क्रमिक अनशन पर बैठे बिजलीकर्मियों के पंडाल की बिजली काटी
Lucknow News - - शक्ति भवन के दरवाजे बंद, पानी और शौचालय की भी सुविधा रोकी लखनऊ,

पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगमों के निजीकरण के विरोध में चल रहे बिजली कर्मचारियों के क्रमिक अनशन के दूसरे दिन शनिवार को पंडाल की बत्ती काट दी गई। विद्युत कर्मचरी संयुक्त संघर्ष समिति ने क्रमिक अनशन पर बैठे कर्मचारियों के लिए शक्ति भवन के दरवाजे बंद करके पानी और शौचालय की सुविधा भी बंद करने का आरोप लगाया। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे ने कहा कि पावर कॉरपोरेशन कर्मचारियों के लिए अब दमनकारी कार्रवाई पर उतारू हो गया है। बत्ती काट दी गई। कर्मचारी चिलचिलाती धूप में बैठने को मजबूर रहे। शौचालय और पानी की सुविधा भी बंद कर दी गई।
क्रमिक अनशन पर बैठे बिजलीकर्मियों की वीडियोग्राफी कराकर उन्हें डराने धमकाने की कोशिश की जा रही है। बड़े पैमाने पर संविदा कर्मचारियों को निकाला जा रहा है और फेशियल अटेंडेंस के नाम पर वेतन रोकने के आदेश जारी हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि शनिवार को बिजली कर्मचारियों ने फील्ड हॉस्टल से शक्ति भवन तक बाइक रैली भी निकाली, जिसका समापन एक रैली के तौर पर हुआ। रैली में कर्मचारियों ने पावर कॉरपोरेशन की दमनकारी नीतियों के खिलाफ आक्रोश व्यक्त किया। कर्मचारियों ने कहा कि निजीकरण के विरोध में यह संघर्ष तब तक जारी रहेगा जब तक निजीकरण का फैसला वापस नहीं लिया जाता। शनिवार को क्रमिक अनशन में यूपी के बिजली कर्मचारियों के समर्थन में मध्य प्रदेश के विद्युत मंडल अभियंता संघ के महासचिव विकास कुमार शुक्ल, वेस्टर्न इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन के अध्यक्ष मनोज तिवारी और मध्य प्रदेश के कई बिजली अभियंता भी शामिल हुए। यूपी के बिजली कर्मचारियों में अनशन पर केस्को और कानपुर क्षेत्र व लखनऊ नगर के बिजलीकर्मी बैठे।
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