राष्ट्रीय डेंगू दिवस : एडीज मच्छर काटने से होता है डेंगू
Fatehpur News - फतेहपुर में बिन्दकी के श्री हनुमान मंदिर में एक बैठक हुई, जिसमें डेंगू, चिकनगुनिया और जीका जैसी मच्छर जनित बीमारियों पर चर्चा की गई। एडीज मच्छर के काटने से होने वाले डेंगू से बचाव के उपाय बताए गए। साथ...

फतेहपुर, संवाददाता। बिन्दकी के मध्य बाजार स्थित श्री हनुमान मंदिर में एक बैठक हुई। जिसमें राष्ट्रीय डेंगू दिवस पर रोशनी डालने के साथ वीर शिरोमणि पृथ्वीराज चौहान एवं संकष्टी चतुर्थी पर चर्चा हुई। बताया गया कि एडीज मच्छर काटने से डेंगू होता है। सर्व समाज विकास समिति उ.प्र. के लेखा निरीक्षक सात्विक शुक्ला ने बताया कि डेंगू, चिकनगुनिया ,जीका और पीत ज्वर जैसी मच्छर जनित बीमारियों से हमें अपने आप को बचाना है। संक्रमित होने से क्योंकि यह बीमारियां जानलेवा होती है। समय रहते इन बीमारियों के प्रसार को नियंत्रित प्रारम्भिक अवस्था में उचित चिकित्सा की देखभाल एवं परामर्श से कंट्रोल किया जा सकता है ।
संक्रमित एडीज मच्छर के काटने से डेंगू बुखार पैदा करने वाला वायरस फैलता है।इसके परिणाम स्वरुप आमतौर पर त्वचा पर लाल चकत्ते ,सिर दर्द ,जोड़ों में दर्द और तेज बुखार होता है। बुजुर्ग बच्चों और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले अन्य लोग इसके प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं। स्थिर पानी जैसे की बाल्टी, फूलों के गमले ,कूलर और पानी की टंकी में पाया जाने वाला दूषित पानी एडीज मच्छरों के प्रजनन के लिए सहायक होता हैं। इसलिए समय-समय पर साफ सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए जिससे रोकथाम हो सके।बरसात के मौसम में यह काफी तेजी से फैलता हैं। बैठक में वीर शिरोमणि पृथ्वीराज चौहान की जयंती में उन्हें ,उनके माता-पिता, उनकी जन्मस्थली एवं कर्मस्थली को नमन करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि वह एक सच्चे देशभक्त, महान योद्धा ,बुद्धिमानशासक ,कुशल तीरंदाज ,शब्दवेदी बाण चलाने की कला में निपुण थे । पृथ्वीराज चौहान ने मोहम्मद गौरी मुस्लिम शासक को 17 बार युद्ध में हराया था और बंदी भी बनाया और फिर छोड़ दिया था। अंत में 18वीं बार छल से संधि के बहाने जयचंद की सहायता से पृथ्वीराज चौहान को बुलाया और उन्हें बंदी बना लिया। मोहम्मद गौरी ने पृथ्वीराज चौहान की दो आंखें निकाल ली और कई प्रकार की अमानवीय यातनाये दी। अंत में पृथ्वीराज चौहान ने चंद बरदाई के साथ मिलकर मोहम्मद गौरी को खत्म करने की योजना बनायी एवं उसे मौत के घाट उतार करके उसके आतंक को खत्म किया। उनकी वीरता पर कवि चंद्र बरदाई जी ने पृथ्वी राज रासो की रचना की जिसमें उनकी सम्पूर्ण वीरता ,साहस का वीर रस में बड़ा उत्कृष्ट वर्णन है । चंद्र बरदाई ने एक दोहा चार बांस चौबीस गज, अंगुल अष्ट प्रमाण, ता ऊपर सुल्तान है मत चूके चौहान। को पढ़कर मोहम्मद गौरी की सही पोजीशन पृथ्वीराज चौहान को बात कर शब्द भेदी बाण चलाने में मदद की, जिससे मोहम्मद गौरी के मस्तक में बाण का सटीक निशान लग पाया और वह मारा गया। साथ ही साथ संकष्टी चतुर्थी व्रत का व्रत भगवान गणेश जी को समर्पित बताया और कहा कि इस दिन भगवान गणेश जी की पूजा अर्चना करने से सभी संकटों से मुक्ति मिलती है एवं सभी कार्य हेतु सफलता प्राप्त एवं शुभ होना बताया। इस मौके पर शार्विल शुक्ला ,हिमांशु गुप्ता, राजकुमार गुप्ता, सात्विक शुक्ला, नीता शुक्ला, वंदना, सलोनी सहित कई माताएं- बहने ,छोटे-छोटे बच्चे, श्रद्धालु ,भक्तजन एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।
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