लखनऊ में रफ्तार का कहर, कारोबारी की बेटी ने कार से युवक को रौंदा; बच्चे और बुजुर्ग को मारी टक्कर
स्टीयरिंग से नियंत्रण खो चुकी कारोबारी की बेटी ने कार से 45 वर्षीय वीरेंद्र उर्फ रवींद्र को रौंद दिया। सड़क पार कर रहे 10 साल के बच्चे और भीख मांगती एक वृद्धा को भी टक्कर मार दी। अनियंत्रित कार बिजली के खंभे से टकराकर रुक गई। हादसे के बाद घायलों को कराहते देख आक्रोशित लोग दौड़े और उसे घेर लिया।

लखनऊ के खदरा में मंगलवार दोपहर करीब 3:30 बजे तेज रफ्तार कार से रियल एस्टेट कारोबारी की बेटी ने साइकिल सवार एलआईसी एजेंट 45 वर्षीय वीरेंद्र उर्फ रवींद्र को कुचल दिया, जिससे उसकी मौत हो गई। स्टीयरिंग से नियंत्रण खो चुकी कार चालक ने सड़क पार कर रहे 10 वर्षीय बच्चे और भीख मांगती एक वृद्धा को भी टक्कर मार दी। अनियंत्रित कार बिजली के खंभे से टकराकर रुक गई। हादसे के बाद घायलों को कराहते देख आक्रोशित लोग दौड़े और उसे घेर लिया। मदेयगंज पुलिस ने चालक महिला के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया है।
इंस्पेक्टर मदेयगंज राजेश सिंह के मुताबिक हादसे में मृत वीरेंद्र कुमार उर्फ रवींद्र ज्वाला देवी मंदिर खदरा के रहने वाले हैं। वह एलआईसी एजेंट थे। घायलों में बांसमंडी भानू टोला का रहने वाला 10 वर्षीय बच्चा दक्ष सोनकर और भीख मांगने वाली वृद्धा है। दक्ष और वृद्धा का ट्रॉमा सेंटर में इलाज चल रहा है।
इंस्पेक्टर के मुताबिक कार सीतापुर रोड से पक्का पुल की ओर आ रही थी। उसने पहले वीरेंद्र की साइकिल में टक्कर मारी। इससे वह साइकिल से उछलकर सिर के बल सड़क पर गिर गए। इसके बाद कार ने वीरेंद्र को कुचलते हुए सड़क पार कर रहे दक्ष और भीख मांगती वृद्धा को टक्कर मार दी। दोनों दूर गिरे। सड़क पर अनियंत्रित कार दौड़ती देख लोगों में भगदड़ मच गई। फिर कार सड़क किनारे खड़ी बाइक और स्कूटी को ठोंकती और डिवाइडर को रगड़ती हुई बिजली के खंभे से टकरा कर रुक गई। लोग दौड़े और कार चला रही महिला और उसकी मां को घेर लिया। तब तक पुलिस पहुंच गई और दोनों को हिरासत में लेकर थाने पहुंची। तीनों घायलों को आनन-फानन ट्रॉमा सेंटर भेजा। वहां डॉक्टरों ने वीरेंद्र को मृत घोषित कर दिया, जबकि दक्ष और वृद्धा की हालत नाजुक देख उन्हें भर्ती कर लिया। वृद्धा की पहचान नहीं हो सकी। लोगों ने बताया कि वह कई महीनों से क्षेत्र में घूम घूमकर मांगती-खाती है।
इंस्पेक्टर ने बताया कि पूछताछ में पता चला कि आरोपित कार चालक सआदतगंज की रहने वाली तनु गुप्ता हैं। उनके पिता चीनू गुप्ता रियल एस्टेट कारोबारी हैं। वह मां रजनी के साथ मड़ियांव में एक रिश्तेदार के घर से लौट रही थीं। एकाएक स्टीयरिंग से उनका नियंत्रण खो गया था।
हादसे से सड़क पर भगदड़, लोगों में खौफ
हादसे के दौरान शिया कॉलेज के पास राहगीरों और डिवाइडर के आस-पास खड़े लोगों में भगदड़ मच गई। सड़क किनारे खड़े एक दुकान पर चाय पी रहे जावेद ने बताया कि हादसे के दौरान कार की रगड़ सड़क और डिवाइडर पर इतनी तेज थी कि उनके हाथ से गिलास छूट गया। उनके साथ ही आस-पास खड़े लोग भी भागने लगे। श्यामू एक दुकान से किराने का सामान खरीद रहे थे वह भी भाग खड़े हुए। कार जब रुकी तो लोग कुछ देर बाद सामान्य हुए। घायलों को चीख-पुकार करते देख मौके पर पहुंचे। कार के नीचे फंसी स्कूटी और साइकिल निकालने में लोग मदद करने लगे। आक्रोशित लोग कार सवार महिला को भला बुरा कह रहे थे। बवाल बढ़ता तब तक पुलिस ने सड़क पर लाठी पटककर लोगों को हटा दिया।
खाने के लिए इंतजार कर रहे थे परिवारीजन
वीरेंद्र के भाई ने देवेंद्र ने बताया कि भइया खाना खाने के लिए घर आ रहे थे। वह किसी क्लाइंट से बीमा पालिसी के संबंध में मिलने गए थे। घर पर लोग खाने का इंतजार कर रहे थे। भाई की हादसे में मौत हो गई। पुलिस से सूचना मिलते ही भाभी सरोज और बच्चों समेत अन्य परिवारीजन खाना छोड़कर ट्रामा सेंटर पहुंचे।
खबर मिलने पर पहुंचे, बेटा घायल मिला
दक्ष के पिता नीरज सोनकर ने बताया कि वह हादसे की सूचना पर शिया कॉलेज के पास पहुंचे। वहां खड़े मोहल्ले वालों ने बताया कि बेटा भी घायल हुआ है। यह सुनते ही पैरों तले जमीन खिसक गई। आनन फानन अस्पताल पहुंचे तो बेटा वहां घायल पड़ा था। नीरज ने बताया कि वह बासमंडी में रहते हैं। बेटा क्षेत्र स्थित स्कूल से कक्षा पांच का छात्र है। वह घर का कुछ सामान लेने के लिए निकला था। इस बीच हादसे में वह घायल हो गया।