अब आकांक्षी नहीं, आदर्श बनेंगे गांव: 50 पैरामीटर पर होगी विकास की परखक नई पहचान भी मिलेगी।
Maharajganj News - महराजगंज में आकांक्षी ब्लॉकों के विकास को तेज करने के लिए डीएम संतोष कुमार शर्मा ने 50 विकास मानकों पर गांवों को संतृप्त करने का लक्ष्य रखा है। नोडल अधिकारियों के माध्यम से हर गांव में समयबद्ध कार्यों...

महराजगंज, हिन्दुस्तान टीम। आकांक्षी ब्लॉकों में अब विकास की रफ्तार तेज होगी। डीएम संतोष कुमार शर्मा ने इन क्षेत्रों में बसे गांवों को शासन के 50 निर्धारित विकास मानकों पर संतृप्त करने का लक्ष्य तय किया है। हर गांव में समयबद्ध तरीके से कार्यों को पूर्ण कराने के लिए नोडल अधिकारी तैनात किए जाएंगे। इससे शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, कृषि, पोषण और अवसंरचना जैसे क्षेत्रों में बेहतर बदलाव की उम्मीद जताई जा रही है। जिले के पांच ब्लॉक परतावल, पनियरा, महराजगंज, मिठौरा व निचलौल को शासन ने आकांक्षी ब्लॉक के रूप में चिह्नित किया है। यह सभी ब्लॉक विकास के कई मानकों पर पीछे रहे हैं।
शासन की आकांक्षी ब्लॉक योजना के तहत इन क्षेत्रों को मुख्य विकासधारा में लाने का प्रयास चल रहा है, लेकिन अपेक्षित परिणाम नहीं मिल पा रहा था। हर ब्लाक में दस-पन्द्रह गांव के बनाए जाएंगे कलस्टर नए जिलाधिकारी संतोष कुमार शर्मा ने इन ब्लॉकों में बसे गांवों को हर पहलू से विकसित करने के लिए विशेष कार्य योजना बनाई है। इसमें शासन के 50 विकास पैरामीटर के आधार पर गांवों को संतृप्त करनने का लक्ष्य रखा गया है। सभी आकांक्षी ब्लाक में दस-पन्द्रह गांव का कलस्टर बनाया जाएगा। हर कलस्टर में अधिकारी नामित किए जाएंगे। वह सभी विभागों से समन्वय बनाकर योजनाओं को समय सीमा के अंदर पूरा कराएंगे। हर विभाग की जवाबदेही तय की जाएगी और नोडल अधिकारियों के जरिये कार्यों की नियमित निगरानी कराई जाएगी, ताकि समय सीमा के भीतर लक्ष्य पूरे हों। प्रशासन ने साफ किया कि यह केवल कागजी कार्रवाई नहीं होगी, बल्कि जमीनी स्तर पर इसका असर नजर आएगा। विभागीय समन्वय, लक्ष्य आधारित क्रियान्वयन और मानीटरिंग की पारदर्शी व्यवस्था लागू की जाएगी। स्वास्थ्य, शिक्षा, पोषण, स्वच्छता पर रहेगा जोर स्वास्थ्य, शिक्षा, पोषण, स्वच्छता, पेयजल, सड़क, बिजली, आवास, वित्तीय समावेशन, डिजिटल साक्षरता और रोजगार जैसे सभी क्षेत्रों में योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन कराया जाएगा। डीएम ने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे गांवों में नियमित भ्रमण कर योजनाओं की प्रगति की रिपोर्ट दें और जहां समस्या है वहां त्वरित समाधान सुनिश्चित करें। प्रशासन के इस पहल से जहां ग्रामीणों को सरकारी योजनाओं का समुचित लाभ मिलेगा, वहीं समावेशी विकास की दिशा में जिले को एक नई पहचान भी मिलेगी।
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