ब्रेन डेड महिला के अंगदान से तीन को मिली नई जिंदगी
Lucknow News - लखनऊ में एक 60 वर्षीय महिला, जो सड़क दुर्घटना में घायल हुई थी, को ब्रेन डेड घोषित किया गया। उनके पति ने अंगदान का फैसला किया, जिसके तहत महिला की दो किडनी और 500 किलोमीटर दूर दिल्ली में लिवर...

-500 किलोमीटर दूर आर्मी हॉस्पिटल में भर्ती मरीज में लिवर प्रत्यारोपित
लखनऊ, वरिष्ठ संवाददाता।
सेवा और त्याग की एक मार्मिक मिसाल पेश करते हुए सेना से रिटायर जूनियर कमीशन अधिकारी (जेसीओ) की 60 वर्षीय पत्नी ने अपने अंतिम क्षणों में तीन व्यक्तियों को जीवन का उपहार दिया। महिला रायबरेली रोड पर सड़क दुर्घटना में घायल हो गई थी। उनका इलाज कमांड अस्पताल में शुरू हुआ। कोशिशों के बावजूद इलाज से फायदा नहीं हुआ। डॉक्टरों की टीम ने उन्हें ब्रेन डेड घोषित किया।
पति ने पत्नी के अंगदान का फैसला किया
सेना से रिटायर अधिकारी ने पत्नी के अंगदान करने का फैसला किया। इसके लिए कमांड अस्पताल ने नई दिल्ली में सेना मुख्यालय से संपर्क किया। वहां से अंगदान की इजाजत मिली। इसके बाद कमांड अस्पताल ने पीजीआई में अस्पताल प्रशासन विभाग के अध्यक्ष डॉ. आर हर्षवर्धन और नेफ्रोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ. नारायण प्रसाद से संपर्क किया। दिल्ली के आर एंड आर से एयर एम्बुलेंस व पीजीआई से एम्बुलेंस की व्यवस्था की गई। यह पूरा ऑपरेशन एसओटीटीओ-यूपी, कमांड अस्पताल (सीसी), पीजीआई, सैन्य पुलिस तथा उत्तर प्रदेश पुलिस के सहयोग से हुआ।
किडनी दो मरीजों में प्रत्यारोपित
अंग निकालने से पहले मेडिकल टीम ने दिवंगत आत्मा के सम्मान में दो मिनट का मौन रखा। जिसे सम्मान के क्षण के रूप में जाना जाता है। जो सशस्त्र बलों के प्रति गहरे सम्मान और मूल्यों का प्रतीक है। इसके बाद अंग प्रत्यारोपण की प्रक्रिया शुरू की गई। महिला से दो किडनी निकाली गईं। एक किडनी पीजीआई में भर्ती मरीज में प्रत्यारोपित की गई। यहां डॉ. नारायण प्रसाद और डॉ. एमएस अंसारी ने प्रत्यारोपण किया। दूसरी किडनी कमांड अस्पताल में भर्ती मरीज में प्रत्यारोपित की गई।
लिवर 500 किलोमीटर दूर मरीज में प्रत्यारोपित
लखनऊ की ब्रेन डेड महिला का लिवर 500 किलोमीटर दूर दिल्ली के मरीज में प्रत्यारोपित किया गया। भारतीय वायुसेना के एक विशेष विमान से नई दिल्ली स्थित आर्मी हॉस्पिटल (आर एंड आर) पहुंचाया गया। जहां लिवर सफलतापूर्वक मरीज में प्रत्यारोपित किया गया। डॉक्टरों का कहना है कि प्रत्यारोपण के बाद मरीज की तबीयत स्थिर है। डॉक्टरों की टीम आईसीयू में भर्ती मरीज की सेहत की निगरानी में हैं। पीजीआई निदेशक डॉ. आरके धीमन ने पूरी टीम को इस सफल प्रयास के लिए बधाई दी है।
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