UP Housing Commissioner Meeting on Farmers Land Issues Resolution Pending for 15 Years 15 साल से फंसा मंधना औद्योगिक एरिया का जमीन विवाद होगा हल, Kanpur Hindi News - Hindustan
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15 साल से फंसा मंधना औद्योगिक एरिया का जमीन विवाद होगा हल

Kanpur News - उत्तर प्रदेश के आवास आयुक्त और यूपीसीडा अधिकारियों ने लखनऊ में बैठक की। मंधना में किसानों की भूमि विवाद पर चर्चा हुई। 15 साल पहले अधिग्रहित भूमि का मुआवजा न मिलने के कारण किसान परेशान हैं। एमएलसी अरुण...

Newswrap हिन्दुस्तान, कानपुरWed, 28 May 2025 04:52 PM
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15 साल से फंसा मंधना औद्योगिक एरिया का जमीन विवाद होगा हल

आवास आयुक्त उत्तर प्रदेश के साथ उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद, यूपीसीडा के अधिकारियों ने प्रतिनिहित विधायन समिति के साथ लखनऊ में बैठक की। जिसमें उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा), आवास विकास परिषद के अधिकारियों ने मंधना में फंसी पड़ी जमीनों की अपनी-अपनी आख्या प्रस्तुत की। जिसको देख समिति के उप सदस्य एमएलसी अरुण पाठक ने आपत्ति जताई और किसानों की समस्या का 15 वर्ष बाद भी हल न निकालने का कारण पूछा तो जिम्मेदार सही जवाब नहीं दे पाए। अब दोनों विभाग के अधिकारी किसानों से बातचीत करेंगे। जिसके बाद उनकी समस्या का हल निकाला जाएगा। उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने मंधना में औद्योगिक क्षेत्र बसाने के लिए करीब 15 साल पहले 900 एकड़ भूमि अधिग्रहित की थी।

जिसमें 80 फीसदी किसानों को मुआवजा धनराशि दे दी गई थी। सिर्फ 75 एकड़ का मुआवजा देना बाकी रह गया था। किसानों ने मुआवजा राशि ज्यादा मांगने के कारण किसानों ने जमीन पर कब्जा नहीं छोड़ा और विवाद शुरू हो गया। जमीन किसानों के कब्जे में है। सरकारी विभाग द्वारा भूमि अधिग्रहण करने के कारण किसान अब अपनी जमीन बेच नहीं पा रहे हैं। जिस कारण बड़ी समस्या आ रही है, किसान परेशान हैं। इसी तरह से आवास विकास परिषद द्वारा वर्ष 2009 में मंधना के पांच गांव ग्राम परगही बांगर, बगदौधी बांगर, बगदौधी कछार, पेम एवं बिरितियां की कुल 230 हेक्टेयर भूमि पर आवासीय योजना बसाने के लिए नोटिफिकेशन जारी हुआ था। मुआवजा राशि तय न हो पाने के कारण प्रशासन भूमि अधिग्रहण नहीं कर पा रहा है। वहां के किसान भूमि भी बिक्री नहीं कर पा रहे हैं। इन दोनों विभागों की मंधना में लंबे समय से विवादित पड़ी जमीनों को लेकर दोनों विभागों के अधिकारियों ने अपनी-अपनी आख्या समिति के सामने प्रस्तुति की तो इसपर एमएलसी ने आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि किसान परेशान हैं आप लोगों ने अभी तक मामला हल क्यों नहीं कर पाए। इस पर समिति ने निर्णय लिया कि दोनों विभागों के अफसर चार जून को किसानों के साथ बैठक करें उनकी समस्या को समझें और समस्या निस्तारण की बात करें। अगर किसानों से बात न बने तो डिनोटिफेकेशन का प्रस्ताव भेजा शासन को भेजा जाए। एमएलसी अरूण पाठक ने बताया कि अधिकारियों की बैठक के बाद प्रतिनिहित विधायन समिति की टीम 18 जून को स्थलीय निरीक्षण करेगी इसके बाद किसानों से बातचीत करेगी और उनकी समस्या को जानेगी।

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