Residents of Vrindavan Enclave Demand Basic Amenities Amid Neglect सोसाइटी में सड़क न पानी, सरकार कुछ करो मेहरबानी, Kanpur Hindi News - Hindustan
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सोसाइटी में सड़क न पानी, सरकार कुछ करो मेहरबानी

Kanpur News - मेहरबान सिंह का पुरवा स्थित वृंदावन इन्क्लेव में लोग बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं। यहां बिजली, पानी और सड़कें नहीं हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि बारिश में जलभराव के कारण वे घरों में कैद हो...

Newswrap हिन्दुस्तान, कानपुरMon, 9 June 2025 12:36 AM
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सोसाइटी में सड़क न पानी, सरकार कुछ करो मेहरबानी

मेहरबान सिंह का पुरवा स्थित वृंदावन इन्क्लेव के हालात गांव से बदतर हैं। सोसाइटी में मौजूद कई घरों में तो अब तक बिजली भी नहीं पहुंची है। यहां सड़कें तक नहीं बनी हैं। मिट्टी धंसने पर इलाकाई लोग चंदा कर सड़क पर मलबा डलवाते हैं। इलाकाई लोगों का कहना है कि चुनाव के समय तो प्रधान यहां वोट मांगने आते हैं लेकिन जीतने के बाद इसे अपना क्षेत्र नहीं बताते हैं। जिसके चलते इलाके का विकास ठहर गया है। लोगों ने यहां आलीशान घर तो बनवा लिए हैं पर मूलभूत सुविधाओं को मोहताज हैं। रायपुरवा की वृंदावन इन्क्लेव सोसाइटी मेहरबान सिंह का पुरवा क्षेत्र का हिस्सा है, लेकिन यहां की स्थिति किसी बीहड़ से कम नहीं है।

एक दशक से भी ज्यादा पुरानी इस सोसाइटी में सभी घरों में बिजली सप्लाई तक नहीं है। आज भी लोग यहां पर हाथों से पंखा ढुलाते मिल जाएंगे। पानी के लिए भी लोगों को दूसरों का मोहताज होना पड़ता है। पानी के सार्वजनिक स्रोत न होने पर जिन घरों में बोरिंग है वहां के लोग क्षेत्र के अन्य लोगों को पानी मुहैया कराते हैं। बिजली न होने पर यहां के लोग पानी को भी तरस जाते हैं। क्षेत्रीय लोग बताते हैं कि सड़क, बिजली, पानी की समस्या तो हम झेल ही रहे है, लेकिन सबसे अधिक परेशानी बरसात के मौसम में होती है। जलभराव होने पर हम लोग घरों में कैद हो जाते है। यही नहीं इन समस्याओं के चलते रिश्तेदार भी घर आने से कतराते हैं। क्षेत्र की अमिता बाजपेई बताती हैं कि अभी यह क्षेत्र ग्रामीण इलाके में आता है। इसकी देखरेख की जिम्मेदारी प्रधान की है पर वे सोसाइटी में आते तक नहीं हैं। इलाकाई लोगों के मुताबिक प्रधान ने सोसाइटी के बाहर तो सड़क बनवाई है, लेकिन अंदर कोई काम नहीं कराया। गायत्री बताती हैं कि आज भी क्षेत्र में कई घर ऐसे हैं जहां बिजली नहीं पहुंची है। इलाके में न तो सीवर लाइन है और न ही पेयजल की सुविधा है। कहीं हैंडपंप न होने से लोग परेशान होते हैं। जिन घरों में बिजली नहीं है वह तो दूसरे लोगों के रहम पर ही जीवन यापन कर रहे हैं। इलाकाई लोगों की मांग है कि स्थानीय प्रशासन उनपर ध्यान दे और क्षेत्र का विकास कराया जाए। मिट्टी की पगडंडियां, मलबा डालकर बनाया रास्ता : कोमल बताती हैं कि वृंदावन सोसाइटी की शुरुआत में तो कुछ मीटर तक इंटरलॉकिंग टाइल्स लगाकर सड़क बनी हुई है, लेकिन इसके आगे बढ़ने पर सड़कों की जगह मिट्टी की पगडंडियों जैसा रास्ता है। इलाके की रहने वाली लवली सिंह बताती हैं कि इलाके में कहीं भी सड़क नहीं है। बारिश में घर तक पहुंचने के लिए लोगों ने मुख्य सड़क से लेकर सोसाइटी तक मलबा खरीदकर डलवाया है। समय-समय पर मलबा धंस जाता है और सड़क पर गड्ढे हो जाते हैं ऐसे में फिर से इलाकाई लोग चंदा करते हैं और मलबा डलवाते हैं। बारिश में इलाके का किसी टापू जैसा हाल होता है। बरसात के पूरे मौसम में घुटनों तक पानी भरा रहता है। कई बार इलाकाई लोग अपने वाहन घर तक नहीं ला पाते हैं। प्रधान से सड़कें बनवाने की मांग करने पर भी कोई ध्यान नहीं दिया गया। स्थानीय लोगों ने स्थानीय प्रशासन से भी मामले की शिकायत की है। लेकिन अबतक सुनवाई नहीं हो सकी है। लोगों का कहना है कि स्थानीय प्रशासन मामले का संज्ञान ले और इलाके में जरूरी सुख-सुविधाएं मुहैया कराए। अक्सर चोटिल होते लोग : वृंदावन सोसाइटी में शायह ही कोई घर ऐसा हो जहां टूटी सड़क के चलते अबतक कोई चुटहिल न हुआ हो। स्थानीय निवासी अमिता बताती हैं कि वह कुछ दिन पहले स्कूटी से घर आ रही थीं, सोसाइटी में ही एक ईंट पर स्कूटी का पहिया पड़ने से वह अनियंत्रित होकर फिसल गई और चुटहिल हो गईं। इसी तरह इलाके के कई अन्य लोग भी चुटहिल हो चुके हैं। कई लोगों के ऑपरेशन तक हुए। लेकिन इतनी समस्याओं के बावजूद कोई सुनने को तैयार नहीं है। स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्होंने स्थानीय प्रशासन से भी विभिन्न माध्यमों से सड़क बनवाने की गुहार लगाई है। लेकिन अबतक कुछ नहीं हो सका। यहीं नहीं सोसाइटी में सफाई कर्मी भी प्राइवेट लगा रखा है। इसके बाद से कुछ घरों के पास साफ सफाई दिखती है। नहीं पड़ी सीवर लाइन, गंदगी से जूझ रहे : वृदावन सोसाइटी में सीवर लाइन न पड़ी होने से इलाकाई लोग सीवेज भराव की समस्या से भी जूझ रहे हैं। स्थानीय निवासी विनय पांडे बताते हैं कि क्षेत्र में कई मकान होने के बावजूद यहां सीवर लाइन नहीं पड़ी है। उन लोगों ने जब मकान खरीदे थे तो बताया गया था कि यहां जल्द ही सीवर लाइन बिछाई जाएगी, लेकिन अबतक यह नहीं पड़ सकी। घरों के बाहर बने सोख्ता में सीवेज जमा होता है। जिसे हर 15-20 दिन में साफ कराना मजबूरी बन गया है। घरों से निकला गंदा पानी क्षेत्र से निकलने का कोई रास्ता नही हैं। लोगों का कहना है का कहना है कि पूरे क्षेत्र में सीवर लाइन बिछाएं तो इलाके की सूरत बदल सकती है। नालियां न होने से प्लाॅटों में भरा गंदा पानी : सोसाइटी अभी पूरी तरह से विकसित नहीं हुई है। लेकिन यहां लगभग सभी प्लाट बिक चुके हैं। स्थानीय निवासी प्रेम नारायण बाजपेई बताते हैं कि मूलभूत सुविधाएं न होने के चलते लोगों ने प्लाट बनवाए नहीं हैं। इलाके में न तो सड़क है और न ही नालियां जिसके चलते घरों से निकला गंदा पानी खाली प्लाटों में जमा होता रहता है। कई प्लाटों में वर्षों से गंदा पानी जमा हो रहा है, जिसके चलते यहां दुर्गंध उठने लगी है। इलाकाई लोगों का कहना है कि पूरी की सोसाइटी की आबादी नारकीय परिस्थितियों का सामना कर रही है। ऐसे में यहां रहना बहुत मुश्किल है। मांग है कि स्थानीय प्रशासन इलाके में नालियां बनवाकर जल निकासी की व्यवस्था कराए तो जनता को राहत मिलेगी। पेयजल के लिए जूझते लोग : वृंदावन सोसाइटी के लोग प्रधान की अनदेखी से नाराज हैं। इलाके की रहने वाली अंजू दुबे बताती हैं कि क्षेत्र में पेयजल के सार्वजनिक स्रोत न होने से इलाकाई लोग परेशान होते हैं। जिनके घरों में बिजली है वहां तो बोरिंग का पानी आसानी से मिल जाता है, लेकिन जहां बिजली ही नहीं है ऐसे लोग दूसरे घरों पर पानी के लिए निर्भर हैं। सुबह-शाम इलाके के कई लोग दूसरे के घरों से पानी लेने के लिए मजबूर हैं। इलाकाई लोगों का कहना है कि जब कभी किसी कारणवश लंबे समय के लिए बिजली नहीं आती है तब पूरा क्षेत्र पानी के लिए तरस जाता है। मांग है कि इलाके में पर्याप्त संख्या में हैंडपंप लगवाएं या पानी की टंकी रखवा कर पेयजल की व्यवस्था कराई जाए। बोले लोग सड़कें न होने से अक्सर दोपहिया वाहन सवार व पैदल चलने वाले चुटहिल हो जाते हैं। मलबे की वजह से सफाई भी नहीं हो पाती है। -अमिता बाजपेई सड़क के नाम पर पगडंडियां हैं, जिनपर मलबा डालकर उन्हें कच्ची सड़कों का रूप दिया गया है। सभी जगह गुहार लगाई पर राहत नहीं मिली। - लवली सिंह इलाके में रहने वाली आबादी पानी के लिए जूझ रही है। बिजली न आने पर तो पानी के लिए लोग तरस जाते हैं। - प्रियांशी मिश्रा इलाके में न तो सड़क है और न ही नालियां हैं। जिसकी वजह से जलभराव होता है। खाली पड़े कई प्लाटों में वर्षों से भरा पानी सड़ रहा है। - गायत्री सड़कें न होने से आधी समस्याएं हैं। राहगीर अक्सर चुटहिल होते हैं। बारिश के मौसम में जलभराव से पूरा इलाका जूझता है। - कोमल सविता स्ट्रीट लाइटें न होने पर अंधेरा पसरा रहता है। शाम होते ही इलाके में असुरक्षा का माहौल बन जाता है। स्ट्रीट लाइटें लगवाई जाएं। - मीरा सीवर लाइन न होने से लोगों घरों में सोख्ता बनवा रखे हैं। घरों का गंदा पानी सड़कों पर बहता है। जिससे मच्छर पनपते हैं और दुर्गंध होती है। - रीमा शुक्ला क्षेत्र में सड़कें बनवाना और स्ट्रीट लाइटें लगवाना बहुत जरूरी है। खराब सड़कों पर चलकर लोग अक्सर चुटहिल हो रहे हैं। - अंजू सिंह सीवर लाइन, सड़क और नालियां न होने से इलाके में हर तरफ गंदगी फैली है। रिश्तेदारों ने भी आना बंद कर दिया है। - लक्ष्मी बोले जिम्मेदार यह इलाका नगर निगम की सीमा में नहीं है। सोसाइटी का इलाका है। संबंधित अधिकारियों को यहां की समस्याओं से अवगत कराया जाएगा। क्षेत्र के लोगों की समस्याओं को प्राथमिकता से हल कराने का प्रयास किया जाएगा। सुधीर कुमार गहलौत, नगर आयुक्त

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