भगवान को सच्चे मन से पुकारने पर जरूर मिलते है: कथा वाचक
Chandauli News - भगवान को सच्चे मन से पुकारने पर जरूर मिलते है: कथा वाचकभगवान को सच्चे मन से पुकारने पर जरूर मिलते है: कथा वाचकभगवान को सच्चे मन से पुकारने पर जरूर मिल

इलिया, हिन्दुस्तान संवाद। क्षेत्र के बरहुआ गांव में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के सातवें एवं अंतिम दिन कथावाचक पंडित राधारमणाचार्य ने द्रोपदी चीर हरण की कथा सुनाई। कहा कि धृतराष्ट्र की सभा में दुर्योधन के कहने पर दुशासन द्रोपदी का चीरहरण कर रहा था। इस दौरान द्रौपदी ने प्रभु श्रीकृष्ण को याद किया तो भगवान ने द्रोपदी के वस्त्र को इतना बढ़ा दिया कि उनकी लाज बच गई। कथावाचक ने बताया कि भक्त अगर सच्चे मन से भगवान को याद करता है तो उसके हर मुश्किल में साथ खड़े रहते है। भक्ति और न्याय के राह पर चलने वाले पांडवों का साथ दिया और महाभारत की लड़ाई में पांडवों को विजय दिलाई। विश्राम दिवस के बाद विशाल भंडारा का आयोजन किया गया। जिसमें आसपास क्षेत्र के विभिन्न गांवों से पहुंचे लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया। इसमें राजेंद्र सिंह, मालती देवी, पन्ना दुबे, मदन दुबे, गुलाब सिंह यादव, विपिन दुबे, हृदय नारायण मौर्य,राधिका देवी, आरती देवी, रमाकांत, उमाशंकर, श्रीकांत सिंह, सूरज कुमार, निखिल कुमार, विपुल कुमार आदि रहे।
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