लाखों के पुराने पेड़ काटे, एनजीटी ने लगाया 3.61 करोड़ का जुर्माना
Bijnor News - वन विभाग की अनुमति के बिना 79 आम के पेड़ काटने पर एनजीटी ने 3.61 करोड़ का जुर्माना लगाया है। देवेश कुमार शर्मा के बेटे दीपांशु ने एनजीटी में केस दर्ज कराया था। पिछले वर्ष बिना अनुमति के पेड़ काटे गए...

वन विभाग की अनुमति के बिना आम के 79 पेड़ काटे जाने पर एनजीटी ने 3.61 करोड़ का जुर्माना ठोक दिया है। वन विभाग के अफसर भी इस मामले में 3 लाख 95 हजार का जुर्माना वसूल चुके हैं। पेड़ काटने वाले के बेटे ने ही एनजीटी में पहुंचकर केस दर्ज कराया था। गत वर्ष फरवरी-मार्च में आम के पेड़ काटे गए थे। मंडावर रोड पर बस स्टैंड के पास देवेश कुमार शर्मा का 1.587 हेक्टेयर का आम का बाग है। इसमें करीब 82 पेड़ थे। राजस्व विभाग के रिकार्ड में आम के पेड़ों की आयु राजस्व विभाग के अधिकारियों ने 70 से 75 वर्ष आंकी थी।
पेड़ों को रोगग्रस्त भी माना गया था। गत वर्ष फरवरी से मार्च तक बिना वन विभाग की अनुमति के आम के पुराने 79 पेड़ काट दिए गए थे। वन विभाग को सूचना मिली तो वन विभाग के अधिकारियों ने इन पेड़ों को काटने पर करीब 3 लाख 95 हजार का जुर्माना लगाकर वसूल भी लिया था। देवेश कुमार शर्मा के बेटे दीपांशु शर्मा ने बिना अनुमति के इतने पुराने पेड़ काटने पर राष्ट्रीय हरित अधिकरण में केस दर्ज कराया था। राष्ट्रीय हरित अधिकरण के मुख्य पर्यावरण अधिकारी उत्तर प्रदेश शासन ने बिना अनुमति के आम के 79 पेड़ काटने में 3 करोड़ 61 लाख का जुर्माना लगाया है। एनजीटी ने माना है कि पेड़ों को अवैध रूप से काटने पर पर्यावरण को नुकसान हुआ है। इतना ही नहीं एक पेड़ से पर्यावरण क्षति साढ़े चार लाख से अधिक आंकी गई है। उन्होंने कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए 15 दिन के अंदर संतोषजनक स्पष्टीकरण न देने पर पैसे जमा करने के आदेश दिए हैं। वन विभाग की बिना अनुमति के बिना काटे गए थे पेड़ मंडावर बस स्टैंड के पास देवेश कुमार शर्मा ने वन विभाग की बिना अनुमति के 79 आम के पुराने पेड़ काट लिए थे। वन विभाग के अफसरों न इस पर उनसे करीब 3 लाख 95 हजार का जुर्माना वसूला था। उनके बेटे दीपांशु शर्मा ने उनके खिलाफ एनजीटी में केस दर्ज कराया था। दीपांशु ने वन विभाग को भी पार्टी बनाया था, लेकिन वन विभाग ने अपना पक्ष रखा और एनजीटी जवाब से संतुष्ट हुए। एनजीटी द्वारा यूपी कंट्रोल बोर्ड को कॉल की गई और कार्रवाई के बारे में पूछा। उसके बाद राष्ट्रीय हरित अधिकरण के मुख्य पर्यावरण अधिकारी उत्तर प्रदेश शासन ने बिना अनुमति के आम के 79 पेड़ काटने में 3 करोड़ 61 लाख का जुर्माना लगाया है। लाखों के पेड़ काटने पर करोड़ों का जुर्माना लग गया है। क्षेत्रीय अधिकारी महेश गौतम ने बताया कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने 29 अप्रैल को जारी अपने आदेश में कहा कि 15 दिन के अंदर उनका स्पष्टीकरण न मिलने पर यह जुर्माना उन पर लागू कर दिया जाएगा।
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