डॉक्टरों के अभाव में मांडा की तीनों पीएचसी बंद होने के कगार पर
Gangapar News - मांडा। मुख्यालय से तीनों ओर लंबी दूरी होने के कारण बेहतर स्वास्थ्य सुविधा के लिए

मुख्यालय से तीनों ओर लंबी दूरी होने के कारण बेहतर स्वास्थ्य सुविधा के लिए बनाये गए तीनों पीएचसी कर्मचारियों और डाक्टरों के अभाव में जनोपयोगी न होने के कारण बंद होने के कगार पर हैं। 69 ग्राम पंचायतों वाले 24 वर्ग किमी में फैले मांडा क्षेत्र के ग्रामीणों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सरकार द्वारा अस्सी व नब्बे के दशक में केड़वर, दोहथा और महेवा कला ग्राम पंचायत में करोड़ों के लागत से पीएचसी का निर्माण कराया गया था। वर्ष 2014 से ही इन तीनों पीएचसी में कर्मचारियों व डाक्टरों का अभाव बरकरार है। इस समय केड़वर पीएचसी में एकमात्र वार्ड ब्वाय नियुक्त है, लेकिन अन्य कर्मचारियों व स्टाप के अभाव में वार्ड ब्वॉय भी कभी कभार ही केड़वर पीएचसी का ताला खोलता है।
दोहथा पीएचसी में दो साल से कोई भी डाक्टर नियुक्त नहीं है अन्य स्टाप में केवल एक एलटी व एक वार्ड ब्वॉय नियुक्त है। महेवा कला पीएचसी में कोई भी एमबीबीएस डाक्टर ने होने के कारण आयुष के एक डाक्टर नियुक्त हैं। तीनों पीएचसी में स्टाप व डाक्टर की नियुक्ति न होने के कारण पूरे मांडा क्षेत्र के 69 ग्राम पंचायतों के मरीजों को दूर दराज से भीषण गर्मी में मांडा सीएचसी तक आना पड़ता है। क्षेत्रीय तमाम ग्राम प्रधानों ने विभागीय अधिकारियों व जिला प्रशासन से विभिन्न माध्यमों से कई बार मांडा के तीनों पीएचसी में डाक्टरों व कर्मचारियों के नियुक्ति की मांग की, लेकिन अभी तक तीनों पीएचसी सूने पड़े अंतिम सांस ले रहे हैं।
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