एलयू के प्रोफेसर विमल जायसवाल प्रकरण में शासन ने गठित की जांच समिति
Lucknow News - लखनऊ विश्वविद्यालय के व्यावहारिक अर्थशास्त्र विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर प्रो. बिमल जायसवाल के खिलाफ फर्जी नियुक्ति के आरोप में उच्च शिक्षा विभाग ने उच्च स्तरीय जांच समिति का गठन किया है। इस समिति में...

फर्जी तरीके से नियुक्ति पाने के आरोप में घिरे लखनऊ विश्वविद्यालय के व्यावहारिक अर्थशास्त्र विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर प्रो. बिमल जायसवाल के खिलाफ हाईकोर्ट के आदेश पर शुक्रवार को उच्च शिक्षा विभाग ने एक उच्च स्तरीय जांच समिति का गठन कर दिया। मंडलायुक्त रौशन जैकब की अध्यक्षता में गठित इस जांच समिति में विशेष सचिव उच्च शिक्षा निधि श्रीवास्तव एवं पदेन उच्च शिक्षा निदेशक, प्रयागराज डॉ. अमित भारद्वाज सदस्य शामिल हैं। पदेन मंडलायुक्त की अध्यक्षता में गठित समिति प्रोफेसर बिमल की वर्ष 2005 में सहायक प्रोफेसर पद पर अन्य पिछड़ा वर्ग की नान क्रीमीलियर संवर्ग में हुई नियुक्ति, परीक्षा केंद्रों के निर्धारण, शिक्षकों की नियुक्तियों में की गई अनियमितता, अंकों में हेरफेर करने एवं शोधार्थी छात्रों का शोषण किए जाने के आरापों की जांच करेगी। समिति 15 दिनों में जांच कर शासन को रिपोर्ट देगी।
यह जांच समिति अधिवक्ता रोहितकांत की शिकायत पर गठित की गई है। इससे पूर्व शासन ने प्रो. बिमल के खिलाफ कुलपति प्रो. आलोक राय की अध्यक्षता में जांच समिति गठित की थी लेकिन उसे हाईकोर्ट की एकल बेंच ने गलत ठहरा दिया था। इसके बाद मामला डबल बेंच गया था, जहां अदालत ने पूर्व के आदेश को पलटते हुए उच्च शिक्षा विभाग को दोबारा जांच समिति गठित करने का आदेश दिया। ऐसे में शासन ने उत्तर प्रदेश राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम-1973 की धारा-8 के अधीन नई जांच समिति गठित कर दी है।
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