फार्मेसी के विद्यार्थियों को ट्रेडिसिनल सिस्टम ऑफ़ मेडिसिन की दी जानकारी
Bijnor News - बिजनौर के विवेक विश्वविद्यालय के फार्मेसी विभाग में ट्रेडिशनल सिस्टम ऑफ मेडिसिन विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता डॉ. रिजवान अहमद ने पारंपरिक चिकित्सा के महत्व और इसके उदाहरण जैसे...

बिजनौर। विवेक विश्वविद्यालय के फार्मेसी विभाग में गुरुवार को ट्रेडिशनल सिस्टम ऑफ मेडिसिन विषय पर सेमिनार का आयोजन हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ डॉ. सौरभ शर्मा, डॉ. रिजवान अहमद, डॉ. संदीप कुमार ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया। मुख्य वक्ता डॉ. रिजवान अहमद ने बताया कि पारंपरिक चिकित्सा (ट्रेडिशनल मेडिसिन) का अर्थ है ऐसी ज्ञान प्रणालियां जो कई पीढ़ियों से विकसित हुई हैं और जो शारीरिक और मानसिक रोगों की पहचान, रोकथाम, इलाज और सुधार के लिए आधुनिक चिकित्सा प्रणाली से अलग तरीके से प्रयोग की जाती है। यह स्वदेशी सिद्धांतों, विश्वासों और अनुभवों पर आधारित है, जो स्वास्थ्य के रखरखाव, रोकथाम, निदान, सुधार या उपचार के लिए उपयोग किए जाते हैं।
ट्रेडिशनल मेडिसिन के उदाहरण आयुर्वेद , सिद्ध , यूनानी आदि हैं । डॉ. अहमद ने बताया कि आयुर्वेद चिकित्सा प्रणाली में तीन शारीरिक दोषों (त्रिदोष, वात, पित्त, कफ) के असंतुलन को रोग का कारण माना गया है और समदोष की स्थिति को आरोग्य। प्राचार्य डॉ. सौरभ शर्मा ने बताया की कुछ अफ्रीकी देशों में 80 प्रतिशत तक आबादी अपनी प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल आवश्यकताओं के लिए पारंपरिक चिकित्सा पर निर्भर है। हालांकि डब्ल्यूएचओ ने कहा कि पारंपरिक दवाओं के अनुचित उपयोग से नकारात्मक प्रभाव हो सकते हैं और पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों द्वारा उपयोग की जाने वाले औषधीय पौधों की प्रभावकारिता और सुरक्षा का पता लगाने के लिए शोध की आवश्यकता है। फार्मेसी विभाग के प्रोफेसर डॉ. अंकुर गर्ग ने बताया कि फार्मेसी विभाग में छात्र-छात्रायों के लिए प्रति सप्ताह दो सेमिनार का आयोजन किया जाता है। कार्यक्रम में बी. फार्म के छात्र छात्राए और डॉ. विशाल कुमार, डॉ. डीजी बारी, डॉ. पीयूष पंकज, अभिषेक मारवाड़ी आदि उपस्थित रहे।
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