hathras professor accused of sexual exploitation now in isolation could not sleep the whole night in jail हाथरस में रंगरेलियां मनाने वाला प्रोफेसर अब तन्‍हाई में, जेल में रात भर सो नहीं पाया, Uttar-pradesh Hindi News - Hindustan
Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़hathras professor accused of sexual exploitation now in isolation could not sleep the whole night in jail

हाथरस में रंगरेलियां मनाने वाला प्रोफेसर अब तन्‍हाई में, जेल में रात भर सो नहीं पाया

  • छात्राओं के यौन शोषण का आरोपी प्रोफेसर रजनीश कुमार फिलहाल 10 दिनों तक तक क्वारंटाइन बैरक में रहेगा। रजनीश वाली बैरक में कुल 48 बंदियों को रखा गया है। जेल प्रशासन की मानें तो रात रजनीश ने जागकर ही काटी है। अलीगढ़ जेल में दो बैरक क्वारंटाइन के लिए आरक्षित हैं। नये बंदियों को 10 दिन वहां रखा जाता है।

Ajay Singh संवाददाता, अलीगढ़Sat, 22 March 2025 11:43 AM
share Share
Follow Us on
हाथरस में रंगरेलियां मनाने वाला प्रोफेसर अब तन्‍हाई में, जेल में रात भर सो नहीं पाया

Hathras Professor Arrested on Charges of Sexual Abuse: अच्‍छे नंबरों और नौकरी दिलाने का झांसा देकर यूपी के हाथरस के बागला डिग्री कॉलेज में छात्राओं के यौन शोषण, रंगरेलियां मनाने का आरोपी प्रोफेसर रजनीश का नया ठिकाना अब अलीगढ़ जिला कारागार की क्वारंटाइन बैरक है। दस दिन तक प्रोफेसर इसी बैरक में रहेगा। उसके बाद उसे नई बैरक में रखा जायेगा। आरोपी गुरुवार-शुक्रवार की रात को सो नहीं पाया।

छात्राओं के यौन शोषण में गिरफ्तार बागला डिग्री कालेज के प्रोफेसर रजनीश को जेल भेजा जा चुका है। कोविड के समय से जेल में पहुंचने वाले बंदियों के लिए अलग बैरक बना रखी है। दस दिन बाद बंदी की जांच होगी और उसके बाद उसे नया ठिकाना दिया जायेगा। इसलिए आरोपी प्रोफेसर भी फिलहाल दस दिन तक क्वारंटाइन बैरक में रहेगा। रजनीश वाली बैरक में कुल 48 बंदियों को रखा गया है। जेल प्रशासन की मानें तो रात रजनीश ने जागकर ही काटी है। अलीगढ़ के वरिष्ठ जेल अधीक्षक विजेन्द्र यादव ने बताया कि जेल में दो बैरक क्वारंटाइन के लिए आरक्षित कर दिया गया है। नये बंदियों को दस दिन तक वहां रखा जाता है।

ये भी पढ़ें:सूखी बीती होली, ईद पर भी जेब खाली; मनरेगा मजदूरों को 5 महीने से मजदूरी का इंतजार

प्रबंध समिति के खिलाफ इसलिए बढ़ा गुस्सा

भाविप प्रांत कार्यकारिणी सदस्य सुहाना खान ने कहा कि कॉलेज प्रशासन ने पुलिस के मुकदमा दर्ज करने के बाद शिक्षक को निलंबित किया, उससे पहले नहीं। यह दर्शाता है कि प्रबंध समिति और प्राचार्य आरोपी शिक्षक को बचाने का प्रयास कर रहे थे। इसलिए, केवल आरोपी शिक्षक ही नहीं, बल्कि कॉलेज प्रशासन और प्रबंध समिति भी जिम्मेदार है। इनके खिलाफ भी जांच हो, और उचित कार्यवाही की जाए।

हरी झंडी के बाद भी आती रहीं गुमनाम शिकायतें

जांच टीम ने हवाला दिया कि शिकायकर्ता कोई सामने नहीं आया है। इस तरह से रजनीश उस समय बच गया, जिस समय शिकायत की गयी। उसकी प्रति कॉलेज के प्राचार्य को नहीं दी गई। फिर इसी तरह से गुमनाम शिकायतों का सिलसिला शुरू हुआ। पुलिस और प्रशासन के कुछ जिम्मेदार अफसरों ने करीब एक महीने पहले प्रोफेसर के खिलाफ सभी वीडियो और फोटो होने के बाद भी कोई कार्रवाई करने की बजाय फिर हरी झंडी दे दी।

...तो दो साल पहले ही सलाखों के पीछे पहुंच जाता प्रोफेसर

प्रोफेसर रजनीश दो साल पहले ही सलाखों के पीछे पहुंच जाता। अगर सही मायने में पुलिस प्रशासनिक अफसरों ने जांच की होती, लेकिन इस बार अगर महिला आयोग तक मामला नहीं पहुंचता और सोशल मीडिया पर प्रोफेसर के फोटो वायरल नहीं होते तो शायद इस बार भी आरोपी प्रोफेसर बच निकलता।

ये भी पढ़ें:जेल में कैसे कट रहे मुस्‍कान-साहिल के दिन? दोनों को जल्‍द रिमांड पर लेगी पुलिस

आरोपी प्रोफेसर को बचाता रहा सिस्‍टम

छात्राओं का यौन शोषण करने वाले प्रोफेसर को सरकारी सिस्टम पूरी तरह से बचाता रहा। दो साल पहले डीएम ने डिप्टी कलक्टर और सीओ सिटी को जांच अधिकारी नामित किया, लेकिन दोनों ही अधिकारियों ने उसे इस बात का हवाला देकर हरी झंडी दे दी कि शिकायतकर्ता कोई सामने नहीं आ रहा है। थाना चंदपा क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली छात्रा के नाम से तत्कालीन डीएम अर्चना वर्मा को शिकायत भेजी गई। शिकायत के साथ साक्ष्य के तौर पर सीडी भेजी गई। डीएम ने 30 सितम्बर 2023 को एक पत्र जारी कर डिप्टी कलक्टर प्रज्ञा यादव की अध्यक्षता में एक जांच समिति गठित कर दी। जांच समिति में सीओ सदर को रखा गया। जांच कमेटी को निर्देश दिये गये कि वह पांच दिन में पूरे मामले की जांच कर कार्रवाई करें, लेकिन दोनों ही अधिकारियों ने प्रोफेसर रजनीश को हरी झंडी दे दी। मामला प्रकाश में आने के बाद शिक्षा जगत में खलबली मची हुई है। लोग प्रकरण पर नजर रखे हुए हैं।