Illegal Occupation of Utility Rooms in Gorakhpur Authority Takes Action 30 करोड़ की संपत्ति पर अवैध कब्जा, प्राधिकरण बना मूकदर्शक , Gorakhpur Hindi News - Hindustan
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30 करोड़ की संपत्ति पर अवैध कब्जा, प्राधिकरण बना मूकदर्शक

Gorakhpur News - गोरखपुर विकास प्राधिकरण ने वसुंधरा और लोहिया एन्क्लेव में 324 यूटिलिटी रूम पर बढ़ते अवैध कब्जे की समस्या का सामना किया है। इन रूमों का उद्देश्य मध्यम वर्ग को आवास सुविधा देना था, लेकिन अब इनका उपयोग...

Newswrap हिन्दुस्तान, गोरखपुरThu, 29 May 2025 08:54 AM
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30 करोड़ की संपत्ति पर अवैध कब्जा, प्राधिकरण बना मूकदर्शक

गोरखपुर | मुख्य संवाददाता गोरखपुर विकास प्राधिकरण जहां एक ओर शहर के बाहरी इलाकों में अवैध निर्माण पर सख्ती दिखा रहा है। वहीं, अपने कार्यालय के नजदीक बहुमूल्य संपत्तियों पर अवैध कब्जे की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। वसुंधरा एन्क्लेव फेज एक व दो और लोहिया एन्क्लेव में 30 करोड़ रुपये से अधिक लागत से निर्मित 324 यूटिलिटी रूम में से अधिकांश पर अवैध कब्जा हो चुका है। प्राधिकरण की ग्रुप हाउसिंग योजना के तहत बनाए गए इन यूटिलिटी रूम का उद्देश्य मध्यम वर्ग को रियायती दर पर आवास सुविधा देना था। लेकिन अब यही रूम कब्जाधारियों के लिए शराब पार्टी, गैरकानूनी बैठक और निजी उपयोग का केंद्र बन गए हैं।

कई कब्जेदारों ने रूम का आंतरिक नवीनीकरण कर इन्हें स्थायी निवास या कार्यालय में तब्दील कर लिया है। 2023 में भी इस मुद्दे ने तूल पकड़ा था, लेकिन ठोस कार्रवाई के अभाव में अतिक्रमणकारी और निर्भीक हो गए। प्राधिकरण से मिले आंकड़ों के मुताबिक वसुंधरा में 160 और लोहिया एन्क्लेव में 164 यूटिलिटी रूम बनाए गए थे, जिनमें से सिर्फ 22 का ही विधिवत आवंटन हो सका है। बाकी रूमों पर या तो बाहरी दबंगों का कब्जा है या कॉलोनी के ही कुछ लोगों ने ताला लगा दावा जता दिया। प्रत्येक ब्लॉक में चार यूटिलिटी रूम बने हैं, जिनकी कीमत लगभग 13 लाख रुपये है। इनमें कुछ में शौचालय और बाथरूम जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध हैं। हाईकोर्ट के स्टे के चलते इनका आवंटन फिलहाल लंबित है। उपेक्षा - वसुंधरा और लोहिया एन्क्लेव में यूटिलिटी रूम पर कब्जा - शराब पार्टी से लेकर रिहायशी उपयोग तक किया जा रहा बोले प्रभारी मुख्य अभियंता कब्जेदारों की पहचान कर ली गई है। आठ यूटिलिटी रूम पर प्राधिकरण का ताला लगाया जा चुका है। जल्द ही सभी अवैध कब्जे हटाने की कार्रवाई पूरी कर ली जाएगी। - किशन सिंह, प्रभारी मुख्य अभियंता, जीडीए

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