कार में खून से लथपथ मिला आबकारी इंस्पेक्टर का शव, कनपटी पर लगी थी गोली, महिला मित्र से पूछताछ
बांदा में तैनात आबकारी इंस्पेक्टर आलोक श्रीवास्तव का शव कार के अंदर खून से लथपथ मिला है। शव को सबसे पहले देखने वाली परिवार की महिला मित्र का मोबाइल कब्जे में लेकर पुलिस ने पूछताछ की है। महिला मित्र ने ही पुलिस को सुसाइड नोट भी दिया है।

यूपी के सीतापुर में आबकारी इंस्पेक्टर आलोक श्रीवास्तव की कार के अंदर खून से लथपथ लाश मिली है। उनकी कनपटी पर गोली लगी थी। कार में ही लाइसेंसी रिवाल्वर भी मिली है। ऐसे में आत्महत्या की आशंका जताई जा रही है। इंस्पेक्टर की इन दिनों बांदा में तैनाती थी। उनकी पत्नी भी सहायक आबकारी आयुक्त हैं। शहर कोतवाली क्षेत्र में वैदेही वाटिका के निकट खड़ी कार में आबकारी इंस्पेक्टर की लाश को सबसे पहले बेटे और उनकी पारिवारिक महिला मित्र ने देखा। घटना का जानकारी मिलते ही पुलिस और आबकारी विभाग के अफसर मौके पर पहुंचे। पुलिस ने रिवाल्वर व कार को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है।
आबकारी निरीक्षक आलोक श्रीवास्तव (45) पुत्र ईश्वर दयाल शहर के शिवपुरी मोहल्ले के निवासी थे। कोतवाली निरीक्षक अनूप शुक्ला ने बताया कि उनकी पारिवारिक मित्र पूनम ने पुलिस टीम को आलोक श्रीवास्तव की आत्महत्या के बारे में बताया और सुसाइड नोट दिया है। पूनम का मोबाइल जब्त कर उससे पूछताछ की जा रही है, गोली किन परिस्थितियों में चली, इसकी भी जांच की जा रही है। इसके साथ ही सुसाइड नोट की राइटिंग का भी मिलान कराया जा रहा है।
निलंबन बहाल होने के सालभर बाद बांदा में मिली थी तैनाती
बांदा। आबकारी निरीक्षक आलोक कुमार अयोध्या में तैनाती के दौरान निलंबित हुए थे। 17 माह बाद उनकी बहाली हुई थी। इसके 14 माह बाद उनका बांदा स्थानांतरण हुआ था। तब से आबकारी निरीक्षक अभियोजन पद पर यहीं तैनात थे। शनिवार को छुट्टी पर सीतापुर गए थे। उनकी पत्नी अमृता श्रीवास्तव यहां सहायक आबकारी आयुक्त प्रवर्तन हैं। पति की मौत की खबर मिलने के बाद वह सीतापुर पहुंच गईं हैं।
वर्ष 2019 में आलोक कुमार अयोध्या में आबकारी निरीक्षक पद पर तैनात थे। अवैध शराब की बिक्री के आरोप में निरस्त देसी शराब की दुकान को नियम विरुद्ध आवंटन करने पर दिसंबर 2019 में उन्हें निलंबित किया गया था। यह कार्रवाई अध्योध्या के ही एक अफसर की शिकायत पर हुई थी। करीब 17 माह बाद 31 मई 2021 में बहाली हुई थी। चार जुलाई 2022 को बांदा में आबकारी निरीक्षक अभियोजन पद पर तैनाती मिली।
बताया जा रहा है कि उसी समय के आसपास उनकी पत्नी अमृता श्रीवास्तव को भी बांदा में सहायक आबकारी आयुक्त प्रवर्तन पद पर तैनाती मिली थी। विभागीय चर्चाओं के मुताबिक, लंबे समय से एक ही पद पर तैनाती, प्रमोशन न होने और पत्नी के जनपद में ही उच्च पद पर रहने से डिप्रेशन में थे। डिप्रेशन की दवाएं भी चल रहीं थीं।
लखनऊ से फोन कर ली गई जानकारी
आलोक कुमार के सीतापुर में मौत के बाद लखनऊ के विभागीय अधिकारियों के फोन जनपद के अधिकारियों के पास आने लगे। बांदा में कोई विवाद या अन्य कोई बात तो नहीं हुई, इसकी जानकारी ली गई। उनके कुछ साथी बुधवार को सीतापुर जाएंगे।
जिसकी शिकायत पर हुए थे निलंबित, उस पर हुई थी छेड़छाड़ की रिपोर्ट
जिस अफसर की शिकायत पर आलोक कुमार निलंबित हुए थे, उस अफसर के खिलाफ कैंट थाने में 17 जनवरी 2020 में छेड़छाड़ की रिपोर्ट दर्ज हुई थी। आयोध्या में कैंट थाना क्षेत्र के एक मोहल्ले की युवती की शिकायत थी कि उसे नौकरी का झांसा देकर अफसर ने अपने आवास बुलाया था। यहां उसे बदनीयती से पकड़ लिया था।