शौर्य वाटिका म्यूजियम में रखे जाएंगे नौसेना के सेवामुक्त विमान
Lucknow News - लखनऊ के शौर्य वाटिका ओपन एयर म्यूजियम में भारतीय नौसेना के दो सेवामुक्त विमानों को संग्रहालय के रूप में विकसित किया जाएगा। इसका उद्देश्य पर्यटन को बढ़ावा देना और भारतीय सशस्त्र बलों के प्रति जागरूकता...

-सैन्य विरासत संरक्षण की दिशा में ऐतिहासिक कदम, पर्यटक सेना के शौर्य से होंगे परिचित: जयवीर लखनऊ, विशेष संवाददाता
लखनऊ स्थित शौर्य वाटिका ओपन एयर म्यूजियम में भारतीय नौसेना के पराक्रम को प्रदर्शित करने वाले दो सेवामुक्त नौसेना विमानों को संग्रहालय के रूप में विकसित किया जाएगा। इस पहल का उद्देश्य पर्यटन को बढ़ावा देना और आगंतुकों को भारतीय नौसेना की गौरवशाली उपलब्धियों से अवगत कराना है, जिससे यह म्यूज़ियम एक प्रमुख पर्यटन आकर्षण के रूप में विकसित हो सके।
पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि शौर्य वाटिका ओपन एयर म्यूजियम में दो नौसेना विमान संग्रहालय के रूप में जोड़े जाने से न केवल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि यह भारतीय सशस्त्र बलों के प्रति जागरूकता बढ़ाने में भी मदद करेगा। यह परियोजना लखनऊ को एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। यह भारत की सैन्य विरासत के संरक्षण की दिशा में भी एक बड़ा कदम होगा। उन्होंने कहा कि पर्यटन विभाग ने एक अनूठी पहल के तहत टीयू-142एम विमान और एसके-42बी हेलीकॉप्टर को संग्रहालय के रूप में विकसित करने की योजना बनाई है। इन विमानों को चेन्नई के पास स्थित आईएनएस राजाली एयरबेस (चेन्नई) में अलग किया जाएगा। इसके बाद इन्हें लखनऊ लाकर शौर्य वाटिका ओपन एयर म्यूजियम में दोबारा असेंबल किया जाएगा। इस परियोजना के अंतर्गत विमानों के नवीनीकरण और मरम्मत का कार्य किया जाएगा। संग्रहालय का संचालन और रखरखाव अगले पांच वर्षों तक सुनिश्चित किया जाएगा, जिससे पर्यटकों को बेहतर अनुभव मिल सके।
भारतीय नौसेना ने पूर्व सोवियत संघ से प्राप्त आठ टीयू-142एमके-ई विमानों का संचालन मार्च 1988 से मार्च, 2017 तक किया। इन विमानों को आधिकारिक रूप से 27 मार्च 2017 को तमिलनाडु के आईएनएस राजाली एयरबेस पर सेवा से हटा दिया गया। भारतीय नौसेना ने इन विमानों के स्थान पर 12 बोइंग-8 पोसाइडन विमान को जगह दी। अब सेवानिवृत इन विमानों को भारत के विभिन्न राज्यों में पर्यटन स्थलों के रूप में प्रदर्शित किया जा रहा है, ताकि लोग नौसेना के अभियानों और योगदान को करीब से देख सकें। इसके अतिरिक्त एसके-42बी हेलीकॉप्टर, जो कि वेस्टलैंड सी किंग हेलीकॉप्टर का उन्नत संस्करण है, जल्द ही इस संग्रहालय का हिस्सा होगा। 1970 के दशक में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया यह हेलीकॉप्टर पनडुब्बी रोधी युद्ध, खोज और बचाव अभियानों, समुद्री सुरक्षा और आतंकवाद विरोधी अभियानों में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुका है। 1999 के कारगिल युद्ध में भी इसने अहम योगदान दिया था।
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