श्रीकृष्ण की लीलाओं का वर्णन सुन भक्त भाव विभोर हुए
Hapur News - धरम करम सीख दी -गरीब निराश्रितों की हरसंभव मदद का संकल्प भी दिलाया फोटो नंबर 218 गढ़मुक्तेश्वर, संवाददाता। श्रीमद् भागवत कथा में भगवान श्रीकृष्ण की मह

श्रीमद् भागवत कथा में भगवान श्रीकृष्ण की महिमा का गुणगान करते हुए धर्म के बताए सद्मार्ग पर चलकर दीन दुखियों की हरसंभव मदद करने का संकल्प दिलाया गया। बहादुरगढ़ क्षेत्र के गांव ठेरा बहावपुर में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के छठे दिवस में भगवान श्रीकृष्ण की महिमा का गुणगान हुआ। व्यास पंडित रामकृष्ण दास महाराज ने बताया कि भगवान श्रीकृष्ण ने अपने बैकुंठ धाम का दर्शन कराया तो ब्रजवासियों ने बड़़ी बेबाकी से कहा कि कन्हैया हमारे वृंदावन के सामने तुम्हारा बैकुंठ धाम भी कुछ नहीं है। वृंदावन सो बन नहीं नंदगांव सो गांव। बंसीबट सो वट नहीं कृष्ण नाम सो नाम। व्यास ने भगवान श्रीकृष्ण की रासलीला का वर्णन करते हुए कहा कि गोपियां कोई साधारण स्त्रियां नहीं थीं। क्योंकि बड़े बड़े ऋषि, मुनि, देवता सहभागिता करने को ब्रज में गोपियों के रूप में अवतरित होकर आए थे। जिनके साथ में भगवान श्रीकृष्ण ने रासलीला की थी। व्यास ने 19 श्लोकों में गोपी गीत प्रस्तुत किया, जिसे सुनकर सारे श्रोता भावुक हो गए । कोस्मर्दन लीला के बाद रुक्मणी मंगल की कथा का वर्णन करते हुए भगवान श्री कृष्ण और रुक्मणी विवाह बड़े हर्षोल्लास से मनाया गया। कथा के समापन पर भक्तों ने व्यास को भगवान श्रीकृष्ण की अति सुंदर प्रतिमा भेंट करते हुए सामाजिक कुरीतियों से बचकर धर्म के बताए सद्मार्ग पर चलने का संकल्प भी लिया।
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