बिजली दरों में बढ़ोत्तरी हुई तो बड़ा आंदोलन करेगा भाकियू, नरेश टिकैत का ऐलान, तैयारी भी शुरू
यूपी में बिजली दरों में बढ़ोत्तरी की तैयारी हो रही है। इसे लेकर अभी से विरोध और बड़े आंदोलन की रुपरेखा भी बन गई है। भारतीय किसान यूनियन संयुक्त मोर्चा के राष्टीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने इस बढ़ोतरी का जोर-शोर से विरोध का ऐलान कर दिया है।

यूपी में ऊर्जा क्षेत्र के इतिहास में सबसे अधिक 30 फीसदी बिजली दरों में प्रस्तावित बढ़ोत्तरी को लेकर भारतीय किसान यूनियन संयुक्त मोर्चा के बैनर तले बड़ा आंदोलन की तैयारी जोर-शोर से चल रही है। भारतीय किसान यूनियन संयुक्त मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश चौधरी ने मंगलवार को बताया कि प्रदेश में बिजली की प्रस्तावित दरों में बढ़ोतरी लागू होने से उपभोक्ताओं पर हर माह औसतन 600 रुपये का अतिरक्ति बोझ पड़ेगा जो किसी भी तरह जायज़ नहीं है। इसको लेकर भाकियू संयुक्त मोर्चा के कार्यकर्ता गांव गांव जाकर जन चौपाल के जरिए किसानों में अलख जगा रहे हैं क्योंकि गेंहू की फसल का काम अब निबट गया है।
इस मुद्दे पर आंदोलन खड़ा करने की तैयारी कर रहे हैं। जनसंपर्क के दौरान लोगों की मिली-जुली प्रतक्रियिाएं भी सामने आईं हैं। जिससे यह बात साफ़ है कि बिजली के निजीकरण, स्मार्ट मीटर, बिजली दरों में बढ़ोतरी के मुद्दे पर किसान सरकार के साथ दो-दो हाथ करने के मूड़ में दिखाई दे रहा है। इस संबंध में किसानों का कहना है कि बिजली विभाग में घाटा दिखाकर अनाप-शनाप दरें बढ़ाने से पहले भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों का वेतन, पेंशन बंद करो जिनके नकारापन की वजह लाइन लास हो रहा है। आरोप है कि बिजली का मीटर हो या अन्य उपकरण, बड़े पैमाने पर कमीशनखोरी के चलते उपकरणों को बाजार रेट से कई गुना ज्यादा पर खरीदा जाता है।
भारतीय किसान यूनियन संयुक्त मोर्चा राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश चौधरी ने अपने बयान में कहा है कि प्रदेश में बिजली महंगी होने की चर्चाओं का जोर है। उन्होंने कहा कि सरकार का यह कदम बिजली वितरण को निजी कंपनियों के हाथों सौंपने की तैयारी का यह ट्रेलर है। किसान नेता ने सरकार को चेताया कि इस तरह उपभोक्ताओं के साथ धोखा चलने नहीं दिया जाएगा।
गौरतलब है कि पावर कॉरपोरेशन ने सोमवार को नियामक आयोग में बिजली कंपनियों के वास्तविक आय-व्यय के आंकड़े दाखिल किए हैं। 19,600 करोड़ के राजस्व अंतर के आधार पर कॉरपोरेशन ने नई बिजली दरों में 30 फीसदी इजाफे का अनुमान लगाया है। कॉरपोरेशन ने आयोग से वास्तविक आंकड़ों के आधार पर बिजली दरों के संबंध में उचित निर्णय लेने का आग्रह किया है। ऊर्जा क्षेत्र के इतिहास में इसे सबसे बड़ी बढ़ोतरी के प्रस्ताव के तौर पर देखा जा रहा है।