फोरलेन निर्माण के लिए पेड़ों की कटाई बनी चुनौती
Gorakhpur News - गोरखपुर में असुरन-पिपराइच फोरलेन के निर्माण में पेड़ों की कटाई धीमी हो रही है, जिससे सड़क निर्माण की गति प्रभावित हो रही है। वन विभाग ने गर्मी के कारण कटाई में देरी की है। लोक निर्माण विभाग ने 3.5...

गोरखपुर, निज संवाददाता। असुरन-पिपराइच फोरलेन में पेड़ों की कटान धीरे-धीरे होने से सड़क निर्माण की गति भी धीमी हो गई है, जबकि करीब 19.5 किमी सड़क एक साल में बनाने का लक्ष्य है। शुरुआती दौर में सड़क निर्माण में देर हो गई तो निर्धारित समय कार्य पूरा करना चुनौती बन जाएगी। भीषण गर्मी में वन विभाग की ओर से तेजी से पेड़ों की कटाई नहीं की जा रही है। वन निगम के अधिकारियों के अनुसार बिजली के खंभे तार हटाने में देर और डायर्वजन नहीं होने के कारण पेड़ कटाई के दौरान लंबा जाम लग रहा है। वहीं लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने तारों को हटाने के लिए भीषण गर्मी का हवाला दिया है।
उनका कहना है कि जितने क्षेत्र में पेड़ की कटाई होनी है, एक दिन में उतने ही क्षेत्र के तार हटाए जा सकते हैं, क्योंकि भीषण गर्मी में बिजली का संकट उत्पन्न होगा तो स्थानीय लोगों को बेहद परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। वन निगम ने एक माह में करीब 270 पेड़ों की कटान किया है। मिट्टी के कार्य में पेड़ों के बीच में आने से मशीनों से कार्य करने में असुविधा हो रही है। पौधे लगाने के लिए दिए 3.5 करोड़ रुपये लोक निर्माण विभाग ने फोरलेन निर्माण में काटे जा रहे 1600 पेड़ से बीस गुना अधिक पौधे लगाने का बजट वन विभाग को दिया है। लोक निर्माण विभाग ने करीब 3.5 करोड़ रुपये जमा किया है ताकि वन विभाग कम हुई हरियाली की भरपाई के लिए कार्य करे। असुरन-पिपराइच फोरलेन निर्माण में पेड़ों की कटाई और तेजी से करने की आवश्यकता है। गर्मी अधिक होने के कारण एक साथ पूरे क्षेत्र के तार नहीं हटाए जा सकते हैं। एक दिन में जितना कार्य करना हो, उतने दूर के तार हटाकर किनारे शिफ्ट कर दिया जाएगा। अरविंद कुमार, अधिशासी अभियंता, लोनिवि पेड़ों की कटाई के लिए ठेकेदारों ने श्रमिकों की संख्या बढ़ा दी है। इसमें बिजली के तार हटाने और डायवर्जन करने की आवश्यकता है। ये दोनों कार्य जितने तेजी से होंगे, उतने ही तेजी से पेड़ों की कटान की जाएगी। सुभाष यादव, डीएलएम, गोरखपुर
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