Khurawli Agricultural Market Faces Severe Neglect Despite Farmers Needs बोले मैनपुरी: अनदेखी से बदहाली का शिकार हो रही कुरावली मंडी, Mainpuri Hindi News - Hindustan
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बोले मैनपुरी: अनदेखी से बदहाली का शिकार हो रही कुरावली मंडी

Mainpuri News - मैनपुरी। स्थानीय गल्ला, फल और सब्जी कारोबार के लिए विकसित की गई कुरावली की नवीन उपकृषि मंडी अव्यवस्थाओं का शिकार है।

Newswrap हिन्दुस्तान, मैनपुरीWed, 9 April 2025 04:30 PM
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बोले मैनपुरी: अनदेखी से बदहाली का शिकार हो रही कुरावली मंडी

स्थानीय गल्ला, फल और सब्जी कारोबार के लिए विकसित की गई कुरावली की नवीन उपकृषि मंडी अव्यवस्थाओं का शिकार है। इस मंडी की स्थापना के पीछे स्थानीय कारोबार, किसानों को आर्थिक बढ़ावा देने का मकसद था, लेकिन प्रशासनिक अनदेखी और संसाधनों की कमी के चलते इस मंडी में कारोबार बढ़ने के स्थान पर लगातार घट रहा है। यहां सुविधा कारोबार की नहीं है।

मंडी में बनाई गई सड़कें क्षतिग्रस्त हो चुकी है। 600 से ज्यादा आढ़ती पंजीकृत हैं, लेकिन कारोबारियों के लिए विशेष इंतजाम नहीं किए गए हैं। हिन्दुस्तान के बोले मैनपुरी संवाद में कारोबारी और किसानों ने अपने विचार रखे। कुरावली स्थित उप कृषि मंडी में 600 आढ़ती लाइसेंस लेकर कारोबार कर रहे हैं। 30 बी ग्रेड तथा 100 सी ग्रेड की दुकान भी बनी हुई है। लेकिन मंडी में कारोबार से जुड़ी आवश्यकताओं की बड़ी कमी है।

गर्मी के दिनों में मंडी परिसर में पीने के पानी की बड़ी समस्या रहती है। सिर्फ एक हैंडपंप इतनी बड़ी मंडी की प्यास बुझाने के लिए लगा हुआ है। इसमें भी पानी कभी-कभी नहीं आता है। कुछ व्यापारियों ने निजी हैंडपंप भी लगवाए हैं। लेकिन यहां के व्यापारी और किसान कह रहे हैं कि यहां कम से कम 6 वाटर एटीएम लगाए जाएं। और चार नए हैंड पंपों की स्थापना की जाए। ताकि पीने की पानी की समस्या का समाधान हो। मंडी में सबसे बड़ी समस्या टीनशेड की है।

यहां डेढ़ सौ बीघा जमीन में मंडी बनी हुई है। लेकिन एक भी पेड़ नहीं लगा है। जिससे यहां आने वाले लोग धूप में परेशान होते हैं। इसके अलावा यहां ट्रांसपोर्टिंग व्यवस्था का सबसे बड़ा अभाव है। मंडी में सुरक्षा के इंतजाम न के बराबर है। आए दिन घटनाएं होती रहती हैं। शिकायत पर प्रभावी कार्रवाई भी नहीं की जाती। किसानों का शोषण भी एक बहुत बड़ी समस्या है। रात के समय इस मंडी में प्रकाश व्यवस्था नहीं रहती। जिस अंधेरे में माल चोरी होता रहता है।

कुरावली की गल्ला मंडी में क्षतिग्रस्त हो चुकी सड़कों को नए सिरे से बनाने के लिए कई बार प्रस्ताव दिए गए। लेकिन स्थानीय प्रशासन और सरकार की तरफ से इन प्रस्तावों पर कोई अमल नहीं किया गया। इसके अलावा यहां जो खाली स्थान हैं वहां पक्के चबूतरे बनाने की नितांत आवश्यकता है। इससे किसानों को फायदा होगा। साथ ही कारोबारी को भी माल खरीदने और उसे लोड करने में सुविधा होगी। मंडी परिसर में क्षतिग्रस्त सड़कों को इंटरलॉकिंग सड़कों के रूप में तब्दील करके ही बात बनेगी । इसके अलावा इन सड़कों के आसपास जल निकासी के इंतजाम भी किए जाएं । बरसात के दिनों में मंडी परिसर में पानी भर जाता है । जिससे किसानों और कारोबारी को परेशानी होती है।

बोले लोग

कृषि मंडी में प्रतिदिन सैकड़ो की संख्या में किसान तथा व्यापारी पहुंचते हैं। ऐसे में मंडी में सामुदायिक शौचालय न होने से किसानों तथा व्यापारियों को खुले में शौच के लिए जाना पड़ता है। इससे गंदगी भी फैलती है और समस्या भी है।

-बॉबी गुप्ता

आलू तथा लहसुन के सीजन में मंडी में बड़ी संख्या में वाहनों का आवागमन होता है ऐसे में किसानों तथा व्यापारियों सहित पल्लेदारों को रात में भी काम करना पड़ता है। मंडी में हाई मास्ट लाइटों के न होने से परेशानी का सामना करना पड़ता है।

-चंद्रशेखर

किसानों तथा व्यापारियों की सुरक्षा के लिए प्रशासन द्वारा यहां कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं। सुरक्षा के लिहाज से मंडी परिसर में सुरक्षा कर्मियों की बहुत आवश्यकता है। जिससे व्यापारियों बिना डर अपना व्यापार कर सकें।

-ग्रीश गुप्ता

भीषण गर्मी में कृषि मंडी में किसानों तथा पल्लेदारों को तेज धूप में काम करना पड़ता है। लगभग 150 बीघा क्षेत्र में बनी मंडी में छाया की व्यवस्था नहीं है। ऐसे में टीन शेड तथा छाया की बहुत आवश्यकता है।

-हेमंत कुमार

मंडी के बड़े क्षेत्र में पेड़ों का अभाव है यदि वन विभाग द्वारा इस पर ध्यान दिया जाए तो वीरान पड़ी मंडी को हरा-भरा बनाया जा सकता है जिसका लाभ किसानों तथा व्यापारियों के साथ पर्यावरण को भी होगा।

-हेमराज शाक्य

वर्तमान में कृषि मंडी में दुकानों का अभाव होने के कारण सब्जी मंडी नहीं लग रही है। जिसके कारण सब्जी मंडी गंगापुर के खेल मैदान में लगाई जा रही है। दुकानों की व्यवस्था हो जाएगी तो सब्जी मंडी भी स्थापित हो जाएगी।

-कौशलेंद्र सिंह

कृषि मंडी में सड़कों की हालत खस्ता तथा जर्जर हो चुकी है। बरसात के दिनों में सड़क के गड्ढे में पानी भर जाता है। मंडी की सड़कों की मरम्मत होना बहुत आवश्यक है। क्योंकि माल का लदान तथा आवक वाहनों से होती है।

-मुन्ने खां

कृषि मंडी में प्रतिदिन बड़ी मात्रा में धनराशि का किसानों तथा व्यापारियों द्वारा लेनदेन किया जाता है। व्यापारी घर से धनराशि लाते हैं तो ऐसे में उनके साथ घटना होने का डर बना रहता है। मंडी में बैंक व्यवस्था आवश्यक है।

-नीरज कुमार

सपा शासन में बनवाई गई कृषि मंडी के व्यापारी वर्ष में एक बहुत बड़ा राजस्व शासन के खाते में भेजते हैं। किसान व्यापारियों को कोई भी सुविधा नहीं दी गई है। भीषण गर्मी में किसानों तथा व्यापारियों को पेयजल जैसे गंभीर संकट से गुजरना पड़ता है।

-बलवीर शाक्य

शासन द्वारा जितने व्यापारियों को लाइसेंस दिए गए हैं। उतनी मंडी परिसर में दुकान नहीं है। जिन व्यापारियों को दुकान नहीं मिली है उनको खुले आसमान के नीचे अपनी आढत चलानी पड़ रही है। मंडी में नवीन दुकानों के बनने की बहुत आवश्यकता है।

-कंचन वर्मा

मंडी में आढतियों के लिए बनाई गई दुकान है अधिकांश क्षतिग्रस्त हो चुकी है। जिससे आढ़तियों तथा पल्लेदारों को खतरा बना हुआ है। इन दुकानों की मरम्मत होना बहुत आवश्यक है। प्रशासन को इस तरफ ध्यान देना चाहिए।

-राजेंद्र शाक्य

कृषि मंडी में पानी के निवास की व्यवस्था नहीं होने के कारण बरसात के दिनों में मंडी परिसर में ही बरसात का पानी जल भराव के रूप में जमा हो जाता है। जिसके कारण मंडी में पहुंचने वाले किसानों तथा व्यापारियों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है।

-पवन वर्मा

कृषि मंडी में आवारा जानवरों के घूमने के कारण फसल लेकर आने वाले क्षेत्रीय किसानों को समस्या का सामना करना पड़ता है। यह जानवर फसल पर टूट पड़ते है और किसानों पर हमला कर देते हैं। इस पर लगाम लगनी चाहिए।

-प्रमोद वर्मा

भीषण गर्मी में किसानों तथा व्यापारियों सहित पल्लेदार अक्सर बीमार हो जाते हैं। जिनको 5 किलोमीटर दूर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाना पड़ता है। यदि मंडी में ही प्राथमिक चिकित्सा उपलब्ध हो जाए तो किसानों का लाभ मिलेगा।

-राजेंद्र दास

कृषि मंडी में रात के समय प्रकाश की व्यवस्था नहीं है। जिसके चलते रात में माल चोरी हो जाता है। सरकार मंडी में स्ट्रीट लाइटें लगाकर प्रकाश व्यवस्था समुचित कराए। जिससे किसानों का माल चोरी न हो।

-राजेंद्र वर्मा

गर्मी का मौसम आ चुका है लेकिन मंडी में पेयजल व्यवस्था का कोई इंतजाम नहीं है। मंडी में पल्लेदारों के लिए पानी के लिए वाटर कैंप लगाए जाएं ताकि उन्हें स्वच्छ पानी मिल सके और वह बीमार न पड़ें। जल्द इसका समाधान होना चाहिए।

-सुभाष वर्मा

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