फतेहपुर ट्रिपल मर्डर; हाफ एनकाउंटर और बुलडोजर एक्शन के बाद अंतिम संस्कार को तैयार हुआ परिवार
फतेहपुर में दादा, पिता और पोते की एक साथ हुई हत्या के मामले में आरोपियों में से दो का हाफ एनकाउंटर और उनके घरों पर बुलडोजर एक्शन शुरू होने के बाद परिजन शवों का अंतिम संस्कार कराने के लिए तैयार हो गए हैं।

उत्तर प्रदेश में फतेहपुर जिले के हथगाम क्षेत्र में भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) टिकैत के जिला उपाध्यक्ष समेत तीन लोगों की हत्या के 29 घंटे बाद परिजन शवों के अंतिम संस्कार के लिए तैयार हो गए हैं। आरोपितों में से दो की एनकाउंटर में गिरफ्तारी और उनके घरों पर बुलडोजर एक्शन के बाद पुलिस को शव देने का फैसला हुआ है। ट्रिपल मर्डर के बाद तनाव को देखते हुए अखरी गांव को छावनी में बदल दिया गया है। भारी पुलिस फोर्स मौके पर तैनात कर दी गई है।
डीएम रवीन्द्र सिंह और एसपी धवल जायसवाल प्रदर्शनकारी किसान और परिजनों को मनाने की कोशिश की मगर दो दौर की बातचीत का नतीजा सिफर रहा। पुलिस ने छह आरोपियों में से दो को एनकाउंटर में गिरफ्तार कर लिया है। इसके बाद आरोपियों के घरों पर बुलडोजर एक्शन शुरू किया गया। इसके बाद परिजन तीनों शवों के अंतिम संस्कार के लिये राजी हो गये है। आक्रोशित किसान और परिजनों की मांग थी कि आरोपियों के एनकाउंटर और घर को बुलडोजर से ढहाया जाये। भाकियू के हजारों कार्यकर्ता घटना के 29 घंटे तक मौके पर डटे रहे।
बुधवार को पोस्टमार्टम के बाद जब किसान नेता (भाकियू जिला उपाध्यक्ष) विनोद कुमार सिंह उर्फ पप्पू सिंह, उनके बेटे अभय और भाई अनूप सिंह के शव गांव पहुंचे तो परिजनों ने आरोपियों के घर बुलडोजर चलाने की मांग करते हुए हंगामा शुरू कर दिया। इस पर पुलिस-प्रशासन ने सह अभियुक्त विपुल सिंह की बहन मुकुल सिंह का टीन शेड अवैध पाए जाने पर ढहा दिया। हालांकि इस कार्रवाई से भाकियू पदाधिकारी, परिजन और ग्रामीण संतुष्ट नहीं थे। इस पर डीएम रवीन्द्र सिंह, एसपी धवल जायसवाल ने परिजनों की मांगें मानने का आश्वासन दिया, तब जाकर शवों का अंतिम संस्कार हुआ।
गौरतलब है कि क्षेत्र के ग्राम लवरी निवासी भाकियू के जिला उपाध्यक्ष विनोद सिंह उर्फ पप्पू सिंह (55) अपने छोटे भाई पिंकू सिंह (50) और पुत्र अभय सिंह (22) के साथ मंगलवार सुबह एक ही मोटर साइकिल से अपने खेत से गांव अखरी वापस आ रहे थे कि तभी तहिरापुर के पास ट्रैक्टर सवारों ने उनका रास्ता रोका और ताबड़तोड़ फायरिंग की जिससे घटनास्थल पर ही तीनों की मौत हो गई थी।
मुन्नू सिंह के घर करीब 20 साल से प्रधानी चली आ रही थी। 2021 के चुनाव में पप्पू सिंह की मां राजदुलारी ने मुन्नू सिंह की बहू को हरा दिया था। इसके बाद से ही मुन्नू इस परिवार से रंजिश रखने लगा था। साजिश के तहत उसने बेटों और अन्य लोगों के साथ मिलकर किसान नेता, उनके बेटे व भाई की अंधाधुंध फायरिंग कर हत्या कर दी थी। पुलिस का दावा था कि वारदात के कुछ घंटों बाद मुन्नू सिंह और भूपेंद्र को गिरफ्तार कर लिया था। एसपी धवल जायसवाल ने बताया कि बुधवार तड़के खागा कोतवाली के प्रेमनगर-बुदवन मार्ग पर बरकतपुर के पास खुफिया इकाई, खागा व औंग थाने की पुलिस संयुक्त चेकिंग कर रही थी।
तभी एक काली कार आती दिखी। इसमें सवार दो लोगों को रुकने का इशारा किया गया तो कार घुमाकर भागने लगे। पुलिस ने घेराबंदी की तो फायरिंग कर दी। जवाबी फायरिंग में दोनों के पैर में गोली लगी। इनकी पहचान नामजद पीयूष सिंह और सज्जन सिंह के रूप में हुई। दोनों को सीएचसी हथगाम में भर्ती कराया गया है। एसपी ने बताया कि अन्य फरार आरोपियों की तलाश में पुलिस की टीमें लगातार दबिश दे रही हैं।
गिरफ्त आरोपियों की संख्या पर सवाल?
गिरफ्त में आए आरोपियों की संख्या पर सवाल उठ रहे हैं। मंगलवार को घटनास्थल पहुंचे एडीजी व एसपी ने मुख्य आरोपी सुरेश सिंह व उनके दो पुत्रों को गिरफ्तार करने का दावा किया था। हालांकि पुलिस ने बेटों का नाम उजागर नहीं किया था। अब बुधवार को दो आरोपियों की गिरफ्तारी की बात कही जा रही है। ऐसे में अब तक कुल पांच आरोपियों की गिरफ्तारी होनी चाहिए, लेकिन एसपी का कहना है कि चार नामजद गिरफ्तार किए जा चुके हैं।