खाद और पानी की कमी से बढ़ी समस्या
Gangapar News - पालपट्टी,हिन्दुस्तान संवाद। विकास खंड मेजा अंतर्गत स्थित खीरी क्षेत्र में पड़ने वाले विधान सभा कोरांव

विकास खंड मेजा अंतर्गत स्थित खीरी क्षेत्र में पड़ने वाले विधान सभा कोरांव के पालपट्टी, कोटर, रेंगा, चंद्रोदया, हरवारी, पिपरहटा, बड्डिहा, माझियारी, सुजनी, दिघलो, लालतारा, इटवा,पिपरांव, जोरा, बहेरा, सिंहपुर, धनेष्ठा, घोरी, करह , मोजरा, पटेहरा, ककराही, गड़ेरिया, लोहरा, कौहट, दसौती सहित लगभग 100 गांव के लोग आज के समय में भी अपनी उपजाऊ जमीन पर कृषि कार्य करने के बजाय अपने घर से दूर दिल्ली मुंबई आदि शहरों में 10 से 15000 रुपये की मजदूरी करने को विवश हैं। उपजाऊ जमीन होने के बाद भी अच्छा उत्पादन न हो पाने के चलते क्षेत्र के गरीब किसानों की गरीबी दूर होने के बजाय बढ़ती ही चली जा रही है, लेकिन उनकी फरियाद सुनने वाला कोई नहीं दिख रहा है। कृषि कार्य के लिए चलाई जाने वाली शासन की योजनाएं इस क्षेत्र में कागजों पर ही सिमट गई हैं। क्षेत्र की नहरों में समय पर कभी भी पानी नहीं छोड़ा जाना, समितियों पर जरूरत के मुताबिक समय पर खाद का उपलब्ध न होना, बिजली की अत्यधिक कटौती होना, अच्छे बीजों की उपलब्धता को सुगम न बनाया जाना इस क्षेत्र के कृषि कार्य के पिछड़े होने का प्रमुख कारण है। न्याय पंचायत सुजनी से जुड़े कई गांवों के किसान लल्लू प्रसाद त्रिपाठी, रजनीश तिवारी, ओंकारनाथ, राजेंद्र प्रसाद, कमलेश तिवारी, अरुण कुमार, कृष्ण कुमार, विष्णु तिवारी, अभिषेक तिवारी, पीयूष कुमार, अशोक कुमार, काशी प्रसाद, गिरिजा प्रसाद, परमेश तिवारी, आशुतोष, घनश्याम प्रसाद सहित कई अन्य का कहना है कि, न्याय पंचायत सुजनी के दर्जन भर गांवों की जमीन अत्याधिक उपजाऊ है यदि, शासन द्वारा चलाई गई सभी योजनाओं को अमल में लाया जाय, मौजूद नहर में समय पर पर्याप्त पानी डाला जाय और बड़ी नहर का निर्माण कर पानी की पर्याप्त व्यवस्था की जाय, समितियों में समय पर खाद उपलब्ध रहे और बिजली की आपूर्ति ठीक ढंग से बनी रहे तो किसानों की उपज इतना ज्यादा बढ़ जाएगी कि, वह कृषि कार्य छोड़कर बाहर नौकरी करने नहीं जाएंगे।
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