बोले फर्रुखाबाद:कूड़े की दुर्गंध कर रही बीमार..ध्यान दें जिम्मेदार
Farrukhabad-kannauj News - आमिलपुर गांव के पास लगे कूड़ा प्लांट से ग्रामीणों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। कूड़े के ढेर से उठती दुर्गंध ने खाने-पीने में मुश्किलें पैदा कर दी हैं। ग्रामीणों ने अधिकारियों से मशीनें...

आमिलपुर गांव से कुछ ही दूरी पर कूड़ा प्लांट लगा है। प्लांट से सबसे बड़ी समस्या सही व्यवस्था न होने से है। क्योंकि यदि मशीनें और उपकरण मंगा लिए जाते तो ग्रामीणों को एक बड़ी समस्या से मुक्ति मिल जाती। कूड़ा निस्तारण के लिए कोई आवश्यक इंतजाम न करने का ही नतीजा है कि आस पास के घर यहां जमा कूड़े के ढेर से उठ रही दुर्गंध से इस कदर परेशान हैं कि उनका खाना पीना भी दूभर हो गया है। आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान से चर्चा के दौरान रामविलास कहने लगे कि हद हो गई है जिम्मेदारों की। एसी कमरे में रहने वालों को हम ग्रामीणों की कोई चिंता नहीं है। हम लोग कैसे दुर्गंध के बीच रह रहे है? खाना पीना भी मुश्किल हो गया है। रामकिशन कहने लगे कि जब घर में रिश्तेदारआते हैं तो शर्मिंदा होना पड़ता है। क्योंकि कूड़े के ढेर से इतनी अधिक दुर्गंध उठती है कि उठना बैठना भी मुश्किल पड़ जाता है। आस पास के खेतों में भी काम करते समय मुश्किल होती है। मानसिंह कहते हैं कि नगर पालिका की ओर से अपनी समस्या को तो हल कर दिया मगर उन लोगों के लिए मुसीबत पैदा कर दी है। क्यों नहीं मशीनें मंगायी जा रही हैं। कूड़ा निस्तारण न होने से मुश्किल होती है। अभी पिछले दिनों बारिश होने के बाद तो घरों में दुर्गंध से रहना भी मुश्किल हो गया। बच्चे, बड़े बूढ़े भी परेशान होते हैं। गुड्डू कहते हैं कि कूड़े के ढेर में हमेशा आग सुलगती रहती है। इससे धुएं के गुबारों से दमा रोगियों को सांस लेना भी मुश्किल पड़ जाता है। सांस रेागी भी काफी परेशान हैं।
यहां पर कम से कम समय-समय पर स्वास्थ्य कैंप लगाने चाहिए। रनबीर का कहना है कि दुर्गध से मक्खियों के झुंड के झुंड परेशान करते हैं। ऐसे में खाने पीने का भी मन नहीं करता है। जिम्मेदारों को उनकी गंभीर समस्या का फिलहाल कोई हल निकालना चाहिए। रनबीर अपनी समस्या रखते हुए कहते हैं कि वातावरण प्रदूषित होने से बीमारियां बढ़ रही हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से भी गांव में लोगों की सुरक्षा की खबर नहीं ली गई है। देवराज कहते हैं कि हम लोग काफी समस्या का सामना कर रहे हैं। नगर पालिका के अधिकारियों ने कभी भी यहां आकर यह भी नहीं देखा है कि उनके सामने किस तरह की मुसीबत है। पालिका के अधिकारी यहां पर एक दो घंटे ठहरकर देख लें कि क्या हालात ग्रामीणों के सामने होंगे?
237 मोहल्लों का कूड़ा पहुंचता आमिलपुर :आमिलपुर गांव के लोगों को क्या पता था कि उनके गांव में जो लाखों की लागत से कूड़ा प्लांट लगाया गया है उससे उनके सामने इतनी बड़ी समस्याएं खड़ी हो जाएंगी।
आमिलपुर के प्लांट में 237 मोहल्लों का कूड़ा ट्रैक्टरों, डंपर से भरकर पहुंचता है। कूड़ा निस्तारण को लेकर कोई प्रबंध न किए जाने का नतीजा गांव के लोग भुगत रहे हैं। रात में जब छतों पर लेटने का मन करता है तो दुर्गंध से लेटना मुश्किल हो जाती है। गांव के लोग कहते हैं कि इसे लापरवाही ही कहेंगे कि प्लांट पर तो लाखों रुपये खर्च कर दिये गए हैं मगर जिस मकसद से प्लांट स्थापित किया गया था उसके लिए मशीनें तक नहीं मंगायी जा सकी हैं। इस ओर किसी भी जिम्मेदार का कोई ध्यान नही है। वह लोग किसे अपनी परेशानी बताएं। कोई सुनने वाला नहीं है।
सुझाव-
1. कूड़ा निस्तारण के लिए मशीनें मंगाई जानी चाहिए।
2. मक्खियों की रोकथाम के लिए आवश्यक उपाय होने चाहिए।
3. कूड़े में आग न लगाई जाए, पर्यावरण को खतरा है।
4. बीमारियों की रोकथाम के लिए समय-समय पर गांव में स्वास्थ्य शिविर लगने चाहिए।
5. फसलों की सुरक्षा के लिए भी उपाय होने चाहिए। फसलों के वृद्धि के लिए आवश्यक उपाय किए जाना चाहिए।
शिकायतें-
1. कूड़े के ढेर से उठ रही दुर्गंघ से परेशानी हो रही है।
2. मक्खियां इतनी अधिक हैं कि घरों में खाना-पीना दूभर हो गया है।
3. सुलगते कूड़े से सांस लेना भी मुश्किल पड़ जाता है।
4. बीमारियों का भी खतरा बना रहता है।
5. रिश्तेदरों के आने पर काफी शर्मिंदा महसूस करना पड़ता है। रिश्तेदार कूड़े के धुएं के कारण आना बंद हो गए है।
बोले लोग-
कूड़ा टनों इकट्ठा होता है। इससे मक्खियों ने जीना दूभर कर दिया है। खेतों में भी काम करने में समस्या आती है।
-रामसिंह
जो कूड़ा यहां पर इकट्ठा किया जा रहा है उससे आस पास की फसलें भी प्रभावित होती हैं। किसान भी परेशान हैं।
-विकास कुमार
इतना बड़ा प्लांट तो लाग दिया मगर मशीनें क्यों नहीं मंगाई गईं। यह तो साफ तौर पर लापरवाही ही मानी जाएगी।
-यतेंद्र
सुलगते कूड़े से सांस लेना भी मुश्किल हो रहा है। गांव में जो सांस के रोगी हैं उनके सामने समस्या आ रही हैं।
-गोविंद
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