बड़ा शातिर था मैनपुरी एनकाउंटर में मारा गया जीतू, कारनामों से तंग पत्नी ने पहले ही छोड़ दिया था साथ
जीतू ठाकुर का हाथरस जंक्शन क्षेत्र में अच्छा-खासा आंतक था। उसके कारनामों से बाहर वालों के साथ ही परिवार वाले भी कम परेशान नहीं थे। उसकी पत्नी ने राशन डीलर हत्याकांड से पहले ही उससे नाता तोड़ लिया था। वह अपने मायके जाकर रहने लगी थी। गांव में उसकी मां रहती अकेली है। छोटा भाई भी दिल्ली में रहता है।

यूपी के मैनपुरी में पुलिस और एसटीएफ की आगरा यूनिट के साथ एनकाउंटर में मंगलवार को हिस्ट्रीशीटर जीतू ठाकुर मारा गया। जीतू ठाकुर का हाथरस जंक्शन क्षेत्र में अच्छा-खासा आंतक था। वह लगातार अपराध कर रहा था। उसके इन कारनामों से बाहर वालों के साथ ही परिवार वाले भी कम परेशान नहीं थे। उसकी पत्नी ने भी राशन डीलर हत्याकांड से पहले ही उससे नाता तोड़ लिया था। वह अपने मायके जाकर रहने लगी थी। गांव में उसकी मां रहती अकेली है। उसका छोटा भाई भी दिल्ली में रहता है।
हिस्ट्रीशीटर जीतू शुरु से ही जरायम की दुनिया में आ गया, क्योंकि उसका बड़े भाई कल्लू पर कई मुकदमे दर्ज थे। अपने बड़े भाई की तरह वह भी बदमाश बनता जा रहा था, लेकिन करीब दस साल पहले जीतू के भाई कल्लू की पीट पीटकर हत्या कर दी गयी थी। उसके खिलाफ भी हत्या सहित कई संगीन मामले दर्ज थे।
मगर भाई की मौत के बाद जीतू ने जरायम की दुनिया से अलविदा नहीं किया बल्कि अपना गिरोह बनाया और चोरी, लूटपाट, डकैती जैसी संगीन वारदातों को अंजाम देना शुरू कर दिया। जीतू ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और अपराध की दुनिया में घुसता चला गया। जीतू के परिवार के लोगों की माने तो उस पर एक बेटी है। जब जीतू ने अपराध की दुनिया नहीं छोड़ी तो पत्नी अपनी बेटी को लेकर चली गई। उसने अपने पति से रिश्ता तोड़ डाला।
दो आरोपी जमानत पर आए
योगेश हत्याकांड में जेल गये पवन और अंकित को तीन महीने पहले जमानत मिल चुकी है। हाईकोर्ट से जमानत मंजूर हो चुकी है। उमेश का आरोप है कि जेल में निरुद्ध सोनू जाटव की मां धमकी दे रही है कि जेल से आते ही उमेश की हत्या कराई जाएगी। इसकी ऑडियो भी उनके पास मौजूद है।
हत्या की सुपारी देने वाले दो हत्यारोपी नहीं मिले
मृतक योगेश के भाई उमेश की मानें तो उसके भाई की हत्या सुपारी देकर कराई थी। मगर आज तक पुलिस उन सुपारी देने वालों का कोई सुराग नहीं लगा सकी है। उन्हें डर है कि कहीं सुपारी देने वाले फिर किसी वारदात को अंजाम देने की फिराक में तो नहीं है। इसलिए पुलिस को चाहिए कि वह दो अज्ञात लोगों की तलाश करे।
हिस्ट्रीशीटर की मां बोली, बेटे को गलत फंसाया
हिस्ट्रीशीटर जीतू की मुठभेड़ में मौत हो जाने के बाद उसकी मां अपने परिवार के लोगों के साथ मैनपुरी पहुंच गई। वहां उसने आरोप लगाया कि उसके बेटे जीतू को गलत मुकदमे में फंसाया था। धौरपुर कांड से उसका कोई लेना देना नहीं था।
2019 में खुली थी हिस्ट्रीशीट
हाथरस जंक्शन पुलिस ने वर्ष 2019 में जीतू ठाकुर की हिस्ट्रीशीट खोली थी, क्योंकि उसके खिलाफ उस वक्त तक 12 मुकदमे दर्ज थे। इसमें पांच हत्या, एक लूट, तीन जानलेवा हमले और एक डकैती का मुकदमा दर्ज था। उसी आधार पर पुलिस ने उसके खिलाफ हिस्ट्रीशीट खोल दी।
वारदात के बाद से पुलिस का कड़ा पहरा
राशन डीलर योगेश उपाध्याय की हत्या के बाद से एसपी ने उनके परिवार की सुरक्षा के लिए पांच पुलिसकर्मी तैनात कर रखे हैं। जोकि हर वक्त वहीं रहते हैं। पूरे परिवार की सुरक्षा कर रहे हैं। इसके अलावा मुकदमा वादी को एक गनर दे रखा है। वह जहां भी जाते हैं गनर उनके साथ चलता है।