श्रीबुढ़िया माता मंदिर से खाली हाथ नहीं लौटते भक्त
Kushinagar News - कुशीनगर के पडरौना में बंजारीघाट स्थित श्रीबुढ़िया माता मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। यहां साल भर भक्त पूजन करते हैं, विशेषकर नवरात्रि के दौरान। मंदिर की मान्यता है कि सच्चे मन से आने वाले...

कुशीनगर। पडरौना शहर के बंजारीघाट स्थित श्रीबुढ़िया माता मंदिर श्रद्धालुओं के आस्था का केंद्र है। साल के प्रत्येक दिन मंदिर पर श्रद्धालु पूजन-अर्चन करते हैं, लेकिन शारदीय व चैत्र नवरात्र में यहां पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या अधिक रहती है। मंदिर की मान्यताओं को सुन जिले के अलावा अन्य जनपदों के भी श्रद्धालु मां का दर्शन कर मुरादें पूरी करने की कामना करते हैं। सच्चे मन से आने वाले श्रद्धालु कभी भी यहां से खाली नहीं लौटते।
पडरौना शहर के श्रीपिंजरा पोल गोशाला के समीप बंजारीघाट स्थित श्रीबुढ़िया माता की मनोहारी मंदिर है। ब्रिटिश हुकूमत से पहले पडरौना शहर के जंगल में पहुंचे बंजारों ने यहां मां की पिंडी स्थापित की थी। बंजारा मां का नाम देकर बंजारों ने पूजा-अर्चना शुरू की। बंजारा माता की पिंडी जहां बंजारों ने स्थापित की थी, उसके ठीक बगल में झरही नदी भी है। बताया जाता है कि दिनभर जंगल भ्रमण करने के बाद बंजारे अपने परिवार के साथ यहीं पर रूकते थे और मां की आराधना करके ही वह आगे के लिए बढ़ते थे। बगल में बंजारी घाट के नाम से एक गांव भी बसाया था, जो अब शहर का हिस्सा है। उस समय जंगल में तब्दील बंजारा माता मंदिर के पास दिन हो या रात, कोई रूकता तक नहीं था। बंजारे तो वहां से चले गए, लेकिन उनके द्वारा स्थापित मां की पिंडी वहीं पर है। साल 1993 में घर त्याग कर मां की शरण में आए पुजारी वीरेंद्रनाथ ने पिंडी को झोपड़ी में स्थापित किया। इस दौरान कई चमत्कार भी हुए। पुजारी वीरेंद्रनाथ बताते हैं कि झोपड़ी से मां की पिंडी और उनकी प्रतिमा को एक भव्य मंदिर में स्थापित कर दिया गया है। यहां पूरे साल श्रद्धालु पूजन-अर्चन करते हैं। उनका कहना है कि जिन बेटियों की शादी नहीं हो रही है, अगर वह दर्शन कर लें तो जल्द ही बुढ़िया माता उनके हाथ पीले करा देती हैं। संतान की उम्मीद में मंदिर आई बेटियां भी खाली नहीं लौटती। कई गंभीर रोगी भी मंदिर की दहलीज पर आकर ठीक हो चुके हैं।
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मुस्लिम परिवारों का भी मंदिर से काफी लगाव :
बुढ़िया माता मंदिर से शहर के कई मुस्लिम परिवारों का भी गहरा लगाव है। पुजारी वीरेंद्रनाथ का कहना है कि मुस्लिम परिवारों के लोग भी यहां पूजन-अर्चन करने पहुंचते हैं। शारदीय व चैत्र नवरात्र में होने वाले भंडारे में भी वह शामिल होकर प्रसाद ग्रहण करते हैं। मां की महिमा सुनकर यहां आये मुस्लिम परिवार के कई गंभीर रोगी भी ठीक हो चुके हैं। इस वजह से उनका लगाव मंदिर से है।
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नपा अध्यक्ष ने मंदिर को बनवाया और खूबसूरत :
साल 2010 में गोरखपुर के तत्कालीन सांसद व गोरक्षपीठ के उत्तराधिकारी, मौजूदा सीएम योगी आदित्यनाथ ने श्रीबुढ़िया माता मंदिर का उद्घाटन किया था। वह नगरपालिका अध्यक्ष विनय जायसवाल के बुलाने पर पडरौना में मंदिर का उद्घाटन करने आए थे। अध्यक्ष विनय जायसवाल ने बताया कि मंदिर के बगल में पार्क बनकर तैयार हो चुका है। झरही नदी के तट पर सीढ़ियां बनाकर मंदिर को भव्य रूप भी दी गई है। छठ पर्व पर यहां अधिक संख्या में व्रती महिलाएं पहुंचती है। रीवर फ्रंट के तर्ज पर इसको विकसित किया जा रहा है। झरही नदी के पानी के बहाव को बरकरार रखने की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि बुढ़िया माता की कृपा से कभी कोई काम रूका नहीं है।
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