केवल मठ वाले ही नहीं, सूर्यवंशी क्षत्रिय हूं, मैं भी श्राप दे सकता हूं...योगी के विधायक का वीडियो वायरल
बस्ती के हर्रैया से भाजपा विधायक अजय सिंह का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जिसमें उन्होंने भ्रम फैलानों वालों को श्राप देने की बात कही। विधायक ने कहा कि वह सूर्यवंशी हैं, वह भी श्राप दे सकते हैं। अफवाह फैलाने वालों की राजनीति का विशान हो जाएगा।

यूपी के बस्ती के हर्रैया विधानसभा सीट से भाजपा विधायक अजय सिंह का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जिसमें उन्होंने भ्रम फैलानों वालों को श्राप देते दिखे। दरअसल बस्ती में 25 मार्च को एक युवक की मौत हो गई थी। परिजनों ने पुलिस पर पिटाई से मौत का आरोप लगाया था। वहीं यह भी बात कही जा रही थी कि विधायक पुलिस का स्पोर्ट कर रहे हैं जिसकी वजह से तहरीर नहीं लिखी जा रही है। इसे ही लेकर भाजपा एमएलए ने अब अपनी सफाई दी है।
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में सीएम योगी के विधायक कहते नजर आ रहे हैं, "भ्रम फैलाने की बात हो रही है, खाई भरने की बात हो रही है। आपसे निवेदन है कि अफवाहों से बचें नवरात्र है, ये मत समझिए कि मठ और मंदिरों में पूजा करने वाले ही श्राप दे सकते हैं। मैं सूर्यवंशी क्षत्रिय हूं, नौ दिन का व्रत हूं। मैं माता दूर्गा की सौगंध खाकर कहता हूं कि मैं भी श्राप दे सकता हूं। राजनीति अलग विषय है। इतनी बड़ी घटना हुई, एक ब्राह्मण की हत्या हुई और कह दो कि विधायक कार्रवाई नहीं होने दे रहे हैं, इस तरह की राजनीति में विनाश हो जाएगा।"
युवक की पिटाई से मौत का आरोप
दरअसल 25 मार्च को दुबौलिया थाना क्षेत्र के उभाई गांव के रहने वाले आदर्श उपाध्याय की मौत हो गई थी। परिजनों ने पुलिस पिटाई सेमौत का आरोप लगाया था। इसे लेकर सपा और कांग्रेस नेता पीड़ित परिवार से मुलाकात कर सांत्वना दी। इस मामले में एसओ को लाइन हाजिर करते हुए एक दरोगा और एक सिपाही को सस्पेंड कर दिया गया। हालांकि इस बीच भाजपा विधायक अजय सिंह पर पुलिस वालों का साथ देने की बात कही जाने लगी। आरोप लगा कि अजय सिंह की वजह से ही पुलिस वालों ने एफआईआर दर्ज नहीं की।
भाजपा विधायक ने दी सफाई
आदर्श उपाध्याय के घर पहुंचे विधायक ने कहा कि सिपाही के ट्रांसफर के लिए उन्होंने घटना के चार दिन पहले ही पुलिस अधीक्षक से सिफारिश कर दिया था। कारण वह एक अन्य मामले में गड़बड़ी कर रहा था। दूसरा सिपाही जिसे मेरी बिरादरी का बताया जा रहा है वो दूसरी बिरादरी का है। उसका क्षत्रिय बिरादरी से कोई संबंध नहीं है। विपक्षी इस बात का गलत तरीके से प्रचार कर रहे हैं। एक ब्राह्मण की मौत पर राजनीति कर रहे हैं। इस राजनीति से मेरा कोई संबंध नहीं है। मामले में कार्रवाई के लिए मैं पूरे दिन पुलिस और प्रशासन के खिलाफ लगा रहा तथा प्रशासन से सहायता दिलाने के लिए मेरे पहल पर 10 लख की राशि स्वीकृत हुई है। बाहर होने के कारण मैं गोसेवा आयोग उपाध्यक्ष महेश शुक्ला को मौके पर स्वीकृति पत्र देने के लिए अनुरोध किया था।