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एक राष्ट्र एक चुनाव पर संदेह मतदाताओं की बुद्धिमत्ता पर प्रश्न-विधि सचिव

Deoria News - संत विनोबा पीजी कॉलेज में 'एक राष्ट्र एक चुनाव' विषय पर कार्यक्रम का आयोजन हुआ। विधि सचिव राजीव मणि त्रिपाठी ने मतदाताओं की बुद्धिमत्ता पर सवाल उठाने वाले भ्रम को खारिज करते हुए कहा कि इससे मतदान...

Newswrap हिन्दुस्तान, देवरियाSun, 11 May 2025 10:02 AM
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एक राष्ट्र एक चुनाव पर संदेह मतदाताओं की बुद्धिमत्ता पर प्रश्न-विधि सचिव

देवरिया, निज संवाददाता। संत विनोबा पीजी कालेज में शनिवार को एक राष्ट्र एक चुनाव विषय पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें भारत सरकार के विधि सचिव राजीव मणि त्रिपाठी ने अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने एक राष्ट्र एक चुनाव की सफलता पर संदेह करने को भारतीय मतदाताओं की बुद्धिमत्ता पर प्रश्न उठाने जैसा बताया। विधि सचिव ने कहा कि एक राष्ट्र एक चुनाव से मतदान का प्रतिशत तो बढ़ेगा ही बढ़ेगा यह मानव श्रम और धन के अपव्यय को भी कम करेगा। उन्होंने कहाकि ऐसा जो भ्रम फैलाया जा रहा है कि इससे राष्ट्रीय पार्टियों को फायदा होगा। यह एक तरह से भारतीय मतदाताओं के बुद्धिमता पर प्रश्न उठाने जैसा है।

मतदाता यह जानता है कि राष्ट्रीय, प्रांतीय और स्थानीय स्तर पर उसका हित कैसे सुरक्षित रहेगा। विधि सचिव ने कहा कि विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र मे चुनाव की जटिलता और लगने वाले समय में संसाधनों और समय मे होने वाले अपव्यय को रोका जा सकता है। भारत में अब तक 400 से अधिक चुनाव हो चुके हैं। इसमें प्रत्येक चुनाव अपने स्थान पर पूरी तरह सरकारी मशीनरी और व्यवस्था को व्यस्त रखता है। इससे जनसामान्य के आवश्यक कार्यों पर प्रभाव पड़ता रहा है। ऐसी स्थिति से बचने के लिये भारत सरकार वर्ष 2034 के आम चुनाव से भारत में एक समय पर चुनाव लोकसभा, विधानसभा चुनावों को कराने के पक्ष में है। इससे पूर्व प्राचार्य डॉ. अर्जुन मिश्र ने विधि सचिव राजीव मणि त्रिपाठी को अंगवस्त्र प्रदान कर स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन विधि विभाग की सहायक आचार्य उर्वशी पचेरिया ने किया। इस अवसर पर डॉ. विवेक मिश्र, डॉ. अभिनव चौबे, डॉ. मंतोष मौर्य, डॉ. पुनीत सिंह, डॉ. विद्यावती, डॉ. राजेश मिश्र, डॉ. उमेश दूबे, डॉ. निखिल गौतम आदि उपस्थित रहे। गोष्ठी में ईवीएम और जनता के प्रति जवाबदेही पर जिज्ञासाओं के दिए उत्तर गोष्ठी में राजीव मणि त्रिपाठी ने ईवीएम और जनता के प्रति जवाबदेही से सम्बन्धित विधि छात्रों की जिज्ञासाओं के उत्तर दिए। उन्होंने कहा कि संविधान का अनुच्छेद 344 चुनाव आयोग को चुनाव की शुचिता और पवित्रता को बनाये रखने के लिए विशेषाधिकार देता है। इसमें समय समय पर बहुमत नहीं प्राप्त दलों द्वारा ईवीएम, चुनाव की प्रकिया की पारदर्शिता पर उठाए प्रश्नों पर आयोग सार्वजनिक मंचों और सर्वोच्च न्यायालय तक अपने आप को सिद्ध किया है। विश्व की सबसे बड़ी जनसंख्या वाला देश कम से कम संसाधनों का प्रयोग करते हुए जब विश्व के सबसे बड़े लोकतांत्रिक चुनाव प्रकिया को सम्पन्न करेगा। तब यह विश्व के अन्य देशों के लिए अनुकरणीय होगा।

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