आकाशीय बिजली: जाको राखे साइयां मार सके न कोय
Gangapar News - बारा। कहावत है कि जाको राखे साइयां मार सके न कोय। यह कहानी बारा तहसील
कहावत है कि जाको राखे साइयां मार सके न कोय। यह कहानी बारा तहसील अंतर्गत ग्राम पंचायत सोनबरसा में शनिवार रात चरितार्थ हुई। आकाशीय बिजली से वीरेंद्र बनवासी पुत्र छोटे लाल बनवासी अपनी पत्नी और दो पुत्रियों सहित झुलस कर दिवंगत हो गए। उनकी दो बेटियां 10 वर्षीय सोन कुमारी, आठ वर्षीय आंचल सुरक्षित बच गई है। ग्रामीणों का कहना है कि मारने वाले से बचाने वाला बलवान होता है और उसी ने दोनों बेटियों को बचा लिया है क्योंकि पूरा परिवार एक साथ रहता था। शनिवार को दोनों बेटियां अपने दादा-दादी के पास रुक गई और दैव ने उनके परिवार पर इस तरह का कहर बरपा दिया है।
नहीं मिला था आवास भारत सरकार एवं उत्तर प्रदेश सरकार हर गरीब परिवार का जीवन स्तर उठाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। इसके बावजूद विकास खंड शंकरगढ़ अंतर्गत ग्राम पंचायत सोनबरसा के मृतक बीरेंद्र बनवासी को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिला। ग्रामीणों के अनुसार यदि पक्का मकान मिला होता तो इस तरह की दर्दनाक मौत न होती। इतना ही नहीं बताया गया कि मृतक का अभी तक आधार कार्ड तक नहीं बना है।ऐसी स्थिति में शासन द्वारा मिलने वाली सुविधाओं का लाभ नहीं मिल सकता है।इस संबंध में खंड विकास अधिकारी शंकरगढ़ मनोज कुमार सिंह ने बताया कि दुर्भाग्य से आकाशीय बिजली की दोनों घटनाएं शंकरगढ़ विकास खंड में घटित हुई है। कल्याणपुर के मृतक की पत्नी को तुरंत आवास योजना अंतर्गत लाभ की कार्रवाई की जा रही है। सोनबरसा में मृतक की मां को आवास मिला है। उसके बच्चियों की शिक्षा दीक्षा की व्यवस्था शासन द्वारा किया जाएगा। इसके अतिरिक्त आधार कार्ड यदि नहीं बना है तो बनवा कर लाभान्वित किया जाएगा। बच्चियां हुईं अनाथ, माता-पिता भी हो गए बेसहारा क्षेत्र के सोनबरसा गांव में आकाशीय बिजली से मृत वीरेंद्र बनवासी मेहनत मजदूरी कर परिवार का पालन-पोषण करता था। उसकी पत्नी सहित मौत हो जाने से बची दोनों बच्चियां अनाथ हो गई हैं। उन्ही के साथ बुजुर्ग माता-पिता भी बेसहारा हो गए हैं। उनकी तो बुढ़ापे की लाठी ही छिन गई है। सभी का रो रो कर बुरा हाल है।
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