कर्मचारियों की हड़ताल से बिजली आपूर्ति बेपटरी, धरने पर किसान
Lakhimpur-khiri News - लखीमपुर में संविदा कर्मचारियों की 72 घंटे की हड़ताल और आंधी-बारिश के कारण बिजली व्यवस्था पूरी तरह से चौपट हो गई है। कई गांवों में बिजली आपूर्ति बाधित है और उपभोक्ताओं को कठिनाइयों का सामना करना पड़...

लखीमपुर। एक ओर संविदा कर्मियों की हड़ताल और दूसरी ओर आंधी-बारिश। इसके बाद जिले भर में बिजली व्यवस्था बेपटरी हो गई। मितौली, बेहजम, मैगलगंज, चपरतला, निघासन, पलिया इलाके में बिजली गुल हो गई। बिजली कर्मचारियों की हड़ताल के बाद लोकल फॉल्ट बनाने वाले भी ढूंढे नहीं मिल रहे हैं। व्यवस्था से नाराज उपभोक्ताओं और किसानों ने पावर हाउसों पर जमकर प्रदर्शन किया। संविदा कर्मियों की हड़ताल से गांवों में बिजली का बुरा हाल चपरतला। बिजली संविदा कर्मचारियों के 72 घंटे की हड़ताल पर चले जाने से गांवों में बिजली व्यवस्था चौपट हो गई है। फॉल्ट होने से ब्रेकडाउन हुआ है। लेकिन फिर भी संविदा कर्मचारियों ने हाथ नहीं लगाया।
औरंगाबाद पावर हाउस से क्षेत्र में लिंक लाइन पर दी जा रही बिजली तीन दिनों से खराब है। जिसको लेकर ग्रामीणों ने गांव में प्रदर्शन किया। क्षेत्र में औरंगाबाद पावर हाउस से कई दर्जनों गांवों को बिजली दी जाती है। जहां संविदा कर्मचारियों की हड़ताल के चलते लिंक लाइन तीन दिनों से बंद है। बूंद- बूंद पानी को लोग तरस रहे हैं। संविदा कर्मचारी किसी भी व्यक्ति को लाइन ठीक करने के लिए काम भी नहीं करने दे रहे हैं। जिससे पूरे क्षेत्र में हाहाकार मचा हुआ है। भीषण गर्मी में लोग बड़ी मुश्किल से रातें कट पा रहे हैं। लोगों को अंधेरे में चोरी का डर भी लग रहा है। इसके अलावा छोटे बच्चों को गर्मी के मौसम में रात काटना बहुत ही मुश्किल पड़ रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि संविदा कर्मचारियों की हड़ताल के चलते कोई कर्मचारी फोन नहीं उठा रहा। जिससे यह पता नहीं चल रहा कि बिजली कब तक आएगी। कई घंटे बिजली आपूर्ति बाधित रहने से गर्मी में बिजली उपभोक्ताओं को परेशानी उठानी पड़ रही है। जहां बीरमपुर ढखौरा, डंडोरा, निजामपुर गांव के लोगों ने जमकर प्रदर्शन किया। अवर अभियंता उमेश कुमार गौड ने बताया कि संविदा कर्मचारियों हड़ताल के चलते लाइन ठीक नहीं हो पा रही है। यदि कहीं से मिस्त्री बुलाते हैं तो संविदा कर्मचारी उसे काम नहीं करने दे रहे हैं। बिजली समस्या को लेकर किसानों ने किया धरना प्रदर्शन औरंगाबाद। बिजली समस्या को लेकर भारतीय किसान यूनियन स्वराज जिलाध्यक्ष व किसानों ने विद्युत उपकेंद्र औरंगाबाद में प्रदर्शन किया। जेई के आश्वासन के बाद किसान नेताओं ने धरना समाप्त किया। 28 घंटे से विद्युत आपूर्ति बाधित होने के चलते भारतीय किसान यूनियन स्वराज के जिला अध्यक्ष अनूप सिसोदिया के नेतृत्व में तमाम किसानों ने विद्युत उपकेंद्र औरंगाबाद के बाहर प्रदर्शन चालू कर नारेबाजी शुरू कर दी। किसान नेताओं के द्वारा बिजली कर्मियों के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की गई। किसान यूनियन के जिला अध्यक्ष अनूप सिसोदिया ने बताया कि पिछले 28 घंटे से औरंगाबाद विद्युत केंद्र से जाने वाली लिंक लाइन फीडर बंद है। फिलहाल विद्युत केंद्र जेई उमेश चौधरी के आश्वासन के बाद किसान माने। जेई ने बताया कि स्टाफ की उपलब्धता न होने के चलते समस्या हो रही हैं जल्द ही समस्या खत्म करने का आश्वासन के बाद किसानों ने धरना समाप्त किया। 34 घंटे बाद बहाल हुई कई गांवों की बिजली औरंगाबाद। संविदा कर्मचारियों की हड़ताल के चलते बरबर पावर हाउस से संचालित बरगदिया फीडर,लिंक लाइन, इछना फीडर व कारीफार्म फीडर की बिजली सप्लाई 34 घंटे बाद बहाल हुई। संविदा कर्मचारियों की हड़ताल के चलते बिजली बाधित हो गई थी। 34 घंटे बाद बहादुर नगर, जहाननगर, देबीबोझी, पकरिया, नकारा, खम्हरिया, मोहब्बत नगर, सुहेला, सहोरा, अमृतपुर, सरैया बिलियम आदि दर्जनों गांवों की बिजली बहाल हो सकी है। क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति ठप होने से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। विद्युत विभाग की टीम ने तेजी से काम करते हुए बिजली बहाल करने का प्रयास किया। कई जगहों पर तकनीकी खराबी के कारण बिजली आपूर्ति बाधित हुई थी, जिसे दुरुस्त करने के बाद बिजली बहाल की गई। प्रभावित क्षेत्रों में अब सामान्य जनजीवन पटरी पर लौटने लगा है। बिजली निगम को नहीं मिल रहे कामगार, सप्लाई को लेकर हाहाकार लखीमपुर। बिजली विभाग के संविदा ठेका कर्मी लगातार 72 घंटे के कार्यबहिष्कार पर है। इससे बिजली सप्लाई को लेकर लोग बेहाल हो रहे है। वही आंधीपानी और दिक्कते खड़ी कर रहा है। वहीं दूसरी तरफ बिजली महकमा का बिजली का काम करने वाले कामगार भी नहीं मिल पा रहे है। आलम यह है शहर से गांव तक बिजली सप्लाई को लेकर हाहाकार मचना शुरू हो गया है। तमाम गांवों में बीते 30 से अधिक घंटा होने के बाद सप्लाई नहीं मिल सकी है। लखीमपुर डिवीजन में 93 संविदा ठेका कर्मी बिजली सप्लाई बेहतर करने को काम कर रहे थे। इनके कार्यबहिष्कार कर देने से बिजली महकमे ने पावर हाउस पर 15 टीजीटू और एक लाइनमैन तैनात किया है। बिजली महकमा लोकल स्तर पर बिजली का काम करने वाले ठेकेदारों से कर्मी लगवाने की कोशिश कर रहा था। बिजली महकमे को ऐसे कामगार नहीं मिल सके है। आलम यह है कि शहर में ट्रीपिंग कर किसी तरह सप्लाई की जा रही है। लोकल फाल्ट होने पर दस मिनट के काम में दो से तीन घंटे लग रहे है। साथ ही लोगों की निजी सप्लाई लाइन में आई दिक्कत को दूर करने को कर्मी नहीं है। महज दो दिन में ही शहर के पांच पावर हाउस में करीब 200 से अधिक शिकायतों पर काम नहीं हो पाया है। पावर कारपोरेशन निविदा संविदा कर्मचारी संघ ने कार्य बहिष्कार के दूसरे दिन शहर के नई बस्ती पावर हाउस में बने अधीक्षण अभियंता कार्यालय के बाहर जमा होकर विरोध प्रर्दशन किया। साथ ही छटनी, बकाया मानदेय सहित तमाम मांगो को लेकर जमकर नारेबाजी की। मोहम्मदी में विद्युत आपूर्ति व्यवस्था लड़खड़ाई मोहम्मदी। बिजली विभाग के निविदा संविदा कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने से विद्युत आपूर्ति व्यवस्था ध्वस्त हो गई है। नगर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र में लाइन फॉल्ट के चलते बिजली आपूर्ति बहाली को लेकर त्राहि त्राहि मच गई है। विभाग प्राइवेट मजदूरों से काम चलाने को मजबूर है। आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने पर टीजी 2 कर्मचारियों को कार्य पर लगाया गया है। जिन्हें लाइन संबंधी जानकारी न होने के चलते बेबस नजर आ रहे हैं। बुधवार को 33000 लाइन में फॉल्ट आ जाने से हाहाकार मच गया। जंगबहादुरगंज क्षेत्र में बिजली गुल हो गई थी। प्राइवेट लोगों के सहारे ब मुश्किल आपूर्ति बहाल हो पाई है। व्यवस्था लड़खड़ाने से किसने की फसलों पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। अधिकारी अपनी हठधर्मिता के चलते सरकार की छवि खराब करने में लगे हैं।
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