यूपी के सरकारी अस्पतालों के वार्ड में अब केवल पास वालों को एंट्री, हथियारों के साथ तैनात होंगे सुरक्षाकर्मी, क्या मंशा?
प्राइवेट अस्पतालों की तरह यूपी के सरकारी अस्पतालों के वार्ड में भी अब पास वालों को ही एंट्री दी जाएगी। बिना पास घुसने वालों को रोकने के लिए हथियारबंद सुरक्षाकर्मियों की तैनाती होगी। शासन ने सभी अस्पतालों के अधीक्षकों को इस बारे में निर्देश जारी कर दिया है।

यूपी के सरकारी अस्पतालों में यूं ही कोई वार्डों में प्रवेश नहीं कर पाएगा। इन अस्पतालों के वार्डों में अब पास के जरिए एंट्री दी जाएगी। सभी अस्पतालों में ऐसी व्यवस्था लागू करने की तैयारी है। इस काम को हथियारबंद सुरक्षा कर्मियों की मदद से अमल में लाया जाएगा। इस संबंध में शासन ने सभी चिकित्सा अधीक्षकों को निर्देश जारी किए हैं। इसके पीछे की मंशा भर्ती मरीजों की सुरक्षा को कारण बताया जा रहा है। भर्ती मरीजों की निजता का ध्यान रखने की बात कही जा रही है।
प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में इलाज के बेहतर इंतजाम के लिए कई कदम उठाए गए हैं। सभी अस्पतालों में कैमरे लगाए जा चुके हैं और उनकी मुख्यालय से निगरानी की जा रही है। नतीजा यह है कि अस्पतालों में सफाई के स्तर में सुधार के साथ ही स्टाफ की उपलब्धता भी बढ़ी है। वहीं अस्पतालों में होने वाली घटनाएं रोकने को अब सुरक्षा का जिम्मा पूर्व सैनिक कल्याण निगम को सौंपा गया है। हथियारबंद सुरक्षा कर्मियों की तैनाती हाल ही में प्रदेश के तमाम अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में की गई है।
तीमारदारों के बनेंगे एंट्री पास
इन सुरक्षा कर्मियों का प्रयोग अब अस्पतालों के वार्डों में अनधिकृत लोगों का प्रवेश रोकने में किया जाएगा। इस काम में कैमरों की भी मदद ली जाएगी। प्रदेश के कई जिलों में बच्चा चोरी जैसी घटनाएं भी सामने आ चुकी हैं। वहीं सरकारी अस्पतालों में दलालों का भी जमघट रहता है, जो मरीजों और तीमारदारों को फुसलाकर प्राइवेट अस्पतालों और जांच केंद्रों पर भेज देते हैं।
इन सभी चीजों की रोकथाम के लिए वार्डों में बाहरी लोगों का प्रवेश प्रतिबंधित करने की तैयारी है। इसके लिए मरीजों के तीमारदारों को पास जारी किए जाएंगे। उन्हीं के जरिए प्रवेश मिलेगा। बिना पास वालों की एंट्री नहीं हो पाएगी। इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने सभी चिकित्सा अधीक्षकों को निर्देश जारी किए हैं।