जीडीए उपाध्यक्ष के खिलाफ वारंट को उच्च न्यायालय ने वापस लिया
Gorakhpur News - गोरखपुर में रामगढ़ झील किनारे निर्माणाधीन रिंग रोड के मामले में गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) के उपाध्यक्ष के खिलाफ उच्च न्यायालय द्वारा जारी वारंट वापस ले लिया गया है। कोर्ट ने आवश्यक अभिलेख...

गोरखपुर, वरिष्ठ संवाददाता। रामगढ़ झील किनारे मोहद्दीपुर से सहारा एस्टेट तक निर्माणाधीन रिंग रोड के मामले में आदेश की अवहेलना पर उच्च न्यायालय की ओर से गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) के उपाध्यक्ष के खिलाफ जारी वारंट वापस ले लिया गया है। प्राधिकरण की ओर से जरूरी अभिलेख और अपना पक्ष रखने पर कोर्ट ने इस संबंध में शुक्रवार को आदेश सुनाया है। कोर्ट ने 24 घंटे के भीतर जिले के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट को भी इस आदेश की कॉपी भेजने का निर्देश दिया है। मंजू सिंह एवं 30 अन्य लोगों की ओर से दाखिल अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायाधीश सलिल कुमार राय ने 13 मई को आदेश सुनाया था।
जिसमें प्राधिकरण उपाध्यक्ष को नोटिस तामील होने के बावजूद भी विपक्षी पक्ष का न तो कोई अधिवक्ता उपस्थित हुआ। न ही वह खुद व्यक्तिगत रूप से न्यायालय में उपस्थित हुए। कोर्ट ने गोरखपुर के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के माध्यम से प्राधिकरण उपाध्यक्ष के खिलाफ जमानती वारंट जारी करते हुए प्रकरण में निर्धारित अगली तिथि 28 मई को उनकी उपस्थिति सुनिश्चित कराने का आदेश सुनाया था। प्राधिकरण के अधिवक्ता की ओर से इसे लेकर न्यायाधीश सलिल कुमार राय को प्रार्थना पत्र देकर मामले से जुड़े सभी जरूरी अभिलेख उपलब्ध कराए गए। बताया गया कि जिलाधिकारी द्वारा नियत दर पर प्रभावित भूमि का पंजीकृत विलेख कराया जा रहा है। कुछ काश्तकारों की ओर से प्राधिकरण के पक्ष में विक्रय विलेख भी निष्पादित हो चुके हैं। प्राधिकरण अधिवक्ता की ओर से रखे गए पक्ष और प्रपत्रों के आलोक में न्यायाधीश सलिल कुमार राय ने मामले में जारी जमानती वारंट के आदेश को वापस ले लेने का आदेश सुनाया।
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