Urwa Veterinary Hospital s Deterioration Affects Livestock Health and Milk Production बोले प्रयागराज : अस्पताल ही बीमार तो मवेशियों का कैसे हो उपचार, Gangapar Hindi News - Hindustan
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बोले प्रयागराज : अस्पताल ही बीमार तो मवेशियों का कैसे हो उपचार

Gangapar News - उरुवा का पशु चिकित्सालय पशुपालकों की दशा सुधारने के लिए बना था, लेकिन विभागीय लापरवाही के कारण यह जर्जर हो गया है। अस्पताल में डॉक्टरों की अनुपस्थिति और खराब सुविधाओं के कारण पशुपालक उचित इलाज से...

Newswrap हिन्दुस्तान, गंगापारSun, 27 April 2025 03:38 PM
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बोले प्रयागराज : अस्पताल ही बीमार तो मवेशियों का कैसे हो उपचार

उरुवा का पशु चिकित्सालय सरकार पशु पालकों की दशा सुधारने और दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए तत्पर है। जिसके लिए सरकार ने उद्यमियों को लोन देकर पशुपालन को बढ़ावा दे रही है। पशु पालकों के मवेशियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं और इलाज मुहैया कराने की दृष्टि से जगह जगह पशु अस्पताल और पशु सेवा केंद्र खोला गया है। विभागीय अधिकारियों की लापरवाही से सरकार की दुग्ध उत्पादन जैसी महत्वाकांक्षी योजना पर तो पलीता लग ही रहा है, वहीं खंडहर में तब्दील हो चुके बीमार पशु अस्पतालों/पशु सेवा केंद्रों में डॉक्टरों की गैर मौजूदगी से पशु पालकों के मवेशियों को बेहतर इलाज सुविधाओं से भी वंचित होना पड़ रहा है। लाखों की लागत से वर्ष 2010 में निर्मित राजकीय पशु चिकित्सालय निर्माण के दो वर्ष बाद ही गिरने लगा था। ग्राम प्रधान और गांव के पशुपालकों द्वारा प्रशासन और पशुपालन विभाग के अधिकारियों को इस बात की जानकारी लिखित पत्र के माध्यम से दी गई थी लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी। इस कारण पशु चिकित्सालय जर्जर एवं बदहाल हालत में है।

उरुवा विकास खंड क्षेत्र के उपरौड़ा लोहारी गांव में लाखों की लागत से बना राजकीय पशु चिकित्सालय निर्माण के दो वर्ष बाद ही गिरने लगा जिसके कारण उक्त अस्पताल में कोई डॉक्टर तथा कर्मचारी नहीं जाना चाहता। पशु चिकित्सालय में पशुपालक एवं कर्मचारियों को आने जाने के लिए रास्ता भी नहीं बना है। अस्पताल तक पहुंचने के लिए खेतों के मेड़ से होकर गुजरना पड़ता है।जिससे पशु पालक और किसानों से विवाद की स्थिति हमेशा उत्पन्न होती रहती है। पशुपालकों ने बताया कि पशु चिकित्सालय दूसरे ग्राम पंचायत बगहा गांव की भूमि पर बनाया गया है जिसके कारण पशु अस्पताल पर आने जाने का मार्ग अभी तक नहीं बन पाया है। चिकित्सालय परिसर में पीने के लिए पानी की कोई व्यवस्था नहीं है। एक हैंडपंप लगा भी है लेकिन वर्षों से खराब हालत में है। उक्त जर्जर पशु चिकित्सालय के बरामदे की छत छूट कर कुछ लटकी और कुछ नीचे गिर पड़ी है। पशु चिकित्सालय के चारों तरफ से बनी चारदीवारी टूटी हुई है। पशुचिकित्सालय के कमरों में लगे खिड़की दरवाजे तक सबूत नहीं बचे हैं। वहीं अस्पताल में रखे चिकित्सीय उपकरण बारिश की सीलन से जंग खा रहे हैं। अस्पताल के शौचालय की खिड़कियां और दरवाजे गायब हैं। पूरे अस्पताल प्रांगण में बड़ी बड़ी घास और झाड़ियां उगी हुई हैं जिसमें जहरीले जंतुओं का बसेरा बना हुआ है। अनेक पशुपालकों ने बताया कि अस्पताल में डॉक्टर तथा कर्मचारियों की तैनाती की गई है लेकिन डॉक्टर सहित सभी कर्मचारी महीने में शायद ही एकाध बार आते हैं। सरकार अपनी जनोपयोगी योजना में लाखों रुपए खर्च करके चिकित्सालय का निर्माण हुआ परंतु विभागीय उदासीनता के कारण उक्त चिकित्सालय अपना वजूद होता जा रहा है। इस बाबत उक्त गांव के पूर्व प्रधान अनिल सिंह ने बताया कि गांव के पशुपालकों द्वारा उच्चाधिकारियों को अस्पताल के जर्जर और बदहाल होने की जानकारी कई बार दी गई है लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई।

ब्लॉक के अधिकतर पशु सेवा केंद्र किराए के कमरों में संचालित किए जा रहे हैं। जिसमें पशुधन प्रसार अधिकारी कभी कभार ही मिलते हैं। जिसके कारण उक्त केंद्र से संबंधित पशु पालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। उरुवा ब्लॉक के औंता पशु सेवा केंद्र,पशु सेवा केंद्र सिरसा तथा पशु सेवा केंद्र परवा किराए के कमरों में संचालित होते हैं। वहीं पशु सेवा केंद्र उरुवा,परानीपुर तथा उंचडीह निजी भवन में संचालित होते हैं। पशु सेवा केंद्र परानीपुर जर्जर हालत में वर्षों से खड़ा विभागीय अधिकारियों को मुंह चिढ़ा रहा है। उक्त जर्जर पशु सेवा केंद्र की खिड़कियां दरवाजे टूटे हुए एवं परिसर में बड़ी बड़ी झाड़ियां उगी हुई है। जिसमें बारिश के दौरान जहरीले जंतु और जानवरों का अड्डा बना रहता है।

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क्षेत्र के लोहारी और परानीपुर के जर्जर पशु अस्पताल/सेवा केंद्र का प्राथमिकता के आधार पर जीर्णोद्धार कराया जाना चाहिए, जिससे पशु पालकों के मवेशियों को उचित इलाज मिल सके।

- रामशिरोमणि तिवारी समाजसेवी, निवासी चौकी

जर्जर अस्पताल का जीर्णोद्धार पशु पालकों के हित में बहुत जरूरी है। अस्पताल न होने से ग्रामीणों को झोलाछाप का ही सहारा लेना पड़ता है जिससे जानवरों की मौत हो जाती है।

- सुमन सिंह, निवासी बगहा,उरुवा

पशुपालकों के हित में लोहारी के पशु अस्पताल का जीर्णोद्धार कराकर पानी और रास्ते का प्रबंध जरूरी है। तभी ग्रामीणों को समुचित लाभ मिल पाएगा। इस पर शासन को ध्यान देना चाहिए।

- अनिल यादव,पूर्व प्रधान,लोहारी

लोहारी के पशु अस्पताल में आवागमन के लिए रास्ते का प्रबंध और कर्मचारियों का नियमित उपस्थिति होने से पशु पालकों को विभागीय सुविधा का लाभ मिलेगा। इसके लिए पहल करनी चाहिए।

- शैलेंद्र यादव, बीडीसी सदस्य,लोहारी

पशु पालकों के मवेशियों को बेहतर चिकित्सा सुविधा मिले उसके लिए पशु चिकित्सालय की दशा में सुधार जरूरी है। सुविधाएं न मिलने पर कोई भी पशुपालन क्यों करना चाहेगा।

- कृष्ण कुमार यादव, लोहारी

वर्षों से बदहाल पड़े परानीपुर के जर्जर पशु सेवा केंद्र का पुनर्निर्माण पशु पालकों के हित में जरूरी है। बिना स्वास्थ्य सेवाओं के पशुओं का पालन बेहद कठिन है। ऐसे में लोगों का पशुपालन से मोहभंग हो रहा है।

- रविन्द्र सिंह, समाजसेवी परानीपुर (बिसेनपुर)

परानीपुर के जर्जर पशु सेवा केंद्र की हालत में सुधार होने से पशु पालकों के मवेशियों उचित इलाज सुविधा मिलने लगेगी। ऐसा करना इसलिए भी जरूरी है कि लोग पशुपालन की ओर ध्यान दें।

- ठाकुर महीप सिंह, बिसेनपुर, परानीपुर

पशु सेवा केंद्र परानीपुर के जर्जर होने से पशु पालकों के मवेशी चिकित्सा सुविधा से वंचित हैं। पशु सेवा केंद्र की दशा सुधार पशु पालकों के हित में जरूरी है।

- विकास शुक्ल, ग्राम प्रधान उरनाह

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