Deoria Launches 4 24 Crore Fecal Sludge Treatment Plant for Organic Fertilizer Production 4.24 करोड़ की लागत से बने एफएसटी प्लांट में मानव मल से बन रहा खाद, Deoria Hindi News - Hindustan
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4.24 करोड़ की लागत से बने एफएसटी प्लांट में मानव मल से बन रहा खाद

Deoria News - देवरिया में नगर पालिका परिषद द्वारा 4.24 करोड़ की लागत से फीकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना की गई है, जो मानव मल से खाद बनाने की प्रक्रिया शुरू कर चुका है। यह प्लांट सोलर ऊर्जा से संचालित होता है...

Newswrap हिन्दुस्तान, देवरियाTue, 22 April 2025 09:28 AM
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4.24 करोड़ की लागत से बने एफएसटी प्लांट में मानव मल से बन रहा खाद

देवरिया, निज संवाददाता। नगर पालिका परिषद देवरिया द्वारा पगरा परसिया वार्ड नं.17 जटमलपुर में 4.24 करोड़ की लागत से बनवाए गए फीकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट ( एफएसटीपी) में मानव मल से खाद बनाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। 32 केएलडी क्षमता वाले इस प्लांट का संचालन सोलर से ही किया जा रहा है। प्लांट में मल से सॉलिड को अलग कर खाद बनाया जा रहा है, जबकि वेस्ट वॉटर का शोधन कर उसे खेतों में खाद तौर पर प्रयोग करने योग्य बनाया जा रहा है। शहर के घरों से निकलने वाले मानव मल से जटमलपुर स्थित फीकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट में खाद बनाया जा रहा है। जिसके लिए घरों में स्थित सेफ्टी टैंकों की सफाई करने के बाद उसमें से निकलने वाले मानव मल को सेफ्टी टैंक सफाई करने वाली गाड़ी से एफएसटी प्लांट पर ले जाया जाता है। जहां मानव मल को मशीन के टंकी में गिराया जाता है और उसके बाद केमिकल के जरिए मल के सॉलिड व वेस्ट वॉटर को अलग किया जाता है। सॉलिड मैटेरियल को सूखाने के बाद उसे खाद बनाया जाता है, जबकि वेस्ट वॉटर का शोधन किया जाता है। उसके बाद उसे वेट लैण्ड में स्टोर किया जाता है, जिसके बाद वह खेतों में खाद के तौर पर प्रयोग करने योग्य बनता है। वहीं विद्युत आपूर्ति हेतु प्लांट परिसर में ही बड़े पैमाने पर सोलर प्लांट भी लगवाया गया है, जिससे एफएसटी प्लांट को संचालित किया जाता है।

जर्मनी से मंगाकर प्लांट में लगाई गईं हैं मशीनें

जटमलपुर स्थित फीकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट में मानव मल से खाद बनाने वाली मशाीनों को जर्मनी से मंगवाया गया है। प्लांट की क्षमता 32 केएलडी की है, मशीन के टैंक में एक बार 32 केएलडी मानव मल भरा जाता है, जिसके बाद ही मशीन को चालू किया जाता है। प्लांट के संचालन के बाद से कई बार बाहर की टीमें जांच भी कर चुकी हैं।

सेफ्टी टैंक की सफाई के लिए पालिका के पास हैं छ: गाड़ियां

शहर में लोगों के घरों में स्थित सेफ्टी टैंकों की औसतन तीन वर्ष पर सफाई कराई जानी चाहिए। सेफ्टी टैंकों की सफाई के लिए नगर पालिका के पास 6 केएलडी की क्षमता वाली छ: गाडियां हैं, जिससे शहरी क्षेत्र में सेफ्टी टैंकों की सफाई की जाती है। एक टैंक की सफाई करने पर पालिका द्वारा 2 हजार रूपए का चार्ज किया जाता है।

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