फर्जी नियुक्ति के मास्टरमाइंड राजकुमार के घर गोरखपुर पुलिस की भी दबिश
Maharajganj News - महराजगंज में फर्जी शिक्षक नियुक्ति के मामले में राजकुमार यादव की तलाश में गोरखपुर क्राइम ब्रांच की टीम उसके घर पहुंची, लेकिन वह नहीं मिला। राजकुमार पर आरोप है कि उसने पैसे लेकर नियुक्ति पत्र दिया,...
महराजगंज, हिन्दुस्तान टीम। फर्जी शिक्षक नियुक्ति के मामले में मास्टर माइंड राजकुमार यादव की तलाश में गोरखपुर क्राइम ब्रांच की टीम भी गुरुवार को उसके पैतृक आवास परतावल क्षेत्र के बनकटिया में पहुंची। लेकिन वह घर पर नहीं मिला। इसके बाद क्राइम ब्रांच की टीम राजकुमार के घर पर नोटिस चस्पा कर उसकी फरारी का डुग्गी-मुनादी कर लौट गई। गोरखपुर क्राइम ब्रांच पुलिस के मुताबिक राजकुमार यादव पर आरोप है कि वह गाजीपुर के एक इंटर कॉलेज में नियुक्ति कराने के नाम पर पैसा वापस नहीं किया। नियुक्ति पत्र भी दिया। चार माह बाद पता चला कि नियुक्ति नहीं हुई है। पैसा वापस मांगने पर राजकुमार यादव, उसकी पत्नी अंजली व पिता पारस ने धमकी दिया। जिसके बाद पीड़ित ने पीपीगंज थाना में वर्ष 2023 केस दर्ज कराया है।
उसी मामले में गोरखपुर क्राइम ब्रांच की टीम राजकुमार के घर पहुंची थी। गोरखपुर क्राइम ब्रांच के उप निरीक्षक अनूप कुमार सिंह, कांस्टेबल अजय कुमार सिंह, महिला कांस्टेबल अनुपम शुक्ला ने बताया कि आरोपी राजकुमार यादव के गोरखपुर जिले के शाहपुर थाना क्षेत्र में स्थित आवास एवं श्यामदेउरवा थाना क्षेत्र के बनकटिया स्थित आवास पर नोटिस चस्पा किया गया है। राजकुमार यादव को फर्जी नियुक्ति के मामले में महराजगंज कोतवाली पुलिस भी तलाश कर रही है। फर्जी नियुक्ति में राजकुमार व उसके भाई अरविन्द यादव को शिक्षक पद से बर्खास्त किया जा चुका है। कोतवाली में केस दर्ज है और पुलिस तलाश कर रही है।
घर बेचने के लिए पैसा लिया, वापस मांगने पर थमा दिया था नियुक्ति पत्र
क्राइम ब्रांच गोरखपुर के मुताबिक पीपीगंज थाना क्षेत्र के तिघरा गांव निवासी शिवसागर ने राजकुमार यादव, उसके पिता पारस यादव व पत्नी अंजलि यादव के खिलाफ 19 फरवरी 2023 को केस दर्ज कराया है। जिसके मुताबिक राजकुमार यादव ने गोरखपुर के शिवपुर साहबाजगंज स्थित अपना मकान बेचने के लिए शिवसागर से 23 लाख 50 हजार ले लिया। मकान का रजिस्ट्री कराने के नाम पर राजकुमार यादव हीलाहवाली करते हुए नौकरी दिलाने का झांसा देने लगा। वृन्दावन गाजीपुर के एक इंटर कॉलेज में नियुक्ति का पत्र प्रबन्धक व राजकुमार यादव ने दिया। विद्यालय प्रबंधन ने पत्र जारी कर दिया कि शिवसागर मेरे विद्यालय में कार्यरत हैं। तीन चार माह बाद विद्यालय प्रबंधन ने बताया कि नियुक्ति नहीं हुई है। उसके बाद पैसा वापस मांगने पर आरोपित धमकी देने लगे
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