आधारभूत संरचनाओं के अभाव में कैसे होगा नैक मूल्यांकन
कन नहीं कराने पर कॉलेजों को सरकार से वित्तीय सहायता प्राप्त करने में हो सकती है कठिनाई मुंगेर, एक संवाददाता। मुंगेर विश्वविद्यालय अंतर्गत आने वाले अध

मुंगेर, एक संवाददाता। मुंगेर विश्वविद्यालय अंतर्गत आने वाले अधिकांश अंगीभूत कॉलेज नैक मूल्यांकन की दिशा में कोई भी रुचि एवं तत्परता नहीं दिखा रहे हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन और राजभवन के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद कॉलेजों में आधारभूत संरचनाओं की भारी कमी और यथास्थितिवाद के कारण यह प्रक्रिया बाधित हो रही है। यहां के कॉलेज अपने यहां आधारभूत संरचना एवं अन्य मनको में सुधार को लेकर आगे नहीं आ रहे हैं।
ज्ञात हो कि, विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. संजय कुमार ने जनवरी माह में ही सभी कॉलेजों को नैक मूल्यांकन हेतु आवश्यक तैयारी करने का निर्देश दिया था। इसके बावजूद किसी भी कॉलेज ने अब तक कॉलेज में आधारभूत संरचनाओं में आवश्यक सुधार कार्यों की ओर ध्यान नहीं दिया है। ऐसे में स्पष्ट है कि, कॉलेज कुलपति के निर्देश का भी अनदेखी कर रहे हैं और इसका संज्ञान नहीं ले रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि, यदि कॉलेज नैक मानकों के अनुरूप मूल्यांकन नहीं कराते हैं, तो उन्हें सरकार से मिलने वाला वित्तीय अनुदान और अन्य सुविधाओं से वंचित होना पड़ सकता है।
कॉलेजों में है आधारभूत संरचनाओं का घोर अभाव:
ज्ञात हो कि, नैक मूल्यांकन के लिए पाठ्यक्रम, अध्यापन गुणवत्ता, अनुसंधान गतिविधियां, आधारभूत संरचनाओं, छात्रों की प्रगति तथा प्रशासनिक दक्षता जैसे सात प्रमुख मानकों पर विस्तृत एसएसआर (सेल्फ स्टडी रिपोर्ट) तैयार करनी होती है। लेकिन, विश्वविद्यालय के कॉलेजों में उपर्युक्त मानकों का घोर अभाव है। यहां के कॉलेज में न तो पर्याप्त भवन हैं और न ही आधुनिक प्रयोगशालाएं एवं पुस्तकालय संबंधी सुविधाएं। अन्य आधारभूत संरचनाओं का भी भारी कमी है। ऐसे में नैक मूल्यांकन की मूलभूत शर्तों को पूरा करना ही इन कॉलेज के लिए कठिन हो रहा है। यही कारण है कि, अब तक विश्वविद्यालय के 17 अंगीभूत कॉलेजों में से केवल तीन कॉलेज का ही नैक मूल्यांकन हो सका है अथवा इस प्रक्रिया में वे आगे बढ़ सके हैं। जबकि, विश्वविद्यालय प्रशासन ने सभी 17 अंगीभूत कॉलेजों को नैक के लिए आवेदन करने का सख्त निर्देश दिया है। विश्वविद्यालय के शेष सभी अंगीभूत कॉलेज अभी भी पुराने ढर्रे पर चल रहे हैं और आधारभूत सुधारों के प्रति गंभीरता नहीं दिखा रहे हैं।
राजभवन को भेजा जाना है नैक मूल्यांकन की तैयारी संबंधी रिपोर्ट:
ज्ञात हो कि, राजभवन के निर्देशानुसार, शीघ्र ही विश्वविद्यालय को नैक मूल्यांकन की तैयारी संबंधी रिपोर्ट भेजनी है। ऐसे में यदि कॉलेजों का रवैया नहीं बदला, तो विश्वविद्यालय की छवि और कॉलेजों के वित्तीय हित दोनों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। अधिकारी भी मानते हैं कि, जब तक कॉलेज अपनी आधारभूत समस्याओं को दूर करने और नैक मापदंडों को अपनाने की दिशा में गंभीर कदम नहीं उठाएंगे, तब तक उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में अपेक्षित सुधार संभव नहीं हो सकेगा।
कहते हैं अधिकारी:
नैक मूल्यांकन को लेकर केवल राज भवन का ही निर्देश नहीं है बल्कि, शिक्षा विभाग ने भी इस संबंध में निर्देश दिया है। पिछले दिनों शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ हुई बैठक में भी इस पर चर्चा हुई थी और अधिकारियों ने सभी कॉलेजों का नैक मूल्यांकन करने का निर्देश दिया था। पिछले दिनों विश्वविद्यालय के एक कॉलेज का नैक मूल्यांकन हुआ है। पूर्व में दो अन्य कॉलेजों का भी नैक मूल्यांकन हुआ था। लेकिन, इन्हें भी फिर से मूल्यांकन कराना है। इस प्रकार विश्वविद्यालय के सभी 16 कॉलेज को नैक मूल्यांकन करना है। इस मामले में कुलपति पूरी तरह से गंभीर हैं और इसके लिए प्रयासरत हैं। सभी कॉलेजों को हर हाल में नैक मूल्यांकन करना होगा। इसके लिए वे तैयारी करें और एसएसआर भेजें। विश्वविद्यालय मूल्यांकन में कॉलेज को आवश्यक सहयोग करेगा।
-कर्नल विजय कुमार ठाकुर, कुलसचिव,
मुंगेर विश्वविद्यालय, मुंगेर
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