सहकारिता सेवा नियमावलियों में संशोधन की तैयारी, कर्मचारी आक्रोषित
Lucknow News - उत्तर प्रदेश में सहकारिता विभाग सहकारी समिति अधिनियम-1965 और अन्य सेवा नियमावलियों में बदलाव की तैयारी कर रहा है। इसके विरोध में पैक्स से अपेक्स तक के कर्मचारी लामबंद हो गए हैं। कर्मचारियों का आरोप है...

- सहकारी समिति अधिनियम के अलावा एक दर्जन से ज्यादा सेवा नियमावलियों में किया जाना है बदलाव - सहकारी महासंघ की बैठक में बनी आंदोलन की रणनीति, पैक्स से लेकर अपेक्स तक के कर्मचारी होंगे लामबंद लखनऊ, विशेष संवाददाता सहकारिता विभाग उप्र सहकारी समिति अधिनियम-1965 के अलावा तकरीबन आधा दर्जन से ज्यादा सेवा नियमावलियों में बदलाव की तैयारी कर रहा है। इसके लिए प्रशासनिक और सलाहकार समिति के गठन के प्रारूप को मंजूरी दी जा चुकी है। सेवा नियमावलियों में बदलाव पर कर्मचारी आक्रोषित हैं। सहकारी महासंघ की बैठक में मंगलवार को आंदोलन की रणनीति पर चर्चा हुई और तय किया गया कि इसके विरोध में पैक्स से लेकर अपेक्स तक के कर्मचारी लामबंद होंगे।
सहकारिता मंत्री जेपीएस राठौर की अध्यक्षता में हुई विभाग की बैठक में तय हुआ कि उप्र सहकारी समिति अधिनियम-1965, उप्र सहकारी समिति नियमावली-1968, उप्र सहकारी कर्मचारी सेवा नियमावली 1975, लिपिक वर्गीय सेवा नियमावली- 1977, उप्र सहकारी सेवा नियमावली- 1979, उप्र अधीनस्थ सहकारी सेवा नियमावली- 1979 समेत अन्य नियमावलियां और विनियमावलियां तकरीबन 45 साल पुरानी हो चुकी हैं और इनमें कई बदलाव हो चुके हैं। ऐसे में इन्हें वर्तमान नियमों के परिप्रेक्ष्य में बनाया जाना जरूरी हो गया है। इसके लिए एक प्रशासनिक कमेटी और एक सलाहकार समिति का गठन भी कर दिया गया है। प्रशासनिक कमेटी की अध्यक्षता एक रिटायर्ड आईएएस को दी जानी है जबकि सलाहकार समिति की अध्यक्षता सहकारी संस्थागत सेवामंडल के अध्यक्ष करेंगे। इसके अलावा प्रशासनिक कमेटी में सलाहकार समिति को भी शामिल करने के आदेश दिए गए हैं। इस पर सहकारिता विभाग के कर्मचारियों ने रोष जताया है और बड़े आंदोलन की तैयारी में जुट गए हैं। सेवा नियमावली बदलकर कर्मचारियों को गुलाम बनाने की साजिश: आसिफ जमाल उप्र सहकारी ग्राम विकास बैंक लिमिटेड कर्मचारी संयुक्त परिषद के महामंत्री मो. आसिफ जमाल ने कहा कि सेवा नियमावली में सुधार के नाम पर बदलाव करके कर्मचारियों को गुलाम बनाने की साजिश रची जा रही है। विभागीय नौकरशाहों ने पहले निर्वाचित प्रबंध समितियों का अधिकार लेकर उन्हें पंगु बना दिया। निबंधक व उनका पूरा तंत्र मनमाने संशोधनों के माध्यम से सहकारी संस्थाओं पर अपना पूर्ण अधिपत्य स्थापित करना चाहता है। अगर सरकार सहकारी कानूनों व कर्मचारी सेवा नियमावली में बदलाव करना चाहती है तो हाईपावर कमेटी बनाए और उसमें सहकारी जन प्रतिनिधि व कर्मचारी संगठनों का भी उचित प्रतिनिधित्व हो। मंगलवार की बैठक में पैक्स और अपेक्स के सभी कर्मचारी संगठनों की बैठक बुलाकर न्यूनतम साझा कार्यक्रम घोषित करने का फैसला किया है। तय किया है कि इस मामले में द्विपक्षीय वार्ता की जाए और अगर बात न बने तो चरणबद्ध आंदोलन की घोषणा की जाए।
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