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संघ किसी का विरोधी नहीं: रामलाल

Ghazipur News - गाजीपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के रामलाल ने बताया कि संघ समाज में सामूहिकता और सेवा का काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि संघ जाति और धर्म के भेदभाव को समाप्त करता है। कोरोनाकाल में संघ के...

Newswrap हिन्दुस्तान, गाजीपुरSat, 7 June 2025 02:36 PM
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संघ किसी का विरोधी नहीं: रामलाल

गाजीपुर। जग नहीं सुनता कभी दुर्बल जनो का शांति प्रवचन, सिर झुकाता है उन्हें जो कर सके रिपु मान मर्दन। दुनिया ताकत की सुनती है और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भारत को ताकतवर बना रहा है। हमारी सेना ने आतंकी कैम्प को नष्ट कर भारत की विश्व में धाक जमाई है। उक्त विचार मुख्य वक्ता के रूप में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय संपर्क प्रमुख रामलाल ने व्यक्त किया। वे शुक्रवार को गाजीपुर के बोरसिया स्थित सत्यदेव डिग्री कॉलेज में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, काशी प्रान्त के 15 दिवसीय संघ शिक्षा वर्ग के समापन समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने स्वयंसेवकों को सम्बोधित करते हुए गुरु गोलवलकर को उद्धृत करते हुए आगे कहा कि भारत की सभी भाषा राष्ट्रीय भाषा है।

भाषा, प्रान्त, जाति के झगड़े होते है यह शाखा से समाप्त होगी। संघ में छुआछुत, अगड़ा-पिछड़ा कुछ नहीं है। यहाँ सब एकसाथ भोजन करते और कराते है। यहाँ कोई किसी की जाति नहीं पूछता। नागपुर में कार्यकर्ता विकास वर्ग- द्वितीय (तृतीय वर्ष) लगता है। यहां देशभर के अलग अलग प्रान्तों से स्वयंसेवक एवं शिक्षक आते है। कई प्रशिक्षु ऐसे है जो घर से लड़ कर प्रशिक्षण लेने आते है। संघ का उद्देश्य है सामूहिकता। स्वयंसेवक बिना स्वार्थ के सेवा करते है। कोरोनकाल में जब समाज पर संकट आया तो पाँच लाख स्वयंसेवक सहायता में लगे। किसी ने कोई जाति धर्म पंथ नही पूछा। केरल में अपने चार स्वयंसेवकों की जान चली गई बाढ़ में सहायता करने के दौरान। आज स्वयंसेवक सेवा के 1.5 लाख सेवा कार्य कर रहा है। रामलाल जी ने कहा कि लोग संघ के विरोधी हो सकते है संघ किसी का विरोधी नहीं है। रामजन्मभूमि प्राण प्रतिष्ठा का उदाहरण देते हुए कहा कि प्राण प्रतिष्ठा में मंदिर ट्रस्ट से जुड़े लोगों ने सभी को आमंत्रित किया। कुछ लोग स्वार्थवस हिन्दू संगठनों को कम्युनल कहते है। हिन्दू में हिन्दू कहीं नही लड़ रहा है और न ही कोई हिन्दू से लड़ रहा। हम वसुधैव कुटुम्बकम की बात करते है। उन्होंने आगे कहा कि यह हिन्दू राष्ट्र है, बनाने की जरूरत नही। इसके मूल में ही हिन्दू विराजमान है। उन्हें संघ के पंच परिवर्तन कुटुंब प्रबोधन, समरसता, पर्यावरण, स्वदेशी और नागरिक कर्तव्य की भी बात की। मुख्य वक्ता ने कहा कि संघ के संस्थापक डॉ हेडगेवार ने सोच विचार के संगठन शुरू किया तब हिन्दू समाज बिखरा था। राष्ट्रभक्ति बिना स्वतंत्रता संभव नहीं थी। डॉ हेडगेवार स्वतंत्रता से पहले और स्वतंत्रता के बाद कई बार जेल गए। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भवानीनन्दन यति ने कहा कि उठो जागो और राष्ट्र निर्माण में लगो इसलिए ही मेरा जन्म हुआ है। जीवन सार्थक तब तक नही होता जब तक ध्येय की पूर्ति न हो। उदाहरण देते हुए कहा कि गोमुख से निकलने वाली गंगा गंगासागर न पहुँच जाए तब तक सार्थक नहीं होता। उन्होंने कहा कि मेरा मन यह देख कर कह रहा है राम का राष्ट्र प्रेम वापस आने वाला है, भारत बदल रहा है। पूर्ण गणवेश में घोष वादन कर रहे स्वयंसेवक आकर्षण का केन्द्र रहे। मंचस्थ अधिकारियों का परिचय नागेंद्र ने कराया। इस दौरान मालकियत सिंह बाजवा, अंगराज प्रान्त संघचालक, जयप्रकाश जिला संघचालक रहे। संघ शिक्षा वर्ग के वर्ग कार्यवाहक दीपनारायण ने बताया कि काशी प्रांत के 27 जिलों से 270 शिक्षार्थी आए।

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