नगर निगम की एक दिन में दो बैठकों पर सवाल
Mathura News - एक ही दिन में दो बैठकों को पार्षदों ने बताया नियमविरुद्ध-एक ही दिन में दो बैठकों को पार्षदों ने बताया नियमविरुद्ध -बजट की मदवार बैलेंसशीट उपलब्ध न करा

सात माह बाद नगर निगम मथुरा-वृंदावन की बोर्ड बैठक की तिथि घोषित होते ही बैठक को लेकर गर्माहट शुरु हो गयी है। शुक्रवार को पार्षदों ने मंडलायुक्त शैलेन्द्र कुमार सिंह को ज्ञापन सौंपते हुए एक ही दिन में दो-दो बैठकें रखने को जहां नियम विरुद्ध बताया है, वहीं पार्षदों को बजट की मदवार बेलेंस शीट उपलब्ध न कराए जाने पर आपत्ति कर दी है। यही नहीं एजेंडे पर नगर निगम के किसी भी अधिकारी के हस्ताक्षर न होने पर ऐजेंडे के औचित्य पर सवाल खड़े कर दिए हैं। बताते चलें कि महापौर विनोद अग्रवाल के हस्ताक्षर से नगर निगम की बोर्ड बैठक 16 अप्रैल को प्रस्तावित करते हुए पार्षदों को एजेंडा भेजा गया है। ऐजेंडा मिलने के बाद ही पार्षदों ने सवाल खड़े करने शुरु कर दिए हैं। सबसे पहले नगर निगम के पार्षद राजीव कुमार सिंह ने बजट का ब्यौरा पार्षदों को उपलब्ध कराने की मांग की। उसके बाद शुक्रवार को नगर निगम के पार्षद नीनू कुन्ज विहारी भारद्वाज, भाजपा पार्षद दल के नेता चौधरी राजवीर सिंह, पार्षद ब्रजेश खरे, पार्षद तेजवीर सिंह व नीरज वशिष्ठ ने आगरा पहुंच कर मंडलायुक्त शैलेन्द्र कुमार सिंह को ज्ञापन सौंपा। पार्षदों ने मंडलायुक्त को बताया कि नगर निगम मथुरा वृन्दावन की होने वाली आगामी बोर्ड बैठक 16 अप्रैल को है। एक ही दिन में दो अगल-अलग बैठकें क्रमशः प्रथम सत्र समय सुबह 11 बजे से अधिवेशन बोर्ड बैठक एवं दूसरे सत्र में सायं 4 बजे से मूल बजट वित्तीय वर्ष 2025-26 रख दी गयी है। इस संबंध में दो अलग-अलग ऐजेंडा पार्षदों को प्राप्त हुए हैं। लगभग सात माह के बाद बोर्ड बैठक होने जा रही है। बैठक में जनहित में विकास के कार्यों एवं अन्य मुद्दों पर प्रश्नकाल का होना अति आवश्यक है। प्रश्नकाल के अलावा ऐजेंडा में प्रस्तावित 15 प्रस्तावों पर भी विन्दुबार चर्चा होगी, जिसमें अधिक समय की आवश्यकता होगी। इस कारण इसी दिन दूसरे सत्र की बजट जैसी महत्वपूर्ण बैठक का समय सायं चार बजे से रखा गया है, यह बजट पर चर्चा हेतु नाकाफी है। चूंकि बजट भारी भरकम राशि का है, बजट की पारदर्शिता बनाये रखने के लिए एलईडी प्रोजेक्टर लगवाकर सदन में उपस्थित पार्षदों को विस्तार से मदवार बताना भी अति आवश्यक है।
पार्षदों ने बजट बैठक की तिथि अलग से रखने और बजट की पारदर्शिता के लिए 31 मार्च 2025 तक की मदवार विस्तृत बेलेंस शीट पार्षदों को उपलब्ध कराने की मांक की। इसके साथ ही गत बैठक की सम्पुष्टि किए जाने की बात कही गयी है, जिस बैठक के प्रस्तावों पर लगाए गए आरोपों को जांच समिति द्वारा सही ठहराया गया है। पार्षदों ने यह भी मांग की कि बोर्ड बैठक और बजट बैठक में पार्षदों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति प्रतिबंधित रखी जाए। यदि पार्षद प्रतिनिधि बैठक में उपस्थित होते हैं, तो यह नगर निगम के अधिनियम और शासनादेश का उल्लंघन होगा।
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