर बने पुल की एप्रोच रोड लगभग एक सप्ताह पूर्व बारिश की बूंदाबांदी से पुल की एप्रोच रोड में पानी गड्ढे में भर गया जिससे सड़क में दो बड़े-बड़े गड्ढे वर्तमान स्थिति में दिखाई दे रहे है। यह गड्ढे कई मीटर तक नीचे तक पहुंच गए हैं। इस सड़क पर लगातार छोटे-बड़े बहनों का आना जाना सड़क पर हो रहा है इस सड़क को जोड़ने वाले रास्ते मनौता हरी नगर मुबारकपुर मुढाल और कोई अन्य गांवों को इस रास्ते से होकर गुजरना पड़ता है। टूटे रास्तों पर जंगली जानवरों के हमले का खतरा धामपुर में चारों तरफ सड़के टूटी होने की वजह से अधिकांश वाहन चालक दुर्घटना से बचने के लिए अपने वाहनों को जंगल के रास्ते धीमी गति से लेकर चलते हैं। रात्रि में गांव के आसपास घनघोर जंगल होने की वजह से जंगली जानवरों के हमले का डर बना रहता है। कई बार अमानगढ़ वन रेंज से निकलकर जंगली जानवर आबादी तक पहुंच जाते हैं। कई बार ग्रामीणों का जंगली जानवरों से आमना-सामना तक हो चुका है। ऐसे में वाहन चालकों को रात्रि में जानवरों के हमले से डरते हैं। नजीबाबाद में भी स्थिति खराब नजीबाबाद नगर और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कें बदहाल स्थिति में हैं। जहां एक ओर शहर के बाहर हाईवे निर्माण कार्य जोरों पर है, वहीं अंदरूनी सड़कों की हालत यह सोचने पर मजबूर करती है कि क्या विकास केवल दिखावे तक सीमित है? मंडावली क्षेत्र में ग्राम सिकरौड़ा मार्ग बदहाल स्थिति में है। काफी समय से सड़क का निर्माण नहीं कराया गया जिसके कारण लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। खासकर स्कूल जाने वाले विद्यार्थियों के लिये तो सफर मुसिबत भरा है। नजीबाबाद के कृष्णा टाकिज चौराहे से रेलवे स्टेशन मार्ग सबसे व्यस्ततम होने के बावजूद वहां की मरम्मत नहीं कराई गई। सड़कों में गढ्डे मुसिबत बने हुए हैं। रेलवे स्टेशन के साथ साथ कई बैंक भी इस मार्ग पर ही है और मुख्य बाजार भी है। हाईवे पर चल रहे निर्माण कार्य के चलते कोटद्वार मार्ग पर इस समय जाना किसी महाभारत से कम नहीं है। समीपुर रेलवे फाटक से जाफराबाद तक बुरा हाल है। चीनी मिल में गन्ना आपूर्ति करने वाले किसानो के सामने बदहाल मार्ग एक बड़ी समस्या है। आसपास नहीं मेडिकल सुविधा मुख्य सड़क से बेहद अंदर होने की वजह से कई गांव देहात के क्षेत्रों में आसपास कोई मेडिकल सुविधा भी नहीं है। ग्रामीणों को मेडिकल सुविधा के लिए करीब 10 किलोमीटर तक का सफर तय करना पड़ता है। यदि कोई वाहन चालक दुर्घटना में घायल हो जाए तो गांव में एंबुलेंस सुविधा तक पहुंचने में दिक्कत आती है। मार्ग सूनसान होने की वजह मरीज सड़क पर ही पड़े रहते हैं। बारिश के बाद समस्या और बढ़ी व्यापारी सुशील जिंदल ने बताया कि बाजार की सड़क बने कुछ ही समय बीता है। कुछ ही दिनों में सड़क ऊंची नीची हो गई है। जबकि कई स्थानों पर गड्ढे हो गए। बारिश के बाद समस्या और अधिक बढ़ गई है। इसमे अधिकारियों से रिकवरी होनी चाहिए। अधिकारी शीघ्र से शीघ्र सड़कों को सही कराएं। कोतवाली क्षेत्र में कई की जान गई, कई हुए घायल कस्बे से गुजरने वाले नहटौर मार्ग ,नजीबाबाद मार्ग, नगीना बाईपास तथा बिजनौर रोड पर जगह-जगह गड्ढे हो गए हैं।सबसे बुरी स्थिति नहटौर मार्ग की है जहां कोतवाली देहात, करौंदा पचदू,जगन्नाथपुर से लेकर महमूदपुर तक कई स्थानों पर बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं। कई बार पीडब्ल्यूडी द्वारा इन गड्ढों को भर दिया जाता है लेकिन भारी यातायात के चलते कुछ ही दिन में स्थित ज्यों की त्यों बन जाती है। नहटौर मार्ग पर कई स्थानों पर बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं। पिछले 1 महीने में नहटौर पर हुई दुर्घटनाओं में चार लोगों की मौत हो चुकी है जबकि दर्जनों लोग घायल हो चुके हैं। कोतवाली देहात में नजीबाबाद रोड पर गौसपुर तिराहे तक स्थिति खराब है। गड्ढों को भरा गया लेकिन कुछ ही दिन में स्थिति खराब हो गई। नजीबाबाद मार्ग पर पेट्रोल पंप के सामने बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं। कई स्थानों पर गड्ढों में पानी भर जाता है। गत दिवस टंकी का पानी लीकेज होने के चलते सड़क पर पानी भर गया था जिस दौरान वाहन चालक कीचड़ भरे गड्ढों में गुजारने को मजबूर रहे । पश्चिमी उत्तर प्रदेश व्यापार मंडल के अध्यक्ष अरविंद बिश्नोई का कहना है कि कोतवाली देहात में गड्ढों के कारण चलना दुभर है। इनको जल्द भरवाया जाना चाहिए। सुझाव 1. गांव को मुख्य मार्ग से जोड़ने वाली टूटी सड़कों की जल्द मरम्मत की जाए. 2. जाफ्ता नगर से भगतावाला तक टूटी सड़क पर कार्य शीघ्र शुरू किया जाए. 3. सड़क की मरम्मत कर कच्चे मार्ग पर ईट इंटरलॉकिंग बिछाई जाए। 4. मुख्य मार्ग से जाफ्ता नगर जाने वाला मार्ग बेहद संकरा है, इसका चौड़ीकरण किया जाए। 5. गांव का रास्ता जंगल का मार्ग है। मार्ग के किनारे खड़ी झाड़ झंकार को साफ कराया जाए। शिकायतें 1. जनप्रतिनिधि 5 साल में वोट लेने ही आते हैं, इसके बाद उनका जनता से कोई सरोकार नहीं रहता है। 2. क्षेत्र में सड़कों के अलावा भी कई समस्याएं मुंह बांहे खड़ी हैं, उनका भी समाधान कराया जाए. 3. गांव को जोड़ने वाली सड़कों की पुलिया भी क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं, उनकी भी मरम्मत होनी चाहिए. 4. सड़कों को इतना सुगम बनाया जाए की ग्रामीण रात्रि में भी अपने गंतव्य तक पहुंच सके। 5. वाहन चालक आए दिन सड़कों के गड्ढों में गिरकर घायल होते हैं, उनके उपचार के लिए सरकार से मदद मिलनी चाहिए. हमारी भी सुनो गांव को मुख्य मार्ग से जोड़ने वाले रास्ते की हालत खस्ता हाल है। मार्ग लंबे समय से क्षतिग्रस्त है। जनप्रतिनिधि से लेकर विभाग के अधिकारियों से मार्ग की मरम्मत की गुहार लगाई। पर अभी तक ठीक नहीं हुआ। -पंकज कुमार गांव नेशनल हाईवे से 5 किमी दूर है। गांव को हाईवे से आने के लिए दो रास्ते हैं। दोनों रास्ते बदहाल हैं। मार्ग पर सफर में रोजमर्रा दिक्कत होती है।- रामनाथ सिंह क्षेत्र रास्ते बदहाल होने की वजह से बच्चों को स्कूल जाने में दिक्कत होती है। कोई स्कूली वाहन गांव में आने को तैयार नहीं होता है। अभिभावक ही बच्चों को स्कूल छोड़कर आते हैं। -पवन कुमार गांव के रास्तों की बदहाली की वजह से कई परिवार गांव छोड़कर दूसरी जगह जाकर रहने लगे हैं। गांव सुदूर होने की वजह से कोई जनप्रतिनिधि रास्तों की सुध नहीं लेता है। जनपद स्तर के अधिकारियों को गांव में आए दशक बीत गए हैं। -बाबूराम सिंह सड़क क्षतिग्रस्त होने की वजह से दो पहिया वाहन चालक आए दिन दुर्घटनाग्रस्त होते रहते हैं। घायलों को कई बार समय से उपचार तक नहीं मिल पाता है। संबंधित विभाग मार्ग को तक नहीं कर रहा है।- ओमप्रकाश सिंह गांव के दोनों रास्ते खस्ता हाल होने की वजह से रोजमर्रा के कार्यों में परेशानी होती है। ग्रामीण रास्ते बदहाल होने की वजह से समय से काम नहीं कर पाते हैं। वाहनों में भी टूट फूट अधिक होती है। ग्रामीणों का सड़कों की वजह से खर्च अधिक होता है। - वीरभान सिंह स्कूली बच्चों के लिए आसपास कोई स्कूल नहीं है। बदहाल सड़क पर बच्चों को अकेला भेजना खतरे से कम नहीं होता है। ऐसे में कई बच्चे शहर में रहकर ही अपनी पढ़ाई कर रहे हैं। - दीनानाथ मार्ग की मरम्मत के लिए कई बार जनप्रतिनिधियों से शिकायत की। हर बार मार्ग को ठीक करने का आश्वासन दिया गया। किंतु अभी तक मार्ग की मरम्मत तक नहीं हो पाई है। -रूपचंद सिंह रात्रि में यदि महिलाओं को यदि प्रसव पीड़ा होने लगे तो आसपास के गांव से कोई भी वाहन चालक नहीं आता है। गांव का रास्ता बादल होने की वजह से ग्रामीणों को अपने निजी संसाधन से ही उपचार को जाना पड़ता है। -पैनल चौहान गांव का मुख्य मार्ग खराब होने की वजह से सबसे बड़ा खतरा रात्रि में घर पहुंचने का रहता है। अकेला व्यक्ति जंगली जानवरों की वजह से मार्ग पर चलने से डरता है। आसपास के गांव में जंगली जानवरों के हमले होने की वजह से लोग दिन में ही घरों में कैद हो जाते हैं। -नन्हे सिंह गांव मुख्य मार्ग से सुदूर होने की वजह से नौकरी पेशा लोग शहरों में रहकर अपना काम कर रहे हैं। रास्ते की बदहाली की वजह से कोई गांव में रहना पसंद नहीं कर रहा है। मजबूरी में लोगों को शहरों में रहकर नौकरी करनी पड़ रही है। -जसविंद्र सिंह गांव के रास्तों की हालत को देखकर कोई रिश्तेदार भी गांव में आना पसंद नहीं करता है। अगर कोई मजबूरी में आ भी जाए तो उसे समय से अपने घर के लिए निकलना पड़ता है। वरन हादसे का डर रहता है। -मोहित कुमार मार्ग करीब एक दशक पहले ठीक हुआ था, तब ग्रामीणों को लगा था कि उनका जीवनसुगम हो गया है। लेकिन धीरे-धीरे रास्ता बदहाल होता चला गया। फिर किसी ने इसकी सुध नहीं ली। -मनीष ग्रामीणों को रोजमर्रा के कारण के साथ-साथ मार्ग की बदहाली की वजह से खेती-बाड़ी का काम करने में भी दिक्कत होती है। ट्रैक्टर पर बैठकर चलने में हौसले पस्त हो जाते हैं। कोई जरूरी काम पड़ जाए तो कई बार घर से बाहर निकालने के लिए सोचना पर मजबूर होना पड़ता है।-रिंकू सड़कों पर पट्टी बनवानी चाहिए। पट्टी ना होने के कारण दुर्घटनाएं बढ़ रही है। नहटौर मार्ग पर गड्ढों के कारण दुर्घटनाएं हो रही हैं, गड्ढों से निजात दिलानी होगी। इश्तियाक अहमद, पूर्व प्रधान। कोतवाली देहात में धूल और कीचड़ फैला हुआ है।धूल और कीचड़ के कारण भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है।इससे निजात दिलाना जरूरी हो गया है। -चौधरी वीरपाल सिंह कोतवाली देहात में नजीबाबाद मार्ग पर कई स्थानों पर गड्ढे बन गए हैं।जिन्हें कई बार भर गया है लेकिन इसके लिए समाधान निकालने की जरूरत है।इस दौरान गाड़ियां भी क्षति ग्रस्त हो जाती है।- नसीम अहमद नहटौर मार्ग पर गड्ढों के कारण दुर्घटनाएं हो रही हैं। अभी तक चार की जान जा चुकी है, जबकि कई घायल हो चुके हैं, प्रशासन को चाहिए कि यहां विशेष ध्यान दिया जाए, यहां समाधान की जरूरत है। - मेहंदी गड्ढों के कारण सड़क पर चलना दुभर है। बाइक चालक कई बार गड्ढे में फिसल कर गिर जाते हैं। इसके चलते कई दुर्घटनाएं हो चुकी है, मैं खुद दो बार चोटिल हुआ हूं। - जॉन कस्बे की सभी सड़कों पर गड्ढे हैं। इनका कोई समुचित समाधान नहीं निकाला जा रहा है। इन्हें भर दिया जाता है और कुछ दिनों बाद स्थिति ज्यों की त्यों हो जाती है। -अनिल बिश्नोई कोतवाली देहात में बिजनौर मार्ग पर चलना कठिन हो गया है।जरा सी बूंदाबांदी में गड्ढों में पानी भर जाता है जिसके चलते तालाब जैसी स्थिति बन जाती है ।ओवर ब्रिज निर्माण कर रही संस्था द्वारा भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है।- फरहत अहमद ओवर ब्रिज का निर्माण किया जा रहा है। नगीना बाईपास को ऐसे ही छोड़ दिया गया है ।उस पर पिछले दो सालों से काम चल रहा है। ना तो सड़क बनाई जा रही है न ही गड्ढों का कोई समाधान किया जा रहा है। -अशोक बिश्नोई पूरा कोतवाली देहात इस समय गड्ढों की समस्या से जूझ रहा है। प्रतिदिन दुर्घटनाएं हो रही हैं लेकिन प्रशासन आंख मूंदे बैठा है। जुबेर अहमद ने बताया कि गड्ढों के चलते छोटे वाहन से लेकर बड़े वाहन तक दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं ।कुछ दिन पूर्व गड्ढों में फंसकर ओवर ब्रिज के निकट एक ट्रक पलट गया था। बड़ी दुर्घटना होने से बच गई थी।- बबली वर्जन..... पिछले आठ वर्षो में बढ़ापुर विधान सभा में सड़को का जाल बिछा दिया गया हैं। वह स्वयं गांव गांव घूम रहे हैं। सभी मार्गो की बदहाली से वाकिफ हैं। बहुप्रतीक्षित किरतपुर- रानीनांगल मार्ग का निर्माण शुरू हो चुका हैं। जटपुरा- सुआवाला- कालागढ़ व नादेही - सुआवाला मार्ग का चौड़ीकरण किया गया हैं। कुछ पुराने संपर्क मार्गो के नवीनीकरण के लिए धनराशि स्वीकृत हो गई हैं। शीघ्र ही पुराने मार्गो का नवीनीकरण किया जायेगा। किसी भी मार्ग को बढ़ापुर विधानसभा में निर्माण से वंचित नहीं रखा जाएगा। - सुशांत सिंह, विधायक बढ़ापुर

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