Chilpurwa Neighborhood Suffers Due to Lack of Basic Amenities Residents Demand Action बोले हरदोई: कचरे से पटा पड़ा है पूरा तालाब हमारी सेहत करने लगा खराब, Hardoi Hindi News - Hindustan
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बोले हरदोई: कचरे से पटा पड़ा है पूरा तालाब हमारी सेहत करने लगा खराब

Hardoi News - चीलपुरवा मोहल्ला हरदोई में मूलभूत सुविधाओं की कमी से परेशान है। लोग सफाई, पानी, बिजली, और सड़क जैसी समस्याओं का सामना कर रहे हैं। तालाब की स्थिति गंभीर है, जिससे बीमारियों का खतरा बना हुआ है। प्रशासन...

Newswrap हिन्दुस्तान, हरदोईTue, 6 May 2025 05:06 AM
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बोले हरदोई: कचरे से पटा पड़ा है पूरा तालाब हमारी सेहत करने लगा खराब

हरदोई। जिला मुख्यालय से सटा चीलपुरवा मोहल्ला आज अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। जिला मुख्यालय से मात्र 500 मीटर की दूरी पर स्थित यह मोहल्ला आज भी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहा है। बिजली, पानी, सफाई, सड़क और जलनिकासी जैसी बुनियादी जरूरतों को लेकर यहां के लोग सालों से प्रशासनिक अनदेखी झेल रहे हैं। सबसे विकराल समस्या है मेडिकल कॉलेज के पीछे स्थित बड़े तालाब की। यहां सफाई न होना। यह तालाब अब गंदगी और बीमारियों का केंद्र बन गया है। इन हालातों के बावजूद इन दिक्कतों के निराकरण के लिए कोई ठोस कदम आजतक नहीं उठाया गया।

आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान के सामने मोहल्ले के लोगों ने दुखड़ा रोया। बताया कि किन कठिन हालातों में यहां रह रहे हैं। नियमित सफाई नहीं होने से कूड़े ढेर बहुत परेशान करती है। मच्छरों की फौज रात में सोने नहीं देती है। चीलपुरवा मोहल्ले में बने घरों का पानी पास में बस्ती किनारे बने तालाब में गिरता है। जिला अस्पताल और आसपास के घरों का कचरा भी यहां पर डाला जाता है। इससे तालाब का अधिकांश हिस्सा पूरी तरह कचरे से पट गया है। पानी में भरा कूड़ा सड़ जाने से दुर्गंध आ रही है। बदबू इतनी फैल चुकी है कि आसपास रहना दूभर हो गया है। मोहल्ले के नवीन राठौर ने आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान से बात करते हुए बताया कि मेडिकल कॉलेज बनने के बाद लगा था कि तालाब की सूरत बदलेगी पर स्थिति तो और बदतर हो गई। तालाब कचरे से पटा पड़ा है, जिसकी दुर्गंध से हमारे स्वास्थ्य पर असर पड़ रहा। संक्रमण फैलने का डर हरदम बना रहता है। करीब तीन वर्ष पहले अफसरों ने भ्रमण किया। तालाब की सफाई व सुंदरीकरण की बात हुई पर काम अब तक शुरू नहीं हुआ। आकार और गहराई हो गई कम: आनंद ने कहा कि पहले बारिश का पानी इस तालाब में चला जाता था पर अब आकार और गहराई घटने से तालाब पूरी तरह भर गया है। अब जरा सी भी बारिश होने पर गलियों से होते हुए गंदा पानी घरों तक घुसने लगा है। इससे संक्रमण का डर बना हुआ है। मोहल्ले वालों ने कहा कि ज्यादातर गलियों में शाम होते ही अंधेरा छा जाता है। बिजली के अधिकांश पोलों पर स्ट्रीट लाइट नहीं लगी। इससे मोहल्ले में रात में आने-जाने में डर और असुरक्षा का माहौल रहता है। अजय कुमार ने कहा कि स्ट्रीट लाइट न होने की वजह से महिलाएं और बच्चे शाम के बाद बाहर निकलने से डरते हैं। वहीं रवि शुक्ला ने नाराजगी जताते हुए कहा कि स्मार्ट सिटी का सपना दिखाने वालों ने इस मोहल्ले की सुध तक नहीं ली। यहां की समस्याएं स्मार्ट सिटी योजना का मजाक बना रही हैं। शुभम सागर ने साफ सफाई की व्यवस्था को पूरी तरह विफल बताया। कहा कि सफाई कर्मी केवल नाम के लिए आते हैं। नालियों की सफाई नहीं होने से मोहल्ले में जलभराव की समस्या गंभीर हो गई है। जगह-जगह गंदा पानी जमा रहता है। इससे मच्छरों का प्रकोप बढ़ा है। राजेश कश्यप ने कहा कि ढाई से तीन फिट गहरी नालियां बनी हैं पर इनमें सिल्ट भरी है। नाली चोक होने पर उनका पानी सड़कों और गलियों में फैल जाता है। कई-कई दिनों तक कोई कर्मचारी सफाई को नहीं आता। धीरेंद्र पाल ने कहा कि मोहल्ले में जलनिकासी के लिए एक भी बड़ा नाला नहीं है। गुड्डू ने मोहल्ले की गलियों की खस्ता हालत का जिक्र करते हुए कहा कि कीचड़ और गड्ढों से भर चुकीं गलियों में चलना मुश्किल हो गया है। शिकायतें 1. तालाब की सफाई नहीं होने से बदबू, मच्छर और बीमारी फैली है। 2. नालियों की नियमित सफाई का अभाव है। इससे जलभराव और दुर्गंध फैली रहती है। 3. स्ट्रीट लाइट की कमी है। इससे अंधेरा और असुरक्षा का वातावरण बना रहता है। 4. गैस पाइपलाइन के बाद सड़कों की दुर्दशा हो गई। इंटरलॉकिंग पूरी तरह खराब हो गई है। 5. पेयजल की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। हैंडपंप और नलों की भारी कमी है। 6. पार्क एक भी नहीं हैं। इससे बच्चों को खेलने के लिए सुरक्षित स्थान नहीं मिल पाता है। 7. सरकारी योजनाओं की जानकारी न होने से आमजन लाभ से वंचित हैं। समाधान 1. तालाब की मशीनों से सफाई हो। चहारदीवारी बनाकर कूड़ा डालने पर जुर्माना लगे। 2. सफाई कर्मियों की नियमित ड्यूटी सुनिश्चित हो। निगरानी तंत्र सक्रिय किया जाए। 3. हर गली में सोलर स्ट्रीट लाइटें लगाई जाएं और खराब बल्ब तुरंत बदले जाएं। 4. गैस पाइपलाइन के कार्य के बाद गलियों की इंटरलॉकिंग और सड़क मरम्मत कराई जाए। 5. हर मोहल्ले में पेयजल के लिए हैंडपंप और नल लगाए जाएं। पीने वाले जल गुणवत्ता जांचें। 6. पार्क का निर्माण किया जाए, जिसमें बच्चों के लिए झूले और बैठने की व्यवस्था हो। 7. प्रशासन द्वारा शिविर लगा योजनाओं की जानकारी दी जाए। पात्रों को लाभ मिले। बोले बाशिंदे तालाब पूरी तरह कचरे से पट गया है। बरसात में पानी घरों में घुसता है। बीमारी फैलने का खतरा है। -आनंद शाम होते ही मोहल्ले में अंधेरा छा जाता है। घर के सामने स्ट्रीट लाइट न होने से डर और असुरक्षा का माहौल है। -अजय कुमार गैस पाइपलाइन के बाद गलियों की मरम्मत नहीं हुई। इंटरलॉकिंग टूटी पड़ी है। चलना मुश्किल है। -आशीष पाल मेडिकल कॉलेज के पास का तालाब गंदगी से भर गया है। कोई अधिकारी ध्यान नहीं दे रहा है। -नवीन राठौर नालियों की समय से सफाई नहीं होती है। कचरे से चोक हैं। इससे कई जगह गंदा पानी गलियों में फैलता है। -राजेश कश्यप पालिका और बिजली विभाग ने स्मार्ट मीटर लगाए पर स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था अब तक नहीं की गई है। -रवि शुक्ला जलनिकासी का कोई ठोस प्रबंध नहीं है। थोड़ी बारिश होते ही गंदा पानी गलियों में जमा हो जाता है। -धीरेंद्र पाल गली में जगह-जगह गड्ढे है। सड़क टूटी है। बारिश में कीचड़ से गुजरना बच्चों और बुजुर्गों के लिए खतरा है। -गुड्डू सफाई व्यवस्था नाम मात्र की है। कूड़ा महीनों तक नहीं उठता। जिम्मेदार सिर्फ आश्वासन दे चले जाते हैं। -शुभम सागर पेयजल के लिए गर्मियों में काफी परेशानी हो रही है। हैंडपंप नहीं हैं। आए दिन नलों से गंदा पानी आता है। -मो. इलियास कोई सरकारी शिविर नहीं लगता। योजनाओं की जानकारी के लिए लोगों को दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ते हैं। -अशरफ खां बच्चों के खेलने के लिए पार्क नहीं है। वे गलियों में खेलते हैं। इससे चोट लगने या दुर्घटना का खतरा रहता है।-संजय श्रीवास्तव बोले जिम्मेदार चीलपुरवा में सफाई कराई जाएगी। नाली और सड़क निर्माण को सर्वे कराया जा रहा है। स्ट्रीट लाइट की समस्या दूर करने के लिए जिम्मेदारों को निर्देशित किया है। तालाब की स्थिति सुधारने के लिए भी मेडिकल कॉलेज एवं जिला प्रशासन के जिम्मेदारों संग विमर्श कर कार्रवाई की जाएगी। -सुख सागर मिश्र मधुर, नगर पालिका अध्यक्ष

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