Former MP CM Digvijay Singh did not even get news that land worth 55 lakh rupees was sold in UP एमपी के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह को खबर तक नहीं लगी, यूपी में बिक गई 55 लाख की जमीन, Uttar-pradesh Hindi News - Hindustan
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एमपी के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह को खबर तक नहीं लगी, यूपी में बिक गई 55 लाख की जमीन

  • यूपी में एमपी के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह की जमीन का फर्जी तरीके से बैनामा करने का मामला सामने आया है। इसकी जानकारी प्रशासन को हुई तो हड़कंप मच गया। आनन-फानन में जांच शुरू कर दी गई है।

Dinesh Rathour हिन्दुस्तान, जहांगीरगंज (अम्बेडकरनगर)Sun, 2 March 2025 11:23 PM
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एमपी के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह को खबर तक नहीं लगी, यूपी में बिक गई 55 लाख की जमीन

मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की जमीन को लेकर यूपी में धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। पूर्व सीएम की जमीन का किसी ने फर्जी तरीके से बैनामा करा लिया। जमीन के फर्जी बैनामे की जानकारी पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह को भी नहीं हुई। प्रशासन को जब इस मामले का पता चला तो हड़कंप मच गया। आनन-फानन में जांच शुरू कर दी गई है। माना जा रहा है कि शीघ्र ही जांच पूरी कर आवश्यक कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी। पूरा मामला आलापुर थाना क्षेत्र के रामनगर महुवर गांव का है। यहां मौजूद मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की जमीन का फर्जी तरीके से दूसरे लोगों ने बैनामा करा लिया गया। केयर टेकर अनिल यादव के अनुसार 1962 में संबंधित भूखंड मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की मां के नाम दर्ज था। वर्ष 1986 में उनका देहांत हो गया।

2024 में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के नाम वरासत चढ़ गई। इस बीच बीते दिनों ही गांव के ही कुछ लोगों ने फर्जी तरीके से संबंधित भूखंड का अपने नाम बैनामा करा लिया। इसकी भनक तक केयरटेकर को नहीं लग सकी। गत दिवस जब संबंधित लोगों ने निर्माण कार्य प्रारंभ कराया, तो इसकी जानकारी केयरटेकर को हुई। उसने तत्काल मामले की जानकारी पूर्व मुख्यमंत्री को देने के साथ ही जिला प्रशासन व आलापुर पुलिस को दी। मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन तत्काल हरकत में आया और संबंधित भूखंड पर पहुंचकर निर्माण कार्य रुकवा दिया। इस बीच डीएम अविनाश सिंह ने पूरे मामले की जांच का आदेश एसडीएम आलापुर को दी। रविवार को मामले की जांच प्रशासन ने शुरू कर दी। एसडीएम आलापुर सुभाष सिंह ने बताया कि संबंधित लेखपाल से अभिलेखों की जांच कराए जाने का निर्देश दिया गया है। शीघ्र ही जांच रिपार्ट डीएम को सौंप दी जाएगी।

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रिटायर्ड एएसपी सहित अन्य को बेंच दी जमीन

हंसवर थाना क्षेत्र के केवटला गांव निवासी रामहरक चौहान ने वर्ष 1989 में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का मुख्तारे-ए-आम बनकर जमीन को सेवानिवृत्त अपर पुलिस अधीक्षक जियालाल, राजबहादुर पुत्रगण शिवप्रसाद व मंगली पुत्र मद्धू निवासीगण रामनगर महुअर के नाम बैनामा कर दिया था। वर्तमान में जमीन कीमत लगभग 55 लाख रुपए है। जिस समय जमीन को पूर्व मुख्यमंत्री का मुख्तारे-ए-आम बनकर बेचा गया, उस समय जमीन उनके नाम भी नहीं हुई थी। पूर्व मुख्यमंत्री के नाम जमीन 18 मई 2024 को हुई थी। मुख्तारे-ए-आम बन कर जमीन बेचने वाले का देहान्त हो चुका है।

राजा महेश्वरी सिंह ने दी थी भूमि

आलापुर थाना क्षेत्र के रामनगर महुवर गांव में स्थित जमीन को मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की मां अपर्णा देवी को उनके जीजा मकरही रियासत के राजा महेश्वरी सिंह ने दिया था। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की मौसी विमला देवी की शादी जिले के मकरही रियासत के राजा महेश्वरी सिंह के साथ हुई थी। भूमि अधिग्रहण अधिनियम के तहत 1894 से 1975 के दौरान राजाओं की जमीन चकबंदी शुरू हुई। जिसके तहत सरकार राजा रजवाड़े की जमीनों को अधिगृहीत करने लगी। जमीनों को अधिग्रहण से बचाने के लिए राजा महेश्वरी सिंह ने अपनी साली पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की माता अपर्णा देवी के नाम जमीन कर दी थी।

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पूर्व सीएम की जमीन का बैनामा लेने वालों ने ग्राम पंचायत की जमीन भी खरीद ली

आलापुर थाना क्षेत्र के रामनगर महुवर में स्थित मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की जमीन खरीदने के अलावा खरीदारों ने गांव में अन्य जमीनों को भी हेराफेरी करके खरीद लिया है। आरोपों के मुताबिक पांच बीघे से अधिक ग्राम पंचायत की जमीन को भी कागजों में हेराफेरी कर खरीदा गया है। मामले में पूर्व मुख्यमंत्री का नाम शामिल होने से जांच तेजी से की जा रही है। तहसील प्रशासन की ओर से जमीन से संबंधित तमाम कागजों और दस्तावेजों की पड़ताल की जा रही है। तहसील प्रशासन ने बैनामा के समय के दस्तावेज के लिए रजिस्ट्री कार्यालय को सोमवार को पत्र भेजा गया है। इसी बीच खरीदारों पर अन्य कई जमीनों की हेराफेरी किए जाने के आरोप लग रहे हैं। ग्राम पंचायत की पांच बीघे से अधिक जमीन पर खरीदारों के काबिज होने का आरोप है। ग्राम पंचायत की जमीन पर हेराफेरी कर काबिज होने का मामला सामने आने के बाद प्रशासन भी जांच का दायरा बढ़ा रहा है।

उधर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की जमीन के प्रकरण की जांच आरंभ हुई तो कई और खुलासे भी हुए हैं। सेवानिवृत्त अपर पुलिस अधीक्षक जियालाल और उनके भाई ने वर्ष 1992 में अपने हिस्से की जमीन को राजाराम पुत्र बदलू, अर्जुन व रामराज पुत्रगण सुमिरन निवासी रामनगर महुवर को बैनामा कर दी थी। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के नाम तहसील आलापुर क्षेत्र के ग्राम रामनगर महुवर में गाटा संख्या 1235क क्षेत्रफल 0.152 हेक्टेअर भूमि है। पूर्व में यह जमीन इनकी मां अपर्णा कुमारी के नाम दर्ज थी, जिनका निधन वर्ष 1986 में हो गया था। हंसवर के ग्राम केवटला निवासी राम हरक चौहान ने वर्ष 1989 में मुख्तार ए आम दिग्विजय सिंह उर्फ दुर्गविजय सिंह बनकर जियालाल व राजबहादुर पुत्रगण शिव प्रसाद व मंगली पुत्र मद्धू निवासी रामनगर महुवर के नाम बैनामा कर दिया था।

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पूर्व मुख्यमंत्री की मां को मौसा ने दी थी जमीन

आलापुर थाना क्षेत्र के रामनगर महुवर गांव में स्थित जमीन को मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की मां अपर्णा देवी को उनके जीजा मकरही रियासत के राजा महेश्वरी सिंह ने दी थी। बताया जाता है कि पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की मौसी विमला देवी की शादी जिले के मकरही रियासत के राजा महेश्वरी सिंह के साथ हुई थी। भूमि अधिग्रहण अधिनियम के तहत 1894 से 1975 के दौरान राजाओं की जमीन चकबंदी शुरू हुई, जिसके तहत सरकार राजा रजवाड़े की जमीनों को अधिगृहीत करने लगी। जमीनों को अधिग्रहण से बचाने के लिए राजा महेश्वरी सिंह ने अपनी साली पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की माता अपर्णा देवी के नाम जमीन कर दी थी।