जेल में बंद चिकित्सा अधीक्षक की मौत, पिछले हफ्ते घूस लेते बलिया में हुए थे गिरफ्तार
बलिया में घूस लेते रंगे हाथ गिरफ्तार सीएचसी के चिकित्सा अधीक्षक की जेल में मौत हो गई है। उन्हें वाराणसी की जिला जेल में रखा गया था। परिवार ने जेल प्रशासन पर उनकी सेहत को लेकर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है।

रिश्वत लेने के आरोप में पिछले हफ्ते गिरफ्तार कर जेल भेजे गए बांसडीह (बलिया) सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा अधीक्षक (एमएस) डॉ. वेंकटेश मौआर की सोमवार को संदिग्ध स्थिति में मौत हो गई। चौकाघाट स्थित जिला जेल में तबीयत बिगड़ने पर मंडलीय अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। डॉ. वेंकटेश के परिजनों ने जेल प्रशासन पर लापरवाही बरतने का गंभीर आरोप लगाया है। इस बीच डीआईजी जेल राजेश श्रीवास्तव ने मामले की जांच कराने का ऐलान किया है।
बैरक में तबीयत खराब होने पर डा. मौआर को जेल अस्पताल ले जाया गया। वहां स्वास्थ्य में सुधार न होने पर मंडलीय अस्पताल भेजा गया। बताते हैं कि इस दौरान उनकी मौत हो गई। मंडलीय अस्पताल की एसआईसी डॉ. मृदुला मल्लिक ने बताया कि डॉ. वेंकटेश को दोपहर बाद 3:50 बजे लाया गया था। इमरजेंसी में मौजूद डाक्टरों ने जांच की तो पता चला कि उनकी मौत पहले ही हो चुकी थी। उन्हें मृत अवस्था में ही लाया गया था।
डॉ. वेंकटेश के छोटे भाई रंकटेश मौआर ने बताया कि जेल जाने के बाद से ही बड़े भाई की तबीयत खराब थी। इसकी जानकारी जेल प्रशासन को कई बार दी गई। उनके अधिवक्ता शिवजीत राय ने भी जेल प्रशासन को इस बारे में बताया था लेकिन उनका उपचार नहीं कराया गया। यह भी आरोप लगाया कि अन्य अस्पताल में रेफर करने के नाम पर पैसे मांगे जा रहे थे। डॉ. वेंकटेश के मित्र अमरेंद्र बहादुर राय ने भी आरोप लगाया कि इलाज कराने में जेल प्रशासन ने हीलाहवाली की। ज्ञात है कि डॉ. वेंकटेश मौआर को वाराणसी विजलेंस की टीम ने सीएचसी की ओपीडी से बीते गुरुवार को उस समय रंगेहाथ गिरफ्तार किया था जब वह जन औषधि केंद्र संचालक से 20 हजार रुपये रिश्वत ले रहे थे। डॉ. वेंकटेश मूलरूप से औरंगाबाद (बिहार) के निवासी थे।
गिड़गड़ाते रहे परिजन, जेल अफसरों ने की अनसुनी
‘सर, मेरे भाई की तबीयत बहुत खराब है, उन्हें उपचार की सख्त जरूरत है...।‘ ‘जेलर साहब, डॉक्टर को बुला दीजिए, नहीं तो मेरे पति मर जाएंगे...। अरे कोई तो कुछ करे, जिससे उनकी जान बच सके...।’ ये गुहार रिश्वत लेने के आरोप में जिला जेल में बंद बांसडीह (बलिया) सीएचसी के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. वेंकटेश मौआर के परिजन लगाते रहे। वे जिला जेल के कैदी मिलाई कक्ष के पास बैठे अधिकारियों से अनुनय-विनय करते रहे लेकिन सब बेअसर रहा। अधिकारियों का जवाब था कि मिलाई प्रक्रिया समाप्त होने के बाद उनका उपचार कराया जाएगा।
गिरफ्तारी के बाद डॉ. वेंकटेश मौआर न्यायिक हिरासत में चौकाघाट स्थित जिला जेल में थे। सोमवार को उनकी पत्नी प्रियंका मौआर, छोटा भाई रंकटेश मौआर और मित्र अमरेंद्र बहादुर राय उनसे मिलने पहुंचे थे। रंकटेश और अमरेंद्र बहादुर राय ने बताया कि डॉ. वेंकटेश जमीन पर लेटे थे। उन्होंने बताया कि उनकी तबीयत काफी खराब है। इलाज नहीं कराया जा रहा है। कई बार जेल अधिकारियों को बताया भी गया है। इस पर पत्नी, भाई और मित्र जेल अधिकारियों के पास पहुंचे। उनके सामने रोये-गिड़गिड़ाए लेकिन सब बेअसर रहा। अलबत्ता मिलाई का समय समाप्त होने के बाद परिजनों को बाहर कर दिया गया।