गैंगस्टर ने फर्जीवाड़ा कर सवा करोड़ में बेच दी किसान की जमीन
Lucknow News - - निगोहां पुलिस ने दो को किया गिरफ्तार, अन्य की तलाश जारी - किसान के गैंगस्टर ने फर्जीवाड़ा कर सवा करोड़ में बेच दी किसान की जमीन

आशियाना एलडीए कॉलोनी के रहने वाले गैंगस्टर राजेश ने किसान चंद्र किशोर के नाम का अपना फर्जी आधार कार्ड बनवाया। इसके बाद पुरहिया गांव स्थित किसान चंद्र किशोर की जमीन सवा करोड़ रुपये में जावित्री हॉस्पिटल की संचालिका को बेच दी। किसान राजेश और गिरोह में शामिल लोगों ने इसके लिए फर्जी आईडी पर सिम कार्ड खरीदा। उसी नंबर को रजिस्ट्री और बैंक खातों में डाला गया। रुपये लेने के लिए हरदोई की एक बैंक में खाता भी खोला गया था। एसीपी मोहनलालगंज रजनीश वर्मा ने रविवार को जालसाज गिरोह का राजफाश करते हुए दो की गिरफ्तारी की पुष्टि की। एसीपी के मुताबिक गिरफ्तार आरोपितों में हरदोई के माधवगंज खंजानपुर का सौरभ पटेल और मलिहाबाद तिलसुआ का महेंद्र यादव है।
गिरोह में शामिल राहुल पाल, गैंगस्टर राजेश, ब्रोकर रंजीत यादव समेत अन्य की तलाश में दबिश दी जा रही है। इस मामले में पुरहिया गांव के रहने वाले चंद्र किशोर ने निगोहां थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। इसके बाद थानाप्रभारी अनुज कुमार तिवारी और अन्य पुलिस टीम को लगाया गया। चंद्र किशोर के मुताबिक उनकी जमीन गांव में थी। उसके पड़ोस में जावित्री हॉस्पिटल की संचालिका डॉ. ईशा त्यागी की जमीन है। चंद्र किशोर को कुछ महीने पहले पता चला कि उनकी जमीन डॉ. ईशा त्यागी को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बेची गई है। इसके बाद उन्होंने मुकदमा दर्ज कराया। तफ्तीश शुरू हुई तो पता चला कि गैंगस्टर राजेश ने जमीन की रजिस्ट्री चंद्र किशोर बनकर की थी। गिरोह में शामिल सौरभ और महेंद्र को जब पकड़ा गया तो और पूछताछ हुई। दोनों ने बताया कि राहुल ने जमीन के बारे में लीड दी थी। इसके बाद राजेश, वह, महेंद्र और रंजीत जुड़े। राहुल ने राजेश को चंद्र किशोर बनाया। सौरभ की मदद से उसका चंद्र किशोर के नाम से आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज बनवाए। इसके बाद राजेश ने जमीन की रजिस्ट्री कर दी। रुपये लेने के लिए हरदोई में चंद्र किशोर के नाम से फर्जी खाता बैंक ऑफ इंडिया में खुलवाया गया। उस बैंक खाते का संचालन गैंगस्टर राजेश ही कर रहा था। खाता खुलवाने में सौरभ की अहम भूमिका थी। इसके लिए उसने 11 लाख रुपये भी लिए थे। सवा करोड़ रुपये जमीन बिक्री का चेक और कुछ कैश के माध्यम से लिया गया। चेक से रुपया उसी बैंक खाते में ट्रांसफर कराया गया था। प्राथमिक जांच में पता चला है कि इस सब जालसाजी की जानकारी अस्पताल संचालिका को भी नहीं थी। आरोपित सौरभ के खिलाफ हत्या, आर्म्स एक्ट, गैंगस्टर समेत अन्य धाराओं में कई मुकदमे दर्ज हैं। सवा करोड़ की जालसाजी के लिए 15 हजार में खरीदा था फर्जी सिम एसीपी ने बताया की गिरोह के लोगों ने सवा करोड़ में जमीन बेचने के लिए 15 हजार रुपये का सिम भी खरीदा था। उसी सिम के नंबर का प्रयोग बैंक खाते से लेकर रजिस्ट्री तक हुआ था। जिस व्यक्ति की आईडी सिम खरीदने में प्रयोग की गई थी उसे भी ट्रेस कर लिया गया है। जल्द ही उसकी भी गिरफ्तारी की जाएगी।
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