रिजल्ट : बेटियों पर बरसे थोक के भाव अंक, प्रतिशत में बेटे रह गए पीछे
Bulandsehar News - -हाईस्कूल की सूची में सात बेटियों के नाम, तीन बेटों भी नाम चमकायाबेटियों पर बरसे थोक के भाव अंक, प्रतिशत में बेटे रह गए पीछेबेटियों पर बरसे थोक के भाव

बुलंदशहर। यूपी बोर्ड के परीक्षा परिणाम में टॉपटेन की सूची में बेटियों के साथ-साथ इस बार बेटों का भी दबदबा रहा है। हाईस्कूल टॉपटेन की सूची में सात बेटियां तो तीन बेटे भी हैं। बोर्ड ने भी बेटियों को थोक के भाव अंक दिए हैं, सुंदर लेखनी पर भी बेटियों को अंक मिले हैं। इंटर में सबसे ज्यादा बेटियों प्रथम श्रेणी से पास हुई हैं। हाईस्कूल में कुल 44,291 परीक्षार्थी पंजीकृत थे, इनमें 18,560 बेटी और 25,731 बेटे शामिल हैं। इंटर की टॉपटेन सूची में बेटों की संख्या छह और चार बेटियां शामिल हैं। बोर्ड ने टॉपटेन मेधावी छात्रों की सूची जारी की है। दोनों कक्षाओं की सूची अलग-अलग आई है। इसमें बेटियों के साथ-साथ बेटों का दबदबा रहा है। हाईस्कूल की सूची में सात बेटियां तो तीन बेटे शामिल हैं। इंटरमीडिएट में चार बेटियां और छह बेटे शामिल हैं। यहां पर बेटे बेटियों से काफी आगे निकल गए हैं। हालांकि मेरठ रीजन क्षेत्र में बेटियों का दबदबा नहीं रहा है। बेटों ने अपना वर्चस्व कायम किया है। बेटों ने परीक्षा परिणाम में बेटियों की बराबरी की है मगर वह अंकों में मार खा गए हैं। बेटियों को हिंदी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान व चित्रकला जैसे विषयों में शत-प्रतिशत अंक मिले हैं। इंटर में प्रथम श्रेणी में करीब तीन हजार से अधिक बेटियों ने मैदान मारा है। बुलंदशहर नगर क्षेत्र के स्कूलों से कोई भी छात्र टॉप नहीं कर सका है, जबकि ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों से बेटियों और बेटों ने मैदान मारा है। जिले में बेटियों ने हाईस्कूल व इंटर में अंक हासिल करने में अपना झंडा बुलंद किया है।
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किस कक्षा में कितनी बेटे-बेटियां
हाईस्कूल पंजीकृत छात्र --- 44291
कुल बेटियां --- 18560
कुल बेटे -- 25731
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इंटर में पंजीकृत छात्र -- 43,203
कुल बेटियां --- 19587
कुल बेटे --- 23616
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हाईस्कूल में इस बार बढ़ा फेल का ग्राफ
यूपी बोर्ड के परीक्षा परिणाम में इस बार दसवीं कक्षा में फेल होने वाले छात्रों का ग्राफ बढ़ा है। कुल पंजीकृत 44,291 छात्रों में से 12,494 छात्र-छात्राएं फेल हुए हैं, हालांकि इसमें सबसे ज्यादा बेटों के फेल होने का अनुमान है। बेटियों की संख्या फेल होने में कम है। बोर्ड ने छात्रों को दसवीं में ग्रेड सिस्टम से अंक दिए हैं। इसमें ए, बी, सी व डी में वन से लेकर फाइव तक ग्रेड हैं। प्रयोगात्मक और मौखिक परीक्षाओं के अंकों को जोड़कर ग्रेड दिया है। गत वर्ष दसवीं में करीब आठ हजार छात्र फेल हुए थे। इस बार यह आंकड़ा 12 हजार को पार कर गया है।
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